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Text of PM’s address at the launch of multiple development projects in Mumbai, Maharashtra

Text of PM’s address at the launch of multiple development projects in Mumbai, Maharashtra

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्रीमान आचार्य देवव्रत जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी रामदास अठावले जी, के.आर. नायडू जी, मुरलीधर मोहोल जी, महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी, अजीत पवार जी, अन्य मंत्रिगण, भारत में जापान के राजदूत केइची ओनो जी, अन्य महानुभाव, भाइयों और बहनों!

विजयादशमी झाली, कोजागरी पौर्णिमा झाली.. आणि आता दहा दिवसान्नि दिवाळी, तुम्हाला या सर्वांसाठी खूप खूप शुभेच्छा देतो।

साथियों,

आज मुंबई का लंबा इंतजार खत्म हुआ है। मुंबई को अब अपना दूसरा International Airport मिल गया है। ये एयरपोर्ट इस क्षेत्र को एशिया के सबसे बड़े कनेक्टिविटी हब के रूप में स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। आज मुंबई को पूरी तरह से अंडर ग्राउंड मेट्रो भी मिली है, इससे मुंबई में ट्रेवल और आसान होगा, लोगों का समय बचेगा। ये अंडरग्राउंड मेट्रो विकसित होते भारत का जीवंत प्रतीक है। मुंबई जैसे व्यस्त शहर में जमीन के नीचे और वो भी एतिहासिक बिल्डिंगों को सुरक्षित रखते हुए, ये शानदार मेट्रो बनाई गई है। मैं इससे जुड़े श्रमिकों और इंजीनियर्स को भी आज बधाई देता हूं। 

साथियों,

ये समय भारत के नौजवानों के लिए अनगिनत अवसरों का समय है। कुछ दिन पहले ही देश की अनेक आईटीआई को इंडस्ट्री से जोड़ने के लिए 60 हजार करोड़ रूपये की पीएम सेतु स्कीम लॉंन्च हुई है। आज से महाराष्ट्र सरकार ने सैंकड़ों आईटीआई और तकनीकी स्कूलों में नए प्रोग्राम का शुभारंभ किया है। इससे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी ड्रोन, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, ऐसी अनगिनत नई टेक्नॉलॉजी की ट्रेनिंग मिल पाएगी। मैं महाराष्ट्र के युवाओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों, 

आज इस बड़े अवसर पर मैं, महाराष्ट्र के सपूत, लोकनेता दि. बा. पाटील जी को भी याद कर रहा हूं। उन्होंने समाज के लिए, किसानों के लिए, जिस सेवा भाव से काम किया, वो हम सभी के लिए प्रेरणा है। उनका जीवन, समाज-जीवन में काम करने वालों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

साथियों,

आज पूरा देश, विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में जुटा है। विकसित भारत, यानी जहां गति भी हो और प्रगति भी हो, जहां लोकहित सर्वोपरि हो, जहां सरकार की योजनाएं, देशवासियों का जीवन आसान बनाएं। अगर आप बीते 11 वर्षों की यात्रा पर नजर डालें, तो भारत के कोने-कोने में इसी भावना से तेज गति से काम हो रहा है। जब वंदे भारत सेमी हाईस्पीड ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं, जब बुलेट ट्रेन का काम रफ्तार पकड़ता है, जब चौड़े हाईवे और एक्सप्रेसवे नए शहरों को जोड़ते हैं, जब पहाड़ों को चीरकर लंबी टनल्स बनती हैं, जब लंबे और ऊंचे सी-ब्रिज, समंदर के दो किनारों को जोड़ते हैं, तब भारत की गति भी दिखाई देती है, और भारत की प्रगति भी दिखाई देती है। तब भारत के नौजवानों की उड़ान को नए पंख लगते हैं।

साथियों,

आज का कार्यक्रम भी इसी सिलसिले को आगे बढ़ा रहा है। नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें विकसित भारत की झलक है। ये छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर बना है, और इसका आकार कमल के फूल जैसा है, यानी ये संस्कृति और समृद्धि का जीवंत प्रतीक है। इस नए एयरपोर्ट से महाराष्ट्र के किसान, यूरोप और मिडिल ईस्ट के सुपरमार्केट से भी जुड़ जाएंगे। यानी किसान की ताज़ा उपज, फल-फूल, सब्जी और मछुआरों के उत्पाद, तेज़ी से ग्लोबल मार्केट तक पहुंच पाएंगे। इस एयरपोर्ट से यहां आसपास के छोटे और लघु उद्योगों के लिए एक्सपोर्ट की लागत कम होगी, यहां निवेश बढ़ेगा, नए उद्योग, नए उद्यम लगेंगे। मैं महाराष्ट्र और मुंबई के सभी लोगों को इस एयरपोर्ट की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

साथियों,

जब सपनों को सिद्ध करने का संकल्प हो, जब देशवासियों तक तेज विकास का लाभ पहुंचाने की इच्छाशक्ति हो, तो नतीजे भी मिलते हैं। हमारी हवाई सेवा और इससे जुड़ी इंडस्ट्री इसका बहुत बड़ा प्रमाण है। आपको याद होगा, 2014 में जब देश ने मुझे अवसर दिया, तो मैंने कहा था कि मेरा सपना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर कर सके। इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी था कि देश में नए-नए एयरपोर्ट बनाए जाएं। हमारी सरकार ने इस मिशन पर गंभीरता से काम शुरू किया था। बीते 11 साल में देश में एक के बाद एक नए एयरपोर्ट बनते चले गए। साल 2014 में हमारे देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे। आज भारत में एयरपोर्ट्स की संख्या 160 को पार कर गई है।

साथियों, 

जब देश के छोटे-छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनते हैं, तो वहां के लोगों को हवाई सफर के लिए विकल्प मिलने लगता है। और उसमें भी पैसे की मुश्किल कम करने के लिए हमने उड़ान योजना शुरू की ताकि सस्ते में लोगों को हवाई जहाज का टिकट मिल पाए। उड़ान योजना की वजह से बीते दशक में लाखों लोगों ने पहली बार हवाई सफर किया है, अपना सपना पूरा किया है। 

साथियों,

नए एयपरपोर्ट बनने और उड़ान योजना से लोगों को तो सुविधा मिली है, और साथ ही भारत दुनिया का तीसरा बड़ा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट भी बना है। अब तो हमारी एयरलाइन्स लगातार अपना विस्तार कर रही हैं। और लोगों के लिए आश्चर्य होता है, जब दुनिया के लोग जानते हैं, अकेले हिन्दुस्तान से इन दिनों हवाई जहाज बनाने वाली कंपनियों के पास करीब-करीब 1 हजार नए हवाई जहाज का आर्डर बुक पड़ा है। इससे नए पायलट्स, कैबिन क्रू, इंजीनियर्स, ग्राउंड वर्कर्स के लिए नए अवसर बन रहे हैं।

साथियों,

जब जहाज बढ़ते हैं, तो मैंटनेंस, रिपेयर का काम भी बढ़ता है। इसके लिए भी हम भारत में ही नई सुविधाएं बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि इस दशक के अंत तक भारत एक बड़ा MRO हब बने। इसमें भी भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अनेक नए अवसर बन रहे हैं।

साथियों,

आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। हमारी ताकत, हमारे नौजवान हैं। इसलिए, हमारी हर नीति का फोकस, युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर देने पर है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक निवेश होता है, तब रोजगार पैदा होता है। जब 76 हजार करोड़ रुपए की लागत से वाढवण जैसा पोर्ट बनता है, तब जाकर के रोजगार पैदा होता है। जब व्यापार बढ़ता है, लॉजिस्टिक्स से जुड़े सेक्टर को गति मिलती है, तब अनगिनत रोजगार बढ़ते चले जाते हैं।

भाइयों और बहनों,

हम उन संस्कारों में पले बढ़े हैं, जहां राष्ट्रनीति ही राजनीति का आधार है। हमारे लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाला एक-एक पैसा, देशवासियों की सुविधा और सामर्थ्य को बढ़ाने का माध्यम है। लेकिन दूसरी तरफ देश में एक ऐसी राजनीतिक धारा भी रही है, जो जनता की सुविधा नहीं, सत्ता की सुविधा को ऊपर रखती है। ये वो लोग हैं, जो विकास के काम में रुकावट डालते हैं, घोटाले-घपले करके विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स को पटरी से उतार देते हैं। दशकों तक देश ने ऐसे नुकसान को देखा है।

साथियों,

आज जिस मेट्रो लाइन का लोकार्पण हुआ है, ये उन लोगों के कारनामों की याद भी दिलाता है। मैं इसके भूमिपूजन में शामिल हुआ था, तब मुंबई के लाखों परिवारों को उम्मीद जगी थी कि उनकी परेशानियां कम होंगी। लेकिन फिर कुछ समय के लिए जो सरकार आई, उसने ये काम ही रोक दिया। उनको सत्ता मिली, लेकिन देश को हज़ारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, इतने सालों तक असुविधा हुई। अब ये मेट्रो लाइन बनने से, दो-ढाई घंटे का सफर, 30-40 मिनट में हो जाएगा। जिस मुंबई में एक-एक मिनट का महत्व है, वहां तीन-चार साल तक इस सुविधा से मुंबईकर वंचित रहे। ये किसी पाप से कम नहीं है।

साथियों,

पिछले 11 वर्षों से देशवासियों का जीवन आसान बनाने पर, ease of living पर बहुत अधिक ज़ोर दिया जा रहा है। और इसलिए, रेल, रोड, एयरपोर्ट, मेट्रो, इलेक्ट्रिक बस, ऐसी हर सुविधा पर अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। अटल सेतु और कोस्टल रोड जैसे प्रोजेक्ट बनाए गए हैं। 

साथियों, 

हम यातायात के हर माध्यम को भी आपस में जोड़ रहे हैं। प्रयास है कि लोगों को सीमलेस ट्रैवल मिले, एक माध्यम से दूसरे माध्यम तक भटकने की मजबूरी न रहे। आज देश, वन नेशन, वन मोबिलिटी की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुंबई वन ऐप भी इसी दिशा में एक और प्रयास है। अब मुंबई वालों को टिकट के लिए घंटों लाइन में खड़ा नहीं रहना होगा। मुंबई वन ऐप से एक बार टिकट लो, और उसी टिकट से लोकल, बस, मेट्रो या टैक्सी- सब में सफर करो।

साथियों,

मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी के साथ, भारत के सबसे वाइब्रेंट शहरों में से एक है। इसलिए, 2008 में आतंकियों ने भी मुंबई शहर को बड़े हमले के लिए चुना। लेकिन तब जो कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी, उसने कमज़ोरी का मैसेज दिया, आतंकवाद के सामने घुटने टेकने का संदेश दिया। अभी-अभी हाल में, कांग्रेस के एक बड़े नेता, जो देश के गृहमंत्री तक रह चुके हैं, उन्होंने एक इंटरव्यू में बहुत बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि मुंबई हमले के बाद हमारी सेनाएं पाकिस्तान पर हमला करने को तैयार थीं। पूरा देश भी उस समय यही चाहता था। लेकिन उस कांग्रेस नेता की मानें तो किसी दूसरे देश के दबाव के कारण, तब कांग्रेस सरकार ने भारत की सेनाओं को पाकिस्तान पर हमला करने से रोक दिया था। कांग्रेस को ये बताना होगा कि वो कौन था, जिसने विदेशी दबाव में ये फैसला लिया? जिसने मुंबई की, देश की भावना से खिलवाड़ किया, और देश को ये जानने का हक है। कांग्रेस की इस कमजोरी ने आतंकवादियों को मजबूत किया। देश की सुरक्षा को कमजोर किया, जिसकी कीमत देश को बार-बार जानें गंवाकर चुकानी पड़ी।

साथियों,

हमारे लिए, देश और देशवासियों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। आज का भारत, दमदार जवाब देता है। आज का भारत घर में घुसकर मारता है। ये दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा भी है और गर्व की अनुभूति भी की है।

साथियों,

गरीब हो, नियो-मिडिल क्लास हो, मिडिल क्लास हो, इनका सशक्तिकरण आज देश की प्राथमिकता है। जब इन परिवारों को सुविधा मिलती है, सम्मान मिलता है, तब इनका सामर्थ्य बढ़ता है। देशवासियों के सामर्थ्य से देश सशक्त होता है। अभी GST में जो नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स हुए हैं, जो चीजें सस्ती हुई हैं, उससे भी देश के लोगों का सामर्थ्य बढ़ा है। मार्केट से आए आंकड़े बताते हैं कि इस बार नवरात्रि में, बिक्री के कई-कई सालों के रिकॉर्ड टूट गए हैं। रिकॉर्ड संख्या में लोग स्कूटर, बाइक, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, ये सब कुछ खरीद रहे हैं।

साथियों, 

जिससे देशवासियों का जीवन बेहतर हो, जिससे देश को ताकत मिले, हमारी सरकार आगे भी ऐसे ही कदम उठाती रहेगी। लेकिन मेरा आपसे भी एक आग्रह है। स्वदेशी को अपनाइए, गर्व से कहो ये स्वदेशी है- ये हर घर का, हर बाज़ार का मंत्र होना चाहिए, हर देशवासी, स्वदेशी कपड़े-जूते खरीदेगा, स्वदेशी सामान घर लाएगा, अगर किसी को गिफ्ट देनी है तो स्वदेशी देगा, तो देश का पैसा देश में ही लगेगा। इससे भारत के ही श्रमिक को काम मिलेगा, भारत के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। कल्पना कीजिए, जब पूरा भारत स्वदेशी को अपनाएगा तो भारत का सामर्थ्य कितना बढ़ जाएगा।

साथियों, 

महाराष्ट्र देश के विकास को गति देने में हमेशा आगे रहा है। NDA की डबल इंजन सरकार, महाराष्ट्र के हर नगर, हर गांव का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए निरंतर काम करती रहेगी। एक बार फिर से आप सभी को विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। मेरे साथ बोलिये- भारत माता की जय! दोनों हाथ ऊपर करके विजय उत्सव मनाइये।

भारत माता की जय! 

भारत माता की जय! 

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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