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राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने जुलाई 2025 में ₹2.72 करोड़ के रिफंड की सुविधा प्रदान की

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने जुलाई 2025 में ₹2.72 करोड़ के रिफंड की सुविधा प्रदान की

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने जुलाई 2025 में 27 क्षेत्रों में 7,256 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान करते हुए 2.72 करोड़ के रिफंड की सुविधा सफलतापूर्वक प्रदान की।

कॉमर्स क्षेत्र में रिफंड संबंधी शिकायतों की संख्या सबसे अधिक 3,594 दर्ज की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.34 करोड़ का रिफंड हुआ।  इसके बाद यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र का स्थान रहा, जहाँ 31 लाख का रिफंड किया गया।

हेल्पलाइन के तकनीकी परिवर्तन ने इसकी पहुँच और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। कॉल की संख्या दस गुना से भी अधिक बढ़ गई है, जो दिसंबर 2015 में 12,553 से बढ़कर दिसंबर 2024 में 1,55,138 हो गई है। इसी प्रकार, औसत मासिक शिकायत पंजीकरण 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,11,951 हो गया है। उपभोक्ताओं द्वारा डिजिटल माध्यमों को अपनाने में भी तेज़ी आई है, व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत पंजीकरण मार्च 2023 में 3% से बढ़कर मार्च 2025 में 20% हो गया है।

एनसीएच उपभोक्ताओं, सरकारी एजेंसियों, निजी क्षेत्र की कंपनियों और नियामक निकायों को एक साथ लाने वाले एकीकृत मंच के रूप में कार्य करता है। कन्वर्जेंस भागीदारों की संख्या 2017 में 263 से बढ़कर 2025 में 1,131 कंपनियों तक पहुँच गई है। इससे सहयोगात्मक निवारण तंत्र मज़बूत हुआ है।

उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देने के दायित्व के अनुरूप, भारत सरकार का उपभोक्ता मामले विभाग, एनसीएच के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आंकड़ों की निगरानी करता है। इसके अतिरिक्त, विभाग उन कंपनियों की भी पहचान करता है जिनके पास शिकायतों की संख्या अधिक है और जो अभी तक कन्वर्जेंस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं ताकि आगे की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। एनसीएच उन कंपनियों के साथ सहयोग करता है जो शिकायत निवारण के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाती हैं और उन्हें स्वैच्छिक आधार पर कन्वर्जेंस भागीदार के रूप में शामिल करती हैं। एक बार शामिल हो जाने के बाद, एनसीएच इन कंपनियों के साथ वास्तविक समय का शिकायत डेटा साझा करता है, जिससे सहकारी सहभागिता के माध्यम से स्वतंत्र, निष्पक्ष और शीघ्र समाधान संभव होता है।

अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, एनसीएच शिकायतों को प्राप्त होते ही व्यवस्थित रूप से कन्वर्जेंस भागीदारों को अग्रेषित करता है, और कंपनियों से समय पर निवारण को प्राथमिकता देने की अपेक्षा की जाती है। यह सहयोगात्मक मॉडल पारदर्शिता, कॉर्पोरेट जवाबदेही और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाता है, साथ ही न्यायिक तंत्र पर बोझ को कम करता है। उद्योग की भागीदारी को और बढ़ावा देने के लिए, एनसीएच ने भागीदार-ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, जिससे यह पूरी तरह से ऑनलाइन, पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल हो गई है।

अधिक कॉल वॉल्यूम के दौरान पहुँच बढ़ाने और शिकायत पंजीकरण को सुव्यवस्थित करने के लिए, एनसीएच ने व्हाट्सएप को अपने टोल-फ्री नंबर (1915) के साथ एकीकृत किया है। अत्यधिक ट्रैफ़िक या तकनीकी कारणों से लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की स्थिति में, उपभोक्ताओं को स्वचालित व्हाट्सएप सूचनाएं भेजी जाती हैं, जिससे वे सीधे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह पहल सहज और उपयोगकर्ता के अनुकूल विकल्प प्रदान करती है, जिससे हेल्पलाइन की दक्षता और प्रतिक्रियाशीलता में सुधार होता है। इसके अलावा,  समर्पित फीडबैक तंत्र शुरू किया गया है, जो उपभोक्ताओं को https://consumerhelpline.gov.in/public/feedback के माध्यम से सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित करता है।  प्राप्त फीडबैक की व्यवस्थित रूप से समीक्षा और विश्लेषण किया जाता है, जो उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप निरंतर सुधार हेतु महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में कार्य करता है।

एनसीएच भारत में उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए प्रभावी पूर्व-मुकदमेबाजी मंच के रूप में उभरा है। यह पारंपरिक मुकदमेबाजी का परेशानी मुक्त, त्वरित और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करता है। प्रक्रियात्मक देरी और उच्च लागतों को दूर करने के लिए डिज़ाइन की गई हेल्पलाइन उपभोक्ताओं को औपचारिक मामलों को आगे बढ़ाने से रोकती हैं। यह हेल्पलाइन पूर्व-मुकदमेबाजी चरण में वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र प्रदान करती है। भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की पहल एनसीएच सुलभ और समय पर शिकायत समाधान सुनिश्चित करके उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करती रहती है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) उपभोक्ता मामलों के विभाग के अंतर्गत कार्य करती है। यह डिजिटल सशक्तिकरण, नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण और उपभोक्ता शिकायत निवारण में संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के माध्यम से विकसित भारत की भावना का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

देश भर में हेल्पलाइन पर उपभोक्ताओं के कुछ हालिया सकारात्मक अनुभव नीचे दिए गए हैं:

 

असम (तिनसुकिया)

असम में तिनसुकिया के एक उपभोक्ता ने सोशल मीडिया आधारित ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए एक एलईडी लैंप का ऑनलाइन ऑर्डर दिया। 1,000 का भुगतान करने के बावजूद, उपभोक्ता को न तो उत्पाद मिला और न ही विक्रेता की ओर से कोई जवाब। डिलीवरी, रिफंड या संपर्क न होने से निराश उपभोक्ता ने हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। एनसीएच के हस्तक्षेप से, समस्या का सफलतापूर्वक समाधान हुआ और उपभोक्ता को रिफंड मिल गया। उपभोक्ता ने सराहना व्यक्त करते हुए कहा, “बहुत अच्छा है, बहुत मददगार है। मैं सबको सुझाव भी दूँगी। बहुत जल्दी समाधान भी मिल गया।” [तिनसुकिया, असम] (डॉकेट संख्या 7556893)

त्रिपुरा (अगरतला)

त्रिपुरा में अगरतला के एक उपभोक्ता ने एक एयर कंडीशनर खरीदा जो वैध वारंटी के साथ आया था। एसी के काम करना बंद करने के बाद, उपभोक्ता ने मरम्मत सेवा के लिए कंपनी से संपर्क किया, लेकिन काफी देरी हुई।  कंपनी की धीमी प्रतिक्रिया के कारण, उपभोक्ता ने समस्या के समाधान के लिए एनसीएच में शिकायत दर्ज कराई। एनसीएच से समय पर मिली सहायता से, समस्या का 24 घंटे के भीतर समाधान हो गया। उपभोक्ता ने संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा, “24 घंटे के अंदर ही, समस्या का समाधान हो गया है। मैंने जितनी बार भी आपकी हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई, समस्या का समाधान हुआ है।” [अगरतला, त्रिपुरा] (डॉकेट संख्या 7614502)

महाराष्ट्र (मुंबई)

महाराष्ट्र में मुंबई के एक उपभोक्ता ने वादा की गई सेवाओं के लिए एक एजेंसी सेवा प्रदाता को डेबिट कार्ड के माध्यम से 6,000 का भुगतान किया। यद्यपि, वादे के अनुसार सेवाएँ प्रदान नहीं की गईं, जिसके कारण उपभोक्ता ने धनवापसी की माँग की। समस्या के समाधान के कई असफल प्रयासों के बाद, उपभोक्ता ने एनसीएच में शिकायत दर्ज कराई। एनसीएच की सहायता से, मामले का शीघ्र समाधान किया गया और उपभोक्ता को धन वापस किया गया।  अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए, उपभोक्ता ने कहा, प्रतिक्रिया तो बहुत अच्छी है, जो महीने भर से नहीं हो पा रहा था, वो 2 दिन में हो गया। [मुंबई, महाराष्ट्र] (डॉकेट नंबर 7601336)

बिहार (नालंदा)

बिहार में नालंदा के एक उपभोक्ता को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से आवश्यक खाद्य आपूर्ति प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वैध राशन कार्ड होने के बावजूद, उपभोक्ता ने बताया कि उसे पिछले चार महीनों से उचित मूल्य की निर्धारित दुकान से कोई राशन नहीं मिला है। संबंधित विभाग से मदद लेने के बार-बार प्रयास करने पर भी कोई नतीजा नहीं निकला। कोई विकल्प न होने पर, उपभोक्ता ने राष्ट्रीय उपभोक्ता सहायता केंद्र (एनसीएच) में शिकायत दर्ज कराई। एनसीएच के समय पर हस्तक्षेप से समस्या का समाधान हुआ और राशन आपूर्ति बहाल हो गई। हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए, उपभोक्ता ने कहा, “मैं आपको किन लफ़्ज़ों में, किन शब्दों में धन्यवाद दूं सर। आपके माध्यम से मेरी यह समस्या हल हुई है। मैं बहुत अधिक खुश हूँ। आपका, आपकी टीम का, इस राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का बहुत-बहुत धन्यवाद।”  [नालंदा, बिहार] (डॉकेट संख्या 7563209)

हरियाणा (गुरुग्राम)

हरियाणा में गुरुग्राम के एक उपभोक्ता ने एक अधिकृत गैस एजेंसी से प्राप्त गैस सिलेंडर के कम वज़न पर चिंता प्रकट की। सिलेंडर बुक करने के बाद, उपभोक्ता ने सिलेंडर का नाप लिया और पाया कि वज़न अपेक्षा से कम है। संबंधित एजेंसी को समस्या की सूचना देने के बावजूद, शुरुआत में कोई समाधान नहीं किया गया। इसके बाद उपभोक्ता ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनसीएच) में शिकायत दर्ज कराई। समय पर हस्तक्षेप से समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान हो गया। त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए, उपभोक्ता ने कहा, “समस्या तो हल हो गई है, यह बहुत अच्छी बात है। आप तुरंत कार्रवाई करते हैं और समय पर समाधान देते हैं।” [गुड़गांव, हरियाणा] (डॉकेट संख्या 7593115)

राजस्थान (जयपुर)

राजस्थान में जयपुर के एक उपभोक्ता ने एक ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सूती प्रिंटेड वस्तु का ऑर्डर दिया। उत्पाद प्राप्त होने पर, उपभोक्ता को गुणवत्ता संबंधी समस्याएँ मिलीं और उसने वापसी का अनुरोध किया।  हालाँकि, कंपनी ने दावा किया कि उपभोक्ता का पता गलत था और पिकअप की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया, जबकि उत्पाद उसी पते पर सफलतापूर्वक पहुँचा दिया गया था। कंपनी से संपर्क करने के कई प्रयास विफल रहे। इसके बाद उपभोक्ता ने समाधान के लिए एनसीएच से संपर्क किया। एनसीएच ने समस्या का तुरंत समाधान किया और पूर्ण धनवापसी के साथ प्रक्रिया पूरी की। उपभोक्ता ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मेरी तरफ से धन्यवाद है आपको और आपकी टीम को जो आपने सहायता की – धनवापसी मिल गई।” [जयपुर, राजस्थान] (डॉकेट संख्या 7556220)

तमिलनाडु (कोयंबटूर)

तमिलनाडु में कोयंबटूर के उपभोक्ता ने ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए 7,781 का ऑर्डर दिया। खरीदारी के बाद, उपभोक्ता को डिलीवरी या ट्रैकिंग के बारे में कोई और जानकारी नहीं मिली। रद्दीकरण और धनवापसी का अनुरोध करते हुए ईमेल भेजने के बावजूद, कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद उपभोक्ता ने समस्या के समाधान के लिए एनसीएच से संपर्क किया। एनसीएच द्वारा प्रदान की गई सहायता के बाद, समस्या का समाधान किया गया और उपभोक्ता की चिंता का संतोषजनक हल किया गया। उपभोक्ता ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा, “आपने बहुत अच्छा काम किया है! पूरी टीम को बधाई।” [कोयंबटूर, तमिलनाडु] (डॉकेट संख्या 7340644)

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