प्रधानमंत्री ने एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया, जिसमें वर्तमान में जीने के ज्ञान पर जोर दिया गया है
प्रधानमंत्री ने एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया, जिसमें वर्तमान में जीने के ज्ञान पर जोर दिया गया है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया-
“गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत्।
वर्तमानेन कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः।”
मतलब, किसी को अतीत पर शोक नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य के बारे में चिंता करनी चाहिए। बुद्धिमान व्यक्ति केवल वर्तमान में ही कार्य करते हैं।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा;
“गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत्।
वर्तमानेन कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः।”
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत्।
वर्तमानेन कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः॥ pic.twitter.com/DsAfM1m5UC