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Text of PM’s address at the launch of various development projects in Durgapur, West Bengal

Text of PM’s address at the launch of various development projects in Durgapur, West Bengal

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी हरदीप सिंह पुरी, शांतनु ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी जी, संसद में मेरे सहयोगी शॉमिक भट्टाचार्य जी, ज्योतिर्मय सिंह महतो जी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। नमस्कार!

हमारा ये दुर्गापुर, स्टील सिटी होने के साथ ही भारत की श्रम शक्ति का भी बड़ा केंद्र है। भारत के विकास में दुर्गापुर की बहुत बड़ी भूमिका है। आज इसी भूमिका को और मजबूत करने का अवसर हमें मिला है। थोड़ी देर पहले यहां से 5 हजार चार सौ करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये सारी परियोजनाएं, यहां की कनेक्टिविटी को सशक्त करेंगी। यहां गैस बेस्ड ट्रांसपोर्ट, गैस बेस्ड इकॉनॉमी को बल मिलेगा। आज की परियोजनाओं से इस स्टील सिटी की पहचान और मजबूत होगी। यानि ये परियोजनाएं, मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड, इस मंत्र के साथ पश्चिम बंगाल को आगे बढ़ने में मदद करेंगी। इससे यहां के नौजवानों के लिए रोजगार के अनेक अवसर भी पैदा होंगे। मैं आप सभी को, इन परियोजनाओं के लिए बहुतबहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आज पूरी दुनिया में विकसित भारत के संकल्प की चर्चा है। इसके पीछे भारत में दिख रहे वो बदलाव हैं, जिन पर विकसित भारत की इमारत का निर्माण हो रहा है। इन बदलावों का एक बड़ा पहलू, भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर है। जब मैं इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करता हूं, तो इसमें सोशल, फिजिकल और डिजिटल, हर प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर है। 4 करोड़ से अधिक गरीबों के पक्के घर, करोड़ों टॉयलेट्स, 12 करोड़ से अधिक नल कनेक्शन, हज़ारों किलोमीटर की नई सड़कें, नए हाईवे, नई रेल लाइन्स, छोटेछोटे शहरों में बने एयरपोर्ट, गांवगांव घरघर पहुंचा इंटरनेट, ऐसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ, पश्चिम बंगाल सहित देश के हर राज्य को मिल रहा है।

साथियों,

पश्चिम बंगाल की ट्रेन कनेक्टिविटी पर अभूतपूर्व काम हुआ है। बंगाल देश के उन राज्यों में है, जहां बड़ी संख्या में वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। कोलकाता मेट्रो का तेज़ी से विस्तार हो रहा है। यहां नई रेल लाइनें बिछाने का काम, चौड़ीकरण और बिजलीकरण का काम तेजी से चल रहा है। अनेक रेलवे स्टेशन आधुनिक हो रहे हैं। इसके अलावा, बहुत बड़ी संख्या में रेल ओवर ब्रिज भी बनाए जा रहे हैं। आज दो और रेलवे ओवर ब्रिज पश्चिम बंगाल को मिले हैं। ये सारे काम बंगाल के लोगों का जीवन आसान बनाने में बड़ी मदद करेंगे।

साथियों,

हमने यहां के एयरपोर्ट को भी उड़ान योजना से जोड़ा है। बीते एक वर्ष में ही 5 लाख से ज्यादा यात्री, इसके ज़रिए सफर कर चुके हैं। आप भी जानते हैं, जब ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, तो सुविधाएं तो मिलती ही हैं, हजारों नौजवानों को नौकरी भी मिलती है। इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में जो रॉ मटैरियल लग रहा है, उसे बनाने में भी बड़ी संख्या में रोजगार का निर्माण हो रहा है।

साथियों,

पिछले 10-11 सालों में देश में गैस कनेक्टिविटी पर जितना काम हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। बीते दशक में देश में एलपीजी गैस घरघर पहुंची है। और इसकी दुनियाभर में वाह वाही भी हो रही है। हमने वन नेशन वन गैस ग्रिड के विजन पर काम किया, प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना बनाई। इसके तहत, पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी भारत के छह राज्यों में गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है। लक्ष्य ये है कि इन राज्यों में भी पाइप से सस्ती गैस उद्योगों तक पहुंचे, रसोई तक पहुंचे। जब गैस की उपलब्धता होगी, तभी इन राज्यों में सीएनजी से गाड़ियां चल सकेंगी, हमारे उद्योग, गैस आधारित टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर सकेंगे। मुझे खुशी है कि आज दुर्गापुर की ये औद्योगिक धरती भी नेशनल गैस ग्रिड का हिस्सा बन गई है। इसका बड़ा लाभ यहां के उद्योगों को होगा। इस प्रोजेक्ट से, पश्चिम बंगाल के करीब 25 से 30 लाख घरों में पाइप से सस्ती गैस पहुंचेगी। यानी इतने परिवारों का, माताओंबहनों का जीवन आसान होगा। इससे हज़ारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

साथियों,

आज दुर्गापुर और रघुनाथपुर के बड़े स्टील और बिजली कारखानों को भी नई टेक्नॉलॉजी से लैस किया गया है। इनमें करीब 1500 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। अब ये कारखाने दुनिया के साथ कंपीट करने के लिए और अधिक efficient हो गए हैं। मैं बंगाल के लोगों को, इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की विशेष बधाई देता हूं।

साथियों,

भारत की फैक्ट्रियां हों या फिर हमारे खेतखलिहान, हर जगह एक ही निश्चय के साथ काम हो रहा है। हमें 2047 तक भारत को विकसित बनाना है। हमारा रास्ता हैविकास से सशक्तिकरण। रोज़गार से आत्मनिर्भरता। और संवेदनशीलता से सुशासन। इन्हीं मूल्यों पर चलते हुए हम पश्चिम बंगाल को भारत की विकास यात्रा का मजबूत इंजन बनाकर के रहेंगे। आप सभी को फिर से विकास परियोजनाओं की बहुतबहुत बधाई देता हूं। अभी के लिए इतना ही, बहुत कुछ कहना है, लेकिन इस मंच पर कहने के बजाय, अच्छा है, पास में दूसरा मंच है, वहीं जाकर के बोलूंगा, पूरा बंगाल और पूरा देश, वहां होने वाली बातें सुनने के लिए जरा ज्यादा आतूर है, मीडिया के लोग भी बड़े उत्सुक हैं, तो साथियों, यहां तो इस कार्यक्रम में मैं, मेरी वाणी को यहीं पर विराम देता हूं। लेकिन कुछ पल के बाद वहीं से गर्जना होगी, बहुतबहुत धन्यवाद।.