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ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में कृषि एवं बागवानी मूल्य श्रृंखलाओं और बाजार सम्‍बंधों को सुदृढ़ करने के लिए गठित उच्च स्तरीय कार्य बल बैठक में भाग लिया

ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में कृषि एवं बागवानी मूल्य श्रृंखलाओं और बाजार सम्‍बंधों को सुदृढ़ करने के लिए गठित उच्च स्तरीय कार्य बल बैठक में भाग लिया

केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली में सिक्किम के माननीय मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग द्वारा आयोजित कृषि एवं बागवानी की उच्च स्तरीय कार्य बल की बैठक में भाग लिया। इस बैठक में त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा; असम के कृषि मंत्री श्री अतुल बोरा; अरुणाचल प्रदेश के कृषि मंत्री श्री गैब्रियल डी. वांगसू; सिक्किम के कृषि मंत्री श्री पूरन कुमार गुरुंग; एमडीओएनईआर के सचिव के साथ ही एमडीओएनईआर और राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

एचएलटीएफ ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला और बाजार सम्‍बंधों में मौजूद प्रमुख कमियों को दूर करने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया। चर्चा का मुख्य उद्देश्य कृषि-बागवानी इकोसिस्‍टम को मजबूत करना था। इसके लिए क्षेत्र की अंतर्निहित शक्तियों का लाभ उठाने के लिए विशेषज्ञता, गुणवत्ता और कृषि-बागवानी उत्पादों की अनूठी विक्रय विशेषता के रूप में अलग पहचान बनाने की क्षमता शामिल है।

मूल्य श्रृंखला के उत्पादन, कटाई के बाद की प्रक्रियाओं, प्रसंस्करण, विपणन और रसद क्षेत्रों में मौजूदा बाधाओं का व्यवस्थित रूप से निदान करने, हस्तक्षेपों को प्राथमिकता देने और उपयुक्त निवेश तंत्र तैयार करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। किसानों के लिए समग्र मूल्य प्राप्ति को बढ़ाने के लिए कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और विपणन एवं रसद लागत को घटाना महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र के रूप में उभरे।

बैठक के दौरान मूलभूत हस्तक्षेपों से लेकर पूर्ण पैमाने पर मूल्य श्रृंखला एकीकरण तक की स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करने के महत्व पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसमें निर्यात तत्परता को समर्थन देने के लिए एक रणनीतिक अवसंरचना रुपरेखा विकसित करना, प्रत्येक राज्य के लिए प्राथमिकता वाली वस्तुओं की पहचान करना और पैमाने, दक्षता और बाजार संरेखण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पहचाने गए उत्पाद के लिए क्लस्टर-आधारित विकास को बढ़ावा देना शामिल है।

बैठक में एक खाका-आधारित दृष्टिकोण प्रस्तावित किया गया। इसकी शुरुआत में एक उत्पाद का चयन किया जाएगा और उत्पाद के हिसाब से लक्ष्यों और निवेश आवश्यकताओं के साथ स्पष्ट रूप से परिभाषित अल्पकालिक, मध्यम-अवधि और दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से इसकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पर ध्‍यान दिया जाएगा। इस दृष्टिकोण में प्रत्येक उत्पाद के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में शामिल किसानों की संख्या का आकलन करने और उत्पाद के हिसाब से राज्य-वार आधार पर किसानों को होने वाले लाभों का मूल्यांकन करने पर भी बल दिया गया। इन उपायों के लागू होने के बाद, किसानों की आय में होने वाली वृद्धि को मापने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

एचएलटीएफ ने इस बात की पुष्टि की कि एक केंद्रित, उत्पाद-विशिष्ट और क्लस्टर-संचालित रणनीति से मापने योग्य और टिकाऊ परिणाम प्राप्त होंगे। इससे बाजार सम्‍बंधों को मजबूत किया जा सकेगा, मूल्य श्रृंखला में अक्षमताओं को कम किया जा सकेगा और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए दीर्घकालिक आय वृद्धि सुनिश्चित की जा सकेगी।

Strengthening the hands of our Annadatas across the Northeast!

Participated in the High-Level Task Force on Agriculture & Horticulture convened by the Hon’ble CM of Sikkim, Shri @PSTamangGolay ji, focused on strengthening value chains and market linkages across the North Eastern… pic.twitter.com/AptdCL2uQH

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