संसद प्रश्न: छोटे परमाणु ऊर्जा संचालित रिएक्टरों का विकास
संसद प्रश्न: छोटे परमाणु ऊर्जा संचालित रिएक्टरों का विकास
सरकार ने केंद्रीय बजट 2025 के दौरान विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू किया है। इस मिशन में लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के अनुसंधान और विकास के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है।
परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) वर्तमान में निम्नलिखित लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों का विकास कर रहा है:
परमाणु ऊर्जा विभाग के स्थलों पर रिएक्टरों की प्रमुख इकाइयां स्थापित करने की योजना है। इन एसएमआर की आगामी इकाइयाँ, कैप्टिव पावर प्लांटों के मामले में अंतिम-उपयोगकर्ता उद्योग द्वारा प्रस्तावित स्थलों पर और बंद हो रहे ताप विद्युत संयंत्रों के मामले में उपयुक्त ब्राउनफील्ड स्थलों पर लागू नियामक अनुमोदनों के अधीन, स्थापित की जाएंगी।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोक सभा में एक मौखिक उत्तर में यह जानकारी दी।
- ऊर्जा गहन उद्योग जैसे एल्युमीनियम, स्टील, सीमेंट आदि के लिए बंद हो रहे ताप विद्युत संयंत्रों और कैप्टिव विद्युत संयंत्रों के पुनरुद्देश्यीकरण के लिए भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर-200)।
- ऊर्जा क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने के उद्देश्य से दूरस्थ तथा ऑफ-ग्रिड स्थानों के लिए ऊर्जा उपलब्ध कराने हेतु लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर-55)।
- परिवहन क्षेत्र और प्रक्रिया उद्योगों के डीकार्बोनाइजेशन हेतु हाइड्रोजन उत्पादन हेतु 5 मेगावाट क्षमता का उच्च तापमान गैस कूल्ड रिएक्टर।