फास्टैग वार्षिक पास योजना
फास्टैग वार्षिक पास योजना
सरकार ने 17 जून, 2025 को प्रकाशित राजपत्र संशोधन अधिसूचना संख्या जीएसआर 388 (ई) के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 में संशोधन किया है। संशोधन में सभी गैर-व्यावसायिक कार, जीप और वैन के लिए एक फास्टैग वार्षिक पास पेश किया, जो 15 अगस्त, 2025 से प्रभावी हो गया है। वार्षिक पास योजना 3000/- रुपये के शुल्क के भुगतान पर सभी राष्ट्रीय राजमार्ग/राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे शुल्क प्लाजा पर एक वर्ष के लिए या 200 शुल्क प्लाजा क्रॉसिंग तक जो भी पहले हो, यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी। एक बंद उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली में, शुल्क प्लाजा के माध्यम से वाहन का प्रवेश और निकास एक ही क्रॉसिंग माना जाएगा। वार्षिक पास योजना का उद्देश्य गैर-व्यावसायिक वाहन (कार/जीप/वैन) उपयोगकर्ताओं पर फास्टैग और उपयोगकर्ता शुल्क के बोझ को कम करना है।
वार्षिक पास राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे (एनई) शुल्क प्लाज़ा पर लागू है। हालांकि वार्षिक पास वर्तमान में राज्य राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर लागू नहीं है, फिर भी यदि राज्य सरकार राज्य राजमार्गों/एक्सप्रेसवे के लिए ऐसी पास प्रणाली शुरू करने को इच्छुक है, तो इस उद्देश्य के लिए पूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क में कमी लाने के लिए निम्नलिखित उपाय शुरू किए हैं:
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
- गैर-वाणिज्यिक कार/जीप/वैन के लिए फास्टैग आधारित वार्षिक पास योजना 15 अगस्त, 2025 से प्रभावी हो गई है, जैसा कि राजपत्र अधिसूचना संख्या जीएसआर 388 (ई) दिनांक 17 जून 2025 में अधिसूचित किया गया है। यह योजना 3000/- रुपये (तीन हजार रुपये) के भुगतान पर 200 राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा क्रॉसिंग या एक वर्ष की वैधता, जो भी पहले हो, प्रदान करती है।
- मंत्रालय ने राजपत्र अधिसूचना संख्या जीएसआर 437 (ई) दिनांक 1 जुलाई, 2025 के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के एक खंड के उपयोग के लिए शुल्क की दर को युक्तिसंगत बनाया है, जिसकी गणना संरचना या संरचनाओं की लंबाई को छोड़कर राष्ट्रीय राजमार्ग के खंड की लंबाई में संरचना या संरचनाओं की लंबाई का दस गुना जोड़कर या राष्ट्रीय राजमार्ग के खंड की कुल लंबाई का पांच गुना, जो भी कम हो, जोड़कर की जाएगी।