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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के लिए दस प्रतिशत सकल बजटीय सहायता

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के लिए दस प्रतिशत सकल बजटीय सहायता

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों/संगठनों (एमडीओ) द्वारा केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के दस प्रतिशत सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) व्यवस्था के अंतर्गत व्यय की निगरानी की जाती है। व्यय विभाग के 5 मई 2017 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए निर्धारित दस प्रतिशत सकल बजटीय सहायता के उपयोग का आकलन करने के लिए सभी गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों के साथ नियमित रूप से तिमाही समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।

दस प्रतिशत सकल बजटीय सहायता व्यवस्था के अंतर्गत व्यय की निगरानी पोर्टल में सभी गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों/संगठनों द्वारा डेटा प्रविष्टि और व्यय शामिल हैं। यह तिमाही समीक्षा बैठकों के दौरान व्यय की समय पर और उचित समीक्षा करने में मदद करता है। वर्ष 2014-15 के दौरान गुणात्मक व्यय 24,819.18 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 1,02,749.00 करोड़ रुपये था। पिछले 11 वर्षों में यानी वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 तक 6.11 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस व्यय से सतत संपत्ति का सृजन हुआ है जिससे रेल, सड़क और हवाई संपर्क बढ़ा है और स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और बिजली जैसे क्षेत्रों में सुधार हुआ है।

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।