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स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से सशक्त उद्योग: औद्योगिक पार्कों के साथ प्रगति की नई उड़ान

स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से सशक्त उद्योग: औद्योगिक पार्कों के साथ प्रगति की नई उड़ान

महत्त्वपूर्ण तथ्य

इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक पर अब तक 4500 से अधिक औद्योगिक पार्कों की मैपिंग की जा चुकी है। 7.70 लाख हेक्टेयर की विशाल भूमि में फैले इस नेटवर्क में, 1.35 लाख हेक्टेयर भूमि अब भी नए निवेश और विस्तार के लिए उपलब्ध है

औद्योगिक सशक्तिकरण की दिशा में भारत 306 प्लग-एंड-प्ले पार्कों के साथ नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के नेतृत्व में विकसित हो रहे 20 औद्योगिक स्मार्ट शहर और पार्क आधुनिक बुनियादी ढांचे और वैश्विक निवेश को आकर्षित करने वाले प्रमुख स्तंभ सिद्ध हो रहे हैं

औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईआरपीएस) 3.0 अब सस्टेनेबिलिटी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, डिजिटलाइजेशन, स्किल लिंकेज और टेनेंट फीडबैक पर ज़्यादा ध्यान देता है।

परिचय

औद्योगिक पार्क देश के औद्योगिक और नवाचार एजेंडे को गति देने के एक प्रमुख माध्यम के रूप में उभरे हैं। राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में विकसित ये पार्क निवेश, प्रगति-आधारित विकास और आर्थिक प्रभुत्व को बढ़ावा देकर भारत के औद्योगिक आधार को मजबूत कर रहे हैं। वे रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सस्टेनेबल डेवलपमेंट को भी बढ़ावा देते हैं। जैसे-जैसे सरकार नियामक के बजाय एक सुविधा प्रदाता की भूमिका अपना रही है, ये पार्क भारत में एक वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी औद्योगिक अर्थव्यवस्था को आकार दे रहे हैं।

औद्योगिक पार्क: प्रतिस्पर्धी और व्यावहारिक विकास को सशक्त बनाना

औद्योगिक पार्क से तात्पर्य भूमि के एक ऐसे प्लान किये हुए हिस्से से होता है, जिसे औद्योगिक उपयोग के लिए विभाजित और विकसित किया जाता है। इसमें तैयार कारखाने हो भी सकते हैं और नहीं भी, लेकिन यह कई उद्योगों के लिए साझा सुविधाओं द्वारा समर्थित होता है। ये पार्क एक आवश्यक संस्थागत आधार के रूप में कार्य करते हैं और ऐसे नीतिगत साधनों की भूमिका निभाते हैं जो औद्योगिक उत्पादन बढ़ाकर और आर्थिक प्रगति की गति को तेज करके राष्ट्रीय आर्थिक विकास के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हैं।

 

औद्योगिक पार्क आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। पार्क प्रबंधन पर्यावरण संबंधी कानूनों का पालन सुनिश्चित करता है, मानकों के प्रति जागरूकता फैलाता है और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को अपनाने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करता है। वे उद्योगों को बेहतर तकनीकों के बारे में मार्गदर्शन देकर और बचत के अवसरों की पहचान के लिए ऑडिट आयोजित करके संसाधन दक्षता को बढ़ावा देते हैं। वायु, ध्वनि और बिजली प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन की नियमित निगरानी की जाती है, जबकि सख्त निगरानी मिट्टी और भूजल को दूषित होने से बचाती है। इकोसिस्टम की रक्षा करने, जलवायु जोखिमों के प्रबंधन और भूमि के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए योजना के स्तर पर ही जैव विविधता संरक्षण को शामिल किया जाता है।

 

ये पार्क सामाजिक कल्याण को भी सुदृढ़ करते हैं। वे कर्मचारियों और आस-पास के समुदायों के लिए सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करते हैं और जहाँ आवश्यक हो, वहां सुरक्षित आवास की सुविधा भी देते हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा प्रणालियाँ श्रमिकों और संपत्तियों की रक्षा करती हैं। चिकित्सा जांच, सुरक्षात्मक उपकरण और हानिकारक पदार्थों के संपर्क स्तर की निगरानी के माध्यम से स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाता है। जेंडर-सेंसिटिव सुविधाएं और कार्यस्थल पर समावेशिता समान भागीदारी सुनिश्चित करती है। ट्रेड यूनियनों के प्रति खुलापन और नागरिक समाज के साथ जुड़ाव श्रम स्थितियों, पारदर्शिता और सामुदायिक विश्वास को बेहतर बनाने में मदद करता है।

 

सफल औद्योगिक पार्क के मुख्य आधार स्तंभ:

विशेष विनियामक व्यवस्था – औद्योगिक पार्क श्रम, भूमि उपयोग और विदेशी निवेश के लिए उदार और प्रोत्साहन-आधारित नियमों के तहत संचालित होते हैं।

एकीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर – वे साझा हार्ड और सॉफ्ट सुविधाएं प्रदान करते हैं जैसे कि यूटिलिटीज, दूरसंचार नेटवर्क, वेस्ट सिस्टम, प्रयोगशालाएँ, आंतरिक सड़कें, वन-स्टॉप क्लीयरेंस, प्रशिक्षण केंद्र, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाएँ।

परिभाषित भूगोल – विकास स्पष्ट रूप से सीमांकित, मास्टर-प्लान की गई भूमि पर होता है, जिसमें इमारतों और सुविधाओं के लिए एक समान मानक होते हैं।

समर्पित प्रबंधन – एक एकल प्राधिकरण कंपनियों के प्रवेश की देखरेख करता है, विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करता है और पार्क के दीर्घकालिक विकास को गति देता है।

मल्टी-टेनेंट क्लस्टर – पार्क के भीतर कई फर्में संचालित होती हैं, सहयोग करती हैं, संसाधनों को साझा करती हैं और समूह तथा क्लस्टरिंग प्रभावों के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाती हैं।

औद्योगिक पार्क: आर्थिक विकास को गति देते हुए:

 

आर्थिक दक्षता – औद्योगिक पार्क उत्पादन के दुर्लभ कारकों को परिभाषित भौगोलिक क्षेत्रों के भीतर एकीकृत करते हैं, जिससे उच्च उत्पादकता और ऑपरेशनल दक्षता उत्पन्न होती है।

रोजगार और कौशल विकास – वे नौकरियां उत्पन्न करते हैं, वेतन में सुधार करते हैं और स्थानीय प्रतिभा आधार को मजबूत करते हैं।

पूंजी और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करना – पार्क निवेश और उन्नत तकनीकों को आकर्षित करते हैं, जबकि प्रौद्योगिकी और प्रबंधकीय ज्ञान हस्तांतरण को सक्षम बनाते हैं।

औद्योगिक उन्नयन और प्रतिस्पर्धात्मकता – क्लस्टर आधारित औद्योगिक गतिविधियां उन्नयन को प्रोत्साहित करती हैं, राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती हैं, और वैश्विक मूल्य श्रृंखला एकीकरण को गहरा करती हैं।

नीतिगत प्रोत्साहन – स्थानीय, प्रांतीय और राष्ट्रीय नीतियां औद्योगिक विकास को गति देती हैं और पार्कों द्वारा उत्पन्न लाभों को मजबूत करती हैं।

शहरी और क्षेत्रीय विकास – औद्योगिक पार्क मेजबान शहरों और क्षेत्रों में आर्थिक विस्तार और सतत प्रगति के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं।

औद्योगिक पार्कों की योजना और स्थापना

औद्योगिक पार्कों की स्थापना एक व्यावसायिक आधार के साथ शुरू होती है, जिसमें विकसित औद्योगिक भूमि की आवश्यकता और परियोजना पूरी होने पर अपेक्षित आर्थिक एवं विकासात्मक लाभों की रूपरेखा तैयार की जाती है। व्यावसायिक आधार तैयार होने के बाद, औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए संभावित स्थलों का मूल्यांकन करने हेतु प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन किए जाते हैं। इन अध्ययनों के माध्यम से मार्केट की उपयुक्तता, परिवहन नेटवर्क से कनेक्टिविटी, बिजली और पानी की उपलब्धता और कुल लागत व्यवहार्यता का आकलन किया जाता है। साथ ही, क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता के विश्लेषण, निवेश और औद्योगिक भूमि की मांग के अनुमान, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सेवाओं की आवश्यकताओं और परियोजना की लागत व आय के अपेक्षित पैमाने के आधार पर उन क्षेत्रों की पहचान की जाती है, जिनके इस प्रस्तावित पार्क की ओर आकर्षित होने की संभावना है। इसके बाद के चरणों में वित्तीय विश्लेषण, नीतिगत विश्लेषण, हितधारकों की पहचान, सुरक्षा उपायों की समीक्षा और आर्थिक प्रभाव के अनुमान शामिल होते हैं। किसी औद्योगिक पार्क को स्थापित करने और उसे वित्तपोषित करने का अंतिम निर्णय केवल एक विस्तृत और स्थल-विशिष्ट फिजिबिलिटी स्टडी पूरा होने के बाद ही लिया जाता है, जिसके निष्कर्ष स्पष्ट रूप से परियोजना की व्यवहार्यता का समर्थन करते हों।

सरकार की पहलें औद्योगिक पार्कों के इकोसिस्टम को फिर से मजबूत बना रही हैं

अनेक पहल और डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत के औद्योगिक पार्कों के विकास को आकार दे रहे हैं और भूमि तक पहुँच को सरल बना रहे हैं, जिससे औद्योगिक विकास में तेजी आ रही है और निवेशकों को निर्णय लेने में सहायता मिल रही है।

प्लग-एंड-प्लेऔद्योगिक पार्क

केंद्रीय बजट 2025-26 में, प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सटीक रूप से तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करके, ये प्लग-एंड-प्ले पार्क ऑपरेशनल एफिशिएंसी और स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।

वर्तमान में भारत में 306 प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क हैं और नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनआईसीडीसी) के तहत अतिरिक्त 20 प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क और स्मार्ट शहर विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से चार परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, चार वर्तमान में निर्माणाधीन हैं, जबकि शेष परियोजनाएं बोली और निविदा के विभिन्न चरणों में हैं।

 

इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईआईएलबी):

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईआईएलबी) विकसित किया है, जो एक केंद्रीकृत भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईसी)-सक्षम प्लेटफॉर्म है। यह देश भर में औद्योगिक भूमि के बारे में अप-टू-डेट, स्थानिक और गैर-स्थानिक जानकारी प्रदान करता है।

 

पूर्व में इंडस्ट्रियल इंफॉर्मेशन सिस्टम के नाम से जाने जाने वाला आईआईएलबी (इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक), 4,523 औद्योगिक पार्कों के लिए एक वन-स्टॉप रिपोजिटरी के रूप में कार्य करता है, जिन्हें लगभग 7.70 लाख हेक्टेयर के कुल क्षेत्रफल में मानचित्रित किया गया है। इसमें से, लगभग 1.35 लाख हेक्टेयर भूमि वर्तमान में औद्योगिक विकास के लिए उपलब्ध है। ये पार्क सामूहिक रूप से 6.45 लाख से अधिक भूखंडों से बने हैं, जिनमें से 1.25 लाख से अधिक भूखंड वर्तमान में खाली हैं (23 दिसंबर, 2025 तक), जो विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और संबद्ध क्षेत्रों में नए निवेश के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं।

 

23 दिसंबर, 2025 तक भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में औद्योगिक पार्कों और भूमि की उपलब्धता का विवरण निम्नलिखित है:

राज्य

औद्योगिक पार्कों की संख्या

कुल भूमि क्षेत्र (हेक्टेयर)

उपलब्ध भूमि (हेक्टेयर)

अंडमान और निकोबार

6

35

8

आंध्र प्रदेश

638

110595

10747

अरुणाचल प्रदेश

18

741

248

असम

56

43497

486

बिहार

82

4139

649

चंडीगढ़

7

352

32

छत्तीसगढ़

114

22972

2574

दादरा और नगर हवेली

5

119

50

दमन और दीव

5

57

0

दिल्ली

68

7017

976

गोवा

22

1699

102

गुजरात

285

193975

12605

हरियाणा

51

9597

11661

हिमाचल प्रदेश

64

960

185

जम्मू और कश्मीर

137

2841

264

झारखंड

158

8194

1734

कर्नाटक

384

35910

3568

केरल

140

6658

1292

लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश)

8

33

2

लक्षद्वीप

9

2

1

मध्य प्रदेश

144

23217

2916

महाराष्ट्र

523

81308

19658

मणिपुर

7

36

13

मेघालय

9

235

5

मिज़ोरम

8

381

240

नगालैंड

6

282

19

ओडिशा

146

72600

2744

पुदुच्चेरी

11

658

0

पंजाब

100

6331

2008

राजस्थान

420

33578

11655

सिक्किम

5

20

3

तमिलनाडु

372

30772

16291

तेलंगाना

157

32033

30749

त्रिपुरा

20

1828

623

उत्तर प्रदेश

286

33327

1320

उत्तराखंड

35

3814

332

पश्चिम बंगाल

17

490

61

कुल योग

4523

770303

135821

स्रोत: इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईआईएलबी), उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार

औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस):

औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस) भारत में औद्योगिक पार्कों और व्यावसायिक क्षेत्रों के प्रदर्शन और गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क है। चार मूल्यांकन स्तंभों पर आधारित यह प्रणाली निवेशकों, डेवलपर्स और नीति निर्माताओं को मूल्यवान जानकारी प्रदान करती है, साथ ही पार्क अथॉरिटीज को सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रोत्साहित करती है। निरंतर सुधार को बढ़ावा देकर, आईपीआरएस नवाचार, दक्षता, स्थिरता और व्यापार करने में सुगमता को गति देता है। इसकी फीडबैक रिपोर्ट  इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड और सेवा संवर्धन के लिए व्यावहारिक कार्ययोजना के रूप में कार्य करती है, जबकि इसका सहयोगात्मक दृष्टिकोण पारंपरिक रैंकिंग से आगे बढ़कर ज्ञान साझा करने और पूरे क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देता है।

आईपीआरएस 2.0 की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 41 औद्योगिक पार्कों को लीडर्स श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। ये पार्क मजबूत  इंफ्रास्ट्रक्चर, निरंतर औद्योगिक गतिविधियों और क्षेत्र-विशिष्ट एवं बहु-क्षेत्रीय सुविधाओं के बेहतरीन मिश्रण के साथ हाई-परफॉर्मिंग पार्कों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, 90 औद्योगिक पार्कों की पहचान चैलेंजर्सके रूप में की गई है, जो विकास की मजबूत गति को दर्शाते हैं। इन पार्कों में इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस में सुधार देखा जा रहा है और लक्षित विकास पहलों के माध्यम से ये शीर्ष श्रेणी में पहुंचने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। साथ ही, 185 औद्योगिक पार्कों को एस्पायरर्सके रूप में मान्यता दी गई है, जो भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षमता रखते हैं। ये पार्क विकास के शुरुआती चरणों में हैं और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाओं और ऑपरेशनल मैच्योरिटी को मजबूत करने के लिए लक्षित समर्थन से लाभान्वित हो सकते हैं। मुख्य प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) पर आधारित ये रैंकिंग निवेशकों को पारदर्शी जानकारी प्रदान करती है, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण में मदद करती है।

सितंबर 2025 में, भारत के औद्योगिक इकोसिस्टम को और मजबूत करने और इसके बुनियादी ढांचे की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस) 3.0 की शुरुआत की गई। पायलट चरण (2018) और आईपीआरएस 2.0 (2021) की सफलता पर आधारित यह संस्करण एक विस्तृत ढांचे के साथ पेश किया गया है, जिसमें स्थिरता, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी, डिजिटलीकरण, कौशल जुड़ाव और टेनेंट फीडबैक जैसे नए मापदंडों को शामिल किया गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार:

भारत ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को निरंतर सहयोग प्रदान करके ईज ऑफ डूइंग बिजनेसको सुदृढ़ किया है। इस पूरी प्रक्रिया में औद्योगिक पार्क निवेश को आकर्षित करने और बड़े पैमाने पर रोजगार की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय स्तंभ बन गए हैं।

 

इन्वेस्टर इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, बिज़नेस सपोर्ट सर्विसेज और पर्यावरण एवं सुरक्षा मानकों की विस्तृत जानकारी का उपयोग करके उपयुक्त भूमि के भूखंडों का दूरस्थ रूप से मूल्यांकन कर सकते हैं, जिससे उन्हें  सोच-समझकर निवेश निर्णय लेने में मदद मिलती है।

 

नेशनल बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान (बीआरएपी), 2014 – इसने इंफॉर्मेशन विजार्ड, सिंगल विंडो सिस्टम, ऑनलाइन बिल्डिंग परमिशन सिस्टम, इंस्पेक्शन रिफॉर्म्स और श्रम सुधारों सहित प्रमुख सुधार क्षेत्रों में प्रगति को तेज किया है।

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का मुख्य उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले की पहचान करना, उसे एक विशिष्ट उत्पाद के लिए ब्रांड बनाना और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक मंच प्रदान करना है।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) – इसने उत्पाद शुल्क और सेवा कर जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को एक सुव्यवस्थित और पारदर्शी राष्ट्रीय कर ढांचे में एकीकृत कर दिया है।

स्टार्टअप इंडिया पहल – इसके अंतर्गत, पात्र कंपनियाँ कर प्रोत्साहन, सरल अनुपालन और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) से संबंधित प्रक्रियाओं के त्वरित निस्तारण सहित कई लाभों तक पहुँच प्राप्त करने के लिए डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त कर सकती हैं।

निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना – इसने उद्यमिता को प्रोत्साहित किया है और भारतीय निर्यात के आकर्षण एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया है।

अनुपालन और कानूनी बोझ में कमी – एक पूर्वानुमानित, पारदर्शी और व्यवसाय-अनुकूल नियामक परिदृश्य बनाने के लिए 3,700 कानूनी प्रावधानों को अपराधमुक्त किया गया है और 42,000 से अधिक अनुपालनों को कम किया गया है।

 

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में औद्योगिक पार्क एक इंजनकी तरह कर रहे हैं कार्य

यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट 2025 वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट के अनुसार, भारत अंतर्राष्ट्रीय परियोजना वित्त सौदों और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्टनिवेश के लिए दुनिया के शीर्ष 5 गंतव्यों में शामिल है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह में निरंतर वृद्धि देखी गई है। अप्रैल-अगस्त 2025-26 के दौरान, कुल एफडीआई प्रवाह 43.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अनंतिम) तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि में यह 37.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

 

औद्योगिक पार्क प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और घरेलू पूंजी को आकर्षित करके, इंडस्ट्रियल परफॉर्मेंस को बेहतर बनाकर, मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत कर और रोजगार के अवसरों का विस्तार करके किसी देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे ज्ञान के आदान-प्रदान और प्रौद्योगिकी के प्रसार को सक्षम बनाकर निर्यात-आधारित विकास का समर्थन करते हैं और उद्यमों की क्षमताओं में सुधार करते हैं।

 

बढ़ा हुआ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश उन औद्योगिक पार्कों के विकास को मजबूती प्रदान करता है जो राष्ट्रीय रणनीतियों के अनुरूप हैं। व्यापक फ़िज़िबिलिटी स्टडी और सहायक नीतियों के सहयोग से, ये मंच निवेश वातावरण को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बना रहे हैं, क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं को गहरा कर रहे हैं और विदेशी पूंजी के उच्च स्तर को आकर्षित कर रहे हैं।

मुख्य निष्कर्ष

भारत का विकसित होता औद्योगिक नीति परिदृश्य औद्योगिक विकास की दिशा में एक निर्णायक बदलाव को दर्शाता है, जिसमें औद्योगिक पार्कों को इस विकास में सबसे आगे रखा गया है। उनकी नियोजित रूपरेखा, साझा इंफ्रास्ट्रक्चर और कोऑर्डिनेटेड गवर्नेंस स्ट्रक्चर एक ऐसा सुगम वातावरण तैयार करते हैं जो प्रोडक्टिविटी, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और रोजगार सृजन को मजबूती प्रदान करता है।

इस गति को और सुदृढ़ करने के लिए, भारत सरकार ने प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्कों के विकास, इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईआईएलबी) के माध्यम से डिजिटल लैंड एक्सेस सिस्टम में सुधार और औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस) के माध्यम से क्वालिटी बेंचमार्क को संस्थागत बनाने को प्राथमिकता दी है, जो औद्योगिक उत्कृष्टता के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। व्यापार करने में सुगमता के व्यापक सुधारों और एक पूर्वानुमानित नियामक वातावरण के साथ, इन पहलों ने निवेशकों के विश्वास को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है और घरेलू एवं विदेशी निवेश के अवसरों का विस्तार किया है।

जैसे-जैसे भारत के औद्योगिक पार्क वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड्स के साथ जुड़ रहे हैं, उनसे रीजनल वैल्यू चेन को मजबूत करने और भारत को वैश्विक विनिर्माण नेटवर्क में अधिक प्रतिस्पर्धी रूप से एकीकृत करने की उम्मीद है। साथ ही, सरकार यह स्वीकार करती है कि वैश्विक औद्योगिक परिदृश्य बदल रहा है, जहाँ एफडीआई के लिए प्रतिस्पर्धा तीव्र हो रही है और पूरी दुनिया सर्कुलर एंड ग्रीन इकॉनमी की ओर बढ़ रही है। इस वातावरण में प्रासंगिक बने रहने के लिए, भारत के औद्योगिक पार्क अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाओं और मार्केट ऑफरिंग को निरंतर उन्नत कर रहे हैं

इन ठोस उपायों के माध्यम से, भारत सरकार एक ऐसे इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम का निर्माण कर रही है जो सबको साथ लेकर चलने वाला है और जिसे वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि औद्योगिक पार्क अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित हों, स्टेनेबिलिटी पर आधारित ग्रोथ को बढ़ावा दें और औद्योगिक कौशल एवं आर्थिक शक्ति के स्थायी इंजन के रूप में उभरें

संदर्भ

 

एशियाई विकास बैंक

https://www.adb.org/sites/default/files/publication/1036336/adb-brief-337-india-industrial-park-rating-system.pdf

 

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी)

https://master-dpiit.digifootprint.gov.in/static/uploads/2025/07/312ed7e5cf365de339c227c53f851591.pdf

https://www.dpiit.gov.in/ministry/about-us/details/Title=Ease-of-Doing-Business-(EODB)-ITMwETMtQWa

https://www.dpiit.gov.in/static/uploads/2025/06/9900260e5d2ed688900dce995ec501d9.pdf

https://www.dpiit.gov.in/static/uploads/2025/06/3d9c9c2daeefb97bb9ce964370938b71.pdf

 

गवर्नमेंट ऑफ यूनाइटेड किंगडम

https://assets.publishing.service.gov.uk/media/5c6ac4d8e5274a72c19f7c85/322_Environmental_Safeguards_for_Industrial_Parks.pdf

 

इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईआईएलबी)

https://indiaindustriallandbank.gov.in/secrpturl_pub?valid=+9K3K3E20706c75675f706c61793d2759657327&fld=

https://indiaindustriallandbank.gov.in/exploreParkReport

https://indiaindustriallandbank.gov.in/login1

https://indiaindustriallandbank.gov.in/IPRS20TopRatedParks

https://indiaindustriallandbank.gov.in/userManual/Approved_Rapporteur_by__SIIT_1.pdf

 

इन्वेस्ट इंडिया

https://www.investindia.gov.in/blogs/business-friendly-reforms-indias-path-prosperity

https://www.investindia.gov.in/team-india-blogs/industrial-park-rating-system-ipr-enhancing-industrial-competitiveness-and

https://www.investindia.gov.in/blogs/smart-cities-smart-growth

 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय

https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/184/AU2958_F5PrLx.pdf?source=pqals

 

वित्त मंत्रालय

https://www.indiabudget.gov.in/budget2020-21/economicsurvey/doc/vol2chapter/echap08_vol2.pdf

 

पत्र सूचना कार्यालय

https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1761135&reg=3&lang=2

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2168994

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2108360

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2131716

 

स्टार्टअप इंडिया

https://www.startupindia.gov.in/

 

संयुक्त राष्ट्र

https://www.un.org/esa/sustdev/publications/industrial_development/3_1.pdf

 

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD)

https://unctad.org/system/files/official-document/wir2025_en.pdf

 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)

https://www.undp.org/sites/g/files/zskgke326/files/2024-04/ethiopia_the_role_of_industry_parks_in_the_local_economy_final_2024.pdf

 

संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO)

https://www.unido.org/sites/default/files/files/2019-11/International_Guidelines_for_Industrial_Parks.pdf

https://ipp.unido.org/industrial-parks-overview

https://www.unido.org/sites/default/files/files/2020-11/EN_Experiences_and_Best_Practices_of_Industrial_Park_Development_in_China.pdf

https://ipp.unido.org/sites/default/files/knowledge/2022-06/English_0.pdf

https://www.unido.org/sites/default/files/files/2020-05/International_Guidelines_for_Industrial_Parks_EN.pdf

https://www.unido.org/sites/default/files/unido-publications/2025-09/Financing%20Industries%20for%20Development_05Sept2025.pdf

https://unido-virtualexhibition.org/wp-content/uploads/2019/10/Industrial-Parks-ENGLISH-digital.pdf

 

विश्व बैंक

https://documents1.worldbank.org/curated/en/099050625181538675/pdf/P179257-6da51be4-c3aa-4c36-820e-bede678ffd62.pdf

https://openknowledge.worldbank.org/server/api/core/bitstreams/d38f8a76-27d5-58fc-a998-c86508b7612c/content

https://documents1.worldbank.org/curated/en/747791476867738472/pdf/ACS8954-v2-REVISED-PUBLIC-TheCompetitiveAdvantageofSouthAsia.pdf

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