वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही के लिए सरकार की उधार योजना
वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही के लिए सरकार की उधार योजना
भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही के लिए अपने उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है।
भारत सरकार वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही (वित्त वर्ष 2025-26) में दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से 6.77 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रही है, जिसमें सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (एसजीआरबी) जारी करके 10,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।
6.77 लाख करोड़ रुपये का सकल बाजार उधार 6 मार्च, 2026 तक 22 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से पूरा किया जाएगा। बाजार उधार 3, 5, 7, 10, 15, 30, 40 और 50 वर्षीय प्रतिभूतियों में फैला होगा। विभिन्न परिपक्वता अवधियों के अंतर्गत उधार (एसजीआरबी सहित) का हिस्सा इस प्रकार होगा: 3-वर्षीय (6.6 प्रतिशत), 5-वर्षीय (13.3 प्रतिशत), 7-वर्षीय (8.1 प्रतिशत), 10-वर्षीय (28.4 प्रतिशत), 15-वर्षीय (14.2 प्रतिशत), 30-वर्षीय (9.2 प्रतिशत), 40-वर्षीय (11.1 प्रतिशत) और 50-वर्षीय (9.2 प्रतिशत)।
सरकार प्रतिदान (रिडम्पशन) प्रॉफाइल को सुचारू बनाने के लिए प्रतिभूतियों का स्विचिंग/बायबैक जारी रखेगी।
सरकार नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूति के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त अभिदान बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी।
वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही में ट्रेजरी बिल जारी करके 13 सप्ताह के लिए साप्ताहिक उधारी 19,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें क्रमशः 91 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 6,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 6,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
सरकारी भुगतानों और प्राप्तियों में अस्थायी असंतुलन को दूर करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही के लिए वेज एंड मीन एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा 50,000 करोड़ रुपये निर्धारित की है।
अधिक जानकारी वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइटों पर उपलब्ध विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति में देखी जा सकती है।