भारत अपने सबसे बड़े पैरा-एथलेटिक्स आयोजन की मेजबानी के लिए तैयार है। यह हमारे खेलों को एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में देखने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है: डॉ. मनसुख मांडविया
भारत अपने सबसे बड़े पैरा-एथलेटिक्स आयोजन की मेजबानी के लिए तैयार है। यह हमारे खेलों को एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में देखने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है: डॉ. मनसुख मांडविया
राजधानी में पहली बार आयोजित होने वाली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 से ठीक दो दिन पहले, युवा मामले और खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम का दौरा किया और इस बड़े आयोजन की अंतिम तैयारियों का जायजा लिया। यह भारत के लिए वैश्विक प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने की क्षमता में एक नया अध्याय है, जो अंतरराष्ट्रीय खेलों के केंद्र के रूप में देश की स्थिति को और मजबूत करता है।
युवा मामले और खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे भी डॉ. मांडविया के साथ थीं। दोनों ने एथलीटों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। स्थानीय आयोजन समिति, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) और खेल मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी निरीक्षण के दौरान मौजूद थे।
डॉ. मांडविया ने स्टेडियम का विस्तृत दौरा किया, जिसमें मान्यता केंद्र, चिकित्सा केंद्र, नए बिछाए गए वार्मअप और मुख्य मोंडो ट्रैक जैसे क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जिनका उन्होंने 29 अगस्त, 2025 को उद्घाटन किया था। यह ट्रैक चैंपियनशिप के दौरान 100 से अधिक देशों के कुछ बेहतरीन पैरा-एथलीटों की मेजबानी करेगा। मेजबान देश के कुल 73 पैरा-एथलीट शीर्ष स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।
निरीक्षण के दौरान डॉ. मांडविया ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य के रूप में उभरा है। उनका मानना है कि दुनिया एक परिवार है – ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ – यह हमें दुनियाभर के एथलीटों को भारतीय धरती पर एक साथ लाने के लिए प्रेरित करता है,” ।
उन्होंने आगे कहा, “100 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ, यह न केवल भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा पैरा-एथलेटिक्स आयोजन है, बल्कि यह हमारी क्षमता, समृद्ध संस्कृति और खेल को एक एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रतिबिंब है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हर पैरा-एथलीट को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा मिले और वे यहां विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पूरी तरह से समर्थित महसूस करें।”
पेरिस पैरालंपिक पदक विजेता शरद कुमार, सिमरन शर्मा और प्रीति पाल ने भी मोंडो ट्रैक पर अभ्यास किया। इस दौरान भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें पीसीआई के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया भी शामिल थे, जिन्होंने मंत्री को भारतीय दल की तैयारी के बारे में जानकारी दी।
दोनों मंत्रियों ने मान्यता केंद्र, वार्म-अप ट्रैक, जिम, चिकित्सा केंद्र, वर्गीकरण क्षेत्र और लाउंज जैसी विभिन्न प्रमुख सुविधाओं का भी निरीक्षण किया, और दोहराया कि कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को प्रतिभागियों और अधिकारियों के लिए निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
यह टूर्नामेंट 25 सितंबर को उद्घाटन समारोह के साथ शुरू होने वाला है, जो भारत में पहली बार इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी का प्रतीक है।