संसदीय कार्य मंत्रालय सेवा भावना को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय कर्मयोगी पहल में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है
संसदीय कार्य मंत्रालय सेवा भावना को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय कर्मयोगी पहल में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है
संसदीय कार्य मंत्रालय अधिकारियों में सेवा भाव और उत्तरदायित्व की भावना को मज़बूत बनाने के लिए राष्ट्रीय कर्मयोगी पहल में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। इस प्रशिक्षण ने अधिकारियों को अपनी भूमिकाओं के प्रति अधिक जागरूक और जनता की सेवा के लिए प्रोत्साहित किया है।
राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण आयोग द्वारा कार्यान्वित एक व्यापक व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों में जनसेवा की भावना और उनके द्वारा किए गए कार्य के प्रति संतुष्टि का भाव जागृत करना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सभी मंत्रालयों/विभागों में तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशालाओं के माध्यम से मास्टर प्रशिक्षकों (एमटी) को प्रशिक्षित किया गया है। यह मास्टर प्रशिक्षक अपने मंत्रालय/विभाग के 30 से 35 अधिकारियों के बैच को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में परस्पर संवादात्मक शिक्षण विधियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
i. स्थिति परक अभ्यास, जिसमें प्रतिभागी सामूहिक रूप से अपने काम करने के तरीकों को बेहतर बनाते हैं (कर्मयोगी तरीके से काम करने का परिचय)।
ii. विस्तृत टीम डिजाइन अभ्यास जिसमें प्रतिभागी अपनी वर्तमान भूमिकाओं और अपने अनुभाग में कार्य तथा विभाग और बड़े राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति अपने योगदान पर विचार करते हैं।
वर्तमान योजना के अनुसार, यह कार्यक्रम केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री तथा विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।