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जीएसटी युक्तिकरण से डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा; अधिकांश उत्पादों पर अब शून्य या मामूली 5 प्रतिशत दर

जीएसटी युक्तिकरण से डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा; अधिकांश उत्पादों पर अब शून्य या मामूली 5 प्रतिशत दर

जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर 2025 को अपनी 56वीं बैठक में देश के डेयरी क्षेत्र को मज़बूत करने के ऐतिहासिक कदम के तौर पर दूध और दूध से बने उत्पादों पर व्यापक दर-युक्तिकरण को मंज़ूरी दे दी है। ये सुधार इस क्षेत्र में जीएसटी दरों में सबसे व्यापक सुधारों में से एक हैं, जिससे अब अधिकांश डेयरी उत्पाद या तो कर मुक्त हो गए हैं या उन पर केवल 5 प्रतिशत की दर लागू होगी।

22 सितंबर, 2025 से प्रभावी संशोधित ढांचे के तहत, निम्नलिखित डेयरी उत्पादों पर अब कम या शून्य कर दरें लागू होंगी:

इस महत्वपूर्ण कर-युक्तिकरण से डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिलने और किसानों तथा उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो देश के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देगा। इस सुधार से 8 करोड़ से अधिक ग्रामीण किसान परिवारों, खासकर छोटे, सीमांत और भूमिहीन कामगार, जो अपनी आजीविका के लिए दुधारू पशुओं का पालन-पोषण करते हैं, सीधे लाभान्वित होंगे, साथ ही एक बड़े उपभोक्ता वर्ग को भी इससे राहत मिलेगी। कम कराधान से परिचालन लागत कम करने, मिलावट पर अंकुश लगाने और घरेलू तथा निर्यात दोनों बाज़ारों में भारतीय डेयरी उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

भारत विश्व में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वर्ष 2023-24 में देश में 239 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ, जो वैश्विक दूध उत्पादन का लगभग 24 प्रतिशत है। डेयरी उद्योग कृषि अर्थव्यवस्था की आधारशिला होने के साथ ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, ग्रामीण आजीविका बढ़ाने और लाखों लोगों को रोजगार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सबसे बड़े कृषि उत्पाद के रूप में, डेयरी उद्योग राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5.5 प्रतिशत का योगदान देता है। 2023-24 में मौजूदा कीमतों पर दूध उत्पादन का मूल्य 12.21 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने के साथ दूध और दूध उत्पाद, पशुधन उप-क्षेत्र में मूल्य का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। 2024 में भारतीय डेयरी क्षेत्र का अनुमानित कुल बाजार 18.98 लाख करोड़ रुपए रहा होने का अनुमान है।

अभी हुए जीएसटी सुधारों से इस क्षेत्र में उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थायी आजीविका भी सुनिश्चित होगी।

  1. अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध – जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य किया गया
  2. पनीर/छेना (पूर्व-पैक और लेबल वाला) – जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया
  3. मक्खन, घी और डेयरी स्प्रेड – जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
  4. पनीर – जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
  5. गाढ़ा दूध – जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
  6. दूध युक्त पेय पदार्थों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
  7. आइसक्रीम – जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
  8. दूध के डिब्बे – जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया

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