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चिंतन शिविर 2025 में दिए गए सुझावों का कार्यान्वयन

चिंतन शिविर 2025 में दिए गए सुझावों का कार्यान्वयन

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा, योजनाओं के कार्यान्वयन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों पर चर्चा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रणालियों और नवाचारों को साझा करने के साथ-साथ सुधार और आगे की राह के लिए सुझाव देने हेतु चिंतन शिविर का आयोजन करता है। चिंतन शिविर 2025 में दिए गए सुझावों को विभिन्न योजनाओं में शामिल किया गया और मंत्रालय को सौंपे गए विभिन्न क्षेत्रों के लिए सर्वोत्तम प्रणालियों को अपनाया गया।

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए इस मंत्रालय द्वारा गठित कार्य समूह समिति ने अन्य बातों के साथ-साथ देश भर में पहुंच बढ़ाने और कार्य को पूर्ण करने, दक्षता बढ़ाने और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए मौजूदा प्रणाली में सुधार करने के लिए छात्रवृत्ति के निम्नलिखित मुद्दों पर विचार किया है:

मंत्रालय ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय), डीएनटी के आर्थिक सशक्तिकरण योजना (एसईईडी) और मशीनीकृत स्वच्छता इको-सिस्टम के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते) जैसी योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-एजेएवाई)

पीएम-एजेएवाई योजना के आदर्श ग्राम घटक के अंतर्गत कवरेज का दायरा बढ़ाकर इसमें उन सभी पात्र गांवों को शामिल किया गया है, जिनमें कम से कम 40 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी है और कुल जनसंख्या 500 या उससे अधिक है, जिससे योजना की समग्र प्रभावशीलता बढ़ गई है।

डीएनटी के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजना (एसईईडी)

गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 2,000 अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को मंजूरी दी गई है। विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों के लिए बैंक खाते खोलने में राज्यों के साथ समन्वय में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एसएचजी बैंक खातों की संख्या अप्रैल 2025 में 1,814 से बढ़कर वर्तमान में 3,000 हो गई है। आयुष्मान भारत पहल के तहत, सात राज्यों – गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में 4.5 लाख आयुष्मान कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। कार्डों की घर-घर डिलीवरी और कार्ड वितरण के लिए शिविर आयोजित करने हेतु एजेंसियों को नियुक्त किया गया है।

मशीनीकृत स्वच्छता इको-सिस्टम के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते)

नमस्ते योजना के कुछ घटकों को संशोधित किया गया है, ताकि योजना को और मजबूत बनाया जा सके और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। मशीनीकरण के अंतिम लक्ष्य को आगे बढ़ाने और निजी क्षेत्र के हितधारकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें मशीनीकृत सफाई उपकरण/वाहन खरीदने और लगाने के लिए अग्रिम पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने का एक नया घटक योजना में जोड़ा गया है। इसके अलावा, स्वच्छता उद्यमियों के लिए प्रति व्यक्ति अग्रिम पूंजीगत सब्सिडी को इकाई लागत के 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल.वर्मा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

  1. छात्रवृत्ति के नवीकरण के लिए स्वतः आवेदन।
  2. सत्यापन प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण।
  3. डी-डुप्लीकेशन के उपाय।
  4. बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण।
  5. वितरण में लगने वाले समय को कम करना।
  6. छात्रवृत्ति की समय-सीमा का शैक्षणिक कैलेंडर के साथ तालमेल बिठाना।
  7. पहुंच और जागरूकता बढ़ाना।
  8. एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना।
  9. गैर-निवासी छात्रों के लिए सत्यापन।