Monday, December 22, 2025
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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अवसंरचना, रसद लागत एवं कनेक्टिविटी पर उच्च स्तरीय कार्य बल की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अवसंरचना, रसद लागत एवं कनेक्टिविटी पर उच्च स्तरीय कार्य बल की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने 22 दिसंबर, 2025 को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अवसंरचना, रसद लागत एवं कनेक्टिविटी पर उच्च स्तरीय कार्य बल (एचएलटीएफ) की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा और केंद्रीय मंत्रालयों तथा अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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एचएलटीएफ ने क्षेत्रीय रसद एवं कनेक्टिविटी चुनौतियों की समीक्षा की, अल्प, मध्यम और दीर्घकालिक अवसंरचना प्राथमिकताओं का आकलन किया और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संस्थागत तंत्र एवं अंतर-मंत्रालयी समन्वय पर चर्चा की।

प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने रसद, बहुआयामी कनेक्टिविटी, सीमा पार व्यापार गलियारों, डिजिटल एवं विद्युत सुविधाओं तथा संस्थागत एवं वित्तीय तंत्रों को मजबूत करने के लिए एक व्यापक, चरणबद्ध रोडमैप प्रस्तुत किया। उत्तर-पूर्व को एक एकीकृत क्षेत्र मानने की आवश्यकता पर बल देते हुए, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने सड़क एवं राजमार्ग, रेलवे, नागरिक उड्डयन, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग, विद्युत, सूचना एवं दूरसंचार तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सहित प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के बीच घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वन एवं पर्यावरण मंजूरी से जुड़ी चुनौतियों का सक्रिय समाधान करने आवश्यकता पर भी बल दिया।

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मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘’एक्ट ईस्ट पॉलिसी के अंतर्गत मिजोरम पड़ोसी देशों के लिए क्षेत्रीय प्रवेश द्वार के रूप में कार्य कर सकता है। उन्होंने कलादान मल्टी मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट जैसी प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर त्वरित विचार-विमर्श करने सिफारिश की। उन्होंने कार्यबल के वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सीमा व्यापार, रसद एवं संस्थागत समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी बल दिया।

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केंद्रीय डोनर मंत्री ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री द्वारा एचएलटीएफ के अन्य सदस्यों के साथ परामर्श करके प्रस्तावित किए गए रोडमैप की सराहना की और इसे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में रसद एवं कनेक्टिविटी बढ़ाने की एक व्यापक रणनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रालयों और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की राज्य सरकारों के बीच सक्रिय सहयोग बहुत आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि कार्यबल द्वारा प्रस्तावित संरचना की बहुक्षेत्रीय प्रकृति के मद्देनजर कार्यबल की रिपोर्ट को अंतिम रूप प्रदान करने पहले संबंधित मंत्रालयों जैसे कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, रेल मंत्रालय और नीति आयोग से सुझाव मांगे जा सकते हैं।

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2025 की शुरुआत में, डोनर मंत्रालय ने आठ उच्च-स्तरीय कार्य बलों का गठन किया और प्रत्येक की अध्यक्षता उत्तर-पूर्वी राज्यों के एक-एक मुख्यमंत्री करते हैं और केंद्रीय डोनर मंत्री तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के तीन मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं। इस पहल की शुरुआत 21 दिसंबर, 2024 को अगरतला में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के 72वें पूर्ण सत्र के दौरान बनी सहमति के आधार पर की गई।

Had a productive High Level Task Force meeting on infrastructure, logistics & connectivity chaired by Hon’ble CM of Tripura Shri @DrManikSaha2 ji today. Aligned with Hon’ble PM Shri @narendramodi ji’s vision of ‘Act East, Act Fast and Act First’, we laid down the strategic… pic.twitter.com/beDork468a

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