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एनएचएआई ने ब्लैकलिस्टिंग के लिए ‘ढीले फास्टैग’ की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को मजबूत किया

एनएचएआई ने ब्लैकलिस्टिंग के लिए ‘ढीले फास्टैग’ की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को मजबूत किया

सुगम टोल संचालन सुनिश्चित करने और ढीले फास्टैगकी रिपोर्टिंग को मज़बूत करने के लिए, एनएचएआई ने टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतधारकों के लिए अपनी नीति को और सुव्यवस्थित किया है ताकि वे ढीले फास्टैग‘, जिन्हें आमतौर पर “टैग-इन-हैंड” भी कहा जाता है, की तुरंत रिपोर्ट कर उन्हें ब्लैकलिस्ट कर सकें। वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोलिंग जैसी आगामी पहलों को देखते हुए, फास्टैग की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे का समाधान करना आवश्यक है।

कभी-कभी वाहन मालिक जानबूझकर वाहन के विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते। इस से परिचालन सम्बंधी चुनौतियां पैदा होती हैं, जिससे लेन में भीड़भाड़, झूठे चार्जबैक, बंद टोल प्रणाली में दुरुपयोग, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह व्यवस्था में बाधा आती है, जिसके परिणामस्वरूप टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है और राष्ट्रीय राजमार्ग के अन्य उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।

समय पर सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए, एनएचएआई ने एक समर्पित ईमेल आईडी उपलब्ध कराई है और टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतधारकों को ऐसे फास्टैग की तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, एनएचएआई रिपोर्ट किए गए फास्टैग को ब्लैकलिस्ट/हॉटलिस्ट करने के लिए तुरंत कार्रवाई करेगा।

98 प्रतिशत से अधिक की व्यापक पहुंच के साथ, फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली में क्रांति ला दी है। ढीले फास्टैग या “हाथ में टैग” इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यों की दक्षता के लिए एक चुनौती हैं। यह पहल टोल संचालन को और अधिक कुशल बनाने में मदद करेगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए निर्बाध और सहज यात्रा सुनिश्चित होगी।