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खनन-रहित कोयला भूमि का पारिस्थितिक पुनर्स्थापन और पुनर्ग्रहण

खनन-रहित कोयला भूमि का पारिस्थितिक पुनर्स्थापन और पुनर्ग्रहण

कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), अर्थात् कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने जैविक और तकनीकी उपायों सहित वैज्ञानिक पुनर्ग्रहण के माध्यम से खनन-रहित और बंजर कोयला खदान भूमि का प्रगतिशील पारिस्थितिक पुनर्ग्रहण किया है। इन सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा पिछले पांच वर्षों में पारिस्थितिक पुनर्स्थापन उद्देश्यों के लिए पुनर्ग्रहण किए गए कुल खनन क्षेत्र का राज्य-वार और वर्ष-वार विवरण निम्‍नलिखित है:

पिछले पांच वर्षों में पारिस्थितिक पुनर्स्थापन उद्देश्यों के लिए पुनः प्राप्त राज्यवार कोयला खनन भूमि (हेक्टेयर में)

राज्य

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

2024-25

कुल

असम

0.00

0.60

1.24

0.00

1.90

3.74

छत्तीसगढ़

138.85

183.50

198.94

245.84

305.44

1072.57

झारखंड

125.64

211.08

240.15

129.17

119.40

825.44

मध्य प्रदेश

262.81

286.05

203.50

284.74

366.65

1403.75

महाराष्ट्र

61.11

186.67

200.13

210.13

146.10

804.14

ओडिशा

72.71

64.49

65.88

31.63

123.43

358.14

राजस्थान

23.00

6.00

5.00

8.00

6.00

48.00

तमिलनाडु

160.60

131.92

113.30

128.07

125.12

659.01

तेलंगाना

809.00

580.00

557.50

562.00

551.00

3059.50

उत्‍तर प्रदेश

56.50

78.50

102.50

64.59

58.77

360.86

पश्चिम बंगाल

120.24

136.75

119.01

127.72

57.73

561.45

कुल

1830.46

1865.56

1807.15

1791.89

1861.54

9156.60

 

कोयला और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान कोयला और लिग्नाइट खनन क्षेत्रों में और उसके आसपास 2,800 हेक्टेयर भूमि के पुनर्ग्रहण और वनीकरण का लक्ष्य रखा है। कोयला और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा वनीकरण ड्रोन-आधारित बीज प्रसारण, मियावाकी वृक्षारोपण और सीड बॉल प्रसारण जैसी उपयुक्त तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है।

कोयला मंत्रालय, कोयला और लिग्नाइट उत्पादक सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा संचालित कोयला और लिग्नाइट खदानों के आसपास के क्षेत्रों में घरेलू और सिंचाई उद्देश्यों के लिए सुरक्षित और उपचारित खदान जल के उपयोग को सुलभ बनाने के लिए जल शक्ति मंत्रालय और कोयला एवं लिग्नाइट उत्पादक राज्यों की राज्य सरकारों के साथ समन्वय में कार्यरत है। कोयला और लिग्नाइट पीएसयू ने अपने द्वारा संचालित खदानों से भूजल निकासी के लिए जल शक्ति मंत्रालय के केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कर लिए हैं। कोयला उत्पादक जिलों में पीएसयू द्वारा निम्नलिखित जलविज्ञान पुनर्स्थापन और जल स्तर सुधार उपाय लागू किए गए हैं:

यह जानकारी केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।