मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे ने 443 करोड़ रुपए की राजपुरा-मोहाली 18 किलोमीटर रेल लाइन को मंज़ूरी दी
मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे ने 443 करोड़ रुपए की राजपुरा-मोहाली 18 किलोमीटर रेल लाइन को मंज़ूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब के लिए रेलवे की एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। पंजाब में लंबे समय से प्रतीक्षित राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन को मंजूरी दे दी गई है।
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आज यह घोषणा की। इससे पंजाब के लोगों की 50 साल से भी पुरानी मांग पूरी हो गई है।
इस 18 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पर 443 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से सीधे जोड़ेगी।
नई लाइन के प्रमुख लाभ
सीधा संपर्क: पहले, लुधियाना से चंडीगढ़ पहुँचने के लिए ट्रेनों को अंबाला होकर जाना पड़ता था, जिससे दूरी अतिरिक्त लगती थी और समय भी बढ़ जाता था। अब राजपुरा और मोहाली के बीच सीधा संपर्क होगा, जिससे यात्रा की दूरी करीब 66 किलोमीटर कम हो जाएगी।
मालवा क्षेत्र के सभी 13 जिले अब चंडीगढ़ से अच्छी तरह जुड़ पाएँगे। इससे मौजूदा राजपुरा-अंबाला मार्ग पर यातायात आसान होगा और अंबाला-मोरिंडा लिंक छोटा हो जाएगा।
सभी उपलब्ध विकल्पों में से, इस मार्ग को इसलिए चुना गया, क्योंकि इसमें कृषि भूमि के अधिग्रहण की ज़रुरत सबसे कम है, जिससे कृषि गतिविधियों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।
आर्थिक प्रभाव
इस परियोजना से कपड़ा, विनिर्माण और कृषि सहित कई उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। यह पंजाब के कृषि क्षेत्र को प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों और बंदरगाहों से जोड़ने वाला एक व्यापक नेटवर्क तैयार करेगी, जिससे निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त होंगी:
नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा
एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा भी प्रस्तावित है जो निम्नलिखित को जोड़ेगी:
पंजाब में रिकॉर्ड रेलवे निवेश
2014 से अब तक की प्रमुख उपलब्धियाँ:
वर्तमान परियोजनाएँ:
फिरोजपुर-पट्टी रेल लाइन सीमावर्ती जिलों और गुजरात के बंदरगाहों के बीच अहम संपर्क प्रदान करेगी। यह सेवा पंजाब के सीमावर्ती जिलों (अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर) को जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारा बनाएगी।
ये प्रमुख शहरों और अंत में गुजरात के बंदरगाहों से भी जुड़ेंगीं, जिससे रसद लागत में खासी कमी आएगी।
त्योहारों का मौसम: रिकॉर्ड रेल सेवाएँ
भारतीय रेलवे में अन्य प्रमुख नई जानकारियों का ऐलान करते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव ने छठ और दीवाली के दौरान 12,000 विशेष रेलगाड़ियाँ चलाने की रिकॉर्ड व्यवस्था की भी घोषणा की:
विशेष रेल सेवाएँ:
पिछले वर्ष: 7,724 विशेष रेलगाड़ियाँ
इस वर्ष लक्ष्य: 12,000 विशेष रेलगाड़ियाँ
पहले ही अधिसूचित: 10,000 से अधिक फेरे
अनारक्षित रेलगाड़ियाँ: 150 रेलगाड़ियाँ शीघ्र परिचालन के लिए तैयार
अतिरिक्त: 50 और रेलगाड़ियाँ जल्द ही अधिसूचित की जाएँगी
यात्रियों की अधिकतम आवाजाही आमतौर पर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होती है और रेलवे इस भीड़ को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सेवा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यह भी बताया कि रेलवे परिचालन में पहले के मुकाबले खासा सुधार हुआ है और देश भर के 70 में से 29 रेलवे मंडलों में 90% से अधिक समयपालन दर हासिल की गई है। कुछ मंडल तो 98% से अधिक समयपालन दर के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
यह बेहतर बुनियादी ढाँचे, योजना और रेलवे नेटवर्क में सुचारू संचालन के कारण मुमकिन हो पाया है।