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थाईलैंड में आयोजित 23वें महाधिवेशन के दौरान भारत को एआईबीडी कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया

थाईलैंड में आयोजित 23वें महाधिवेशन के दौरान भारत को एआईबीडी कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया

एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए भारत को एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (एआईबीडी) के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया है। यह चुनाव 19–21 अगस्त 2025 के बीच फुकेट, थाईलैंड में आयोजित एआईबीडी की 23वीं महासभा के दौरान हुआ और भारत ने सर्वाधिक मत प्राप्त किए।

यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि भारत ने आखिरी बार 2016 में एआईबीडी कार्यकारी परिषद अध्यक्ष का पद संभाला था। इस नई उपलब्धि के साथ, एआईबीडी में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका और अधिक सशक्त हुई है। जबकि एआईबीडी महाधिवेशन के अध्यक्ष के रूप में इसका वर्तमान कार्यकाल अगस्त 2025 तक जारी रहेगा।

इस अवसर पर प्रसार भारती के सीईओ और एआईबीडी जनरल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष श्री गौरव द्विवेदी ने सभी सदस्य देशों और संगठनों का विश्वास और समर्थन बनाए रखने के लिए आभार व्यक्त किया। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से बोलते हुए उन्होंने कहा—

“हम भारत के नेतृत्व पर जताए गए विश्वास को गहराई से महत्व देते हैं। पिछले पाँच दशकों से हमने एआईबीडी में विभिन्न भूमिकाओं में मिलकर काम किया है और भविष्य में भी सामूहिक रूप से और द्विपक्षीय साझेदारियों के माध्यम से एआईबीडी के कार्यक्रमों और पहलों को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

उन्होंने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और कहा कि वे उनके साथ मिलकर एआईबीडी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए उत्सुक हैं।

एआईबीडी के बारे में

एआईबीडी की स्थापना वर्ष 1977 में यूनेस्को के तत्वावधान में की गई थी। यह एक अनूठा क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है। वर्तमान में इसके 45 देशों से 92 से अधिक सदस्य संगठन जुड़े हैं, जिनमें शामिल हैं-

भारत एआईबीडी का संस्थापक सदस्य है और प्रसार भारती, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करते हुए इसमें शामिल है।

23वें एआईबीडी महाधिवेशन (जीसी 2025) के बारे में

एआईबीडी के 23वें एआईबीडी महाधिवेशन और उससे जुड़े विभिन्न बैठकें श्री गौरव द्विवेदी की अध्यक्षता में थाईलैंड के फुकेट में सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। इस कॉन्फ्रेंस में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े अंतरराष्ट्रीय हितधारकों ने हिस्सा लिया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नीति विनिमय और संसाधन साझेदारी के माध्यम से एक जीवंत और सहयोगात्मक मीडिया वातावरण बनाने पर ज़ोर दिया। इस वर्ष का विषय था— “जनता के लिए मीडिया, शांति और समृद्धि” 

यह प्रतिष्ठित उपलब्धि एक बार फिर इस तथ्य को रेखांकित करती है कि प्रसारण के क्षेत्र में भारत की नेतृत्व क्षमता पर वैश्विक स्तर पर भरोसा किया जाता है। साथ ही यह भारत को मीडिया विकास की वैश्विक दिशा तय करने में और अधिक रणनीतिक और प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करती है।