जैम प्लेटफॉर्म सूक्ष्म और लघु उद्यमों, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यवसायों को सरकारी खरीद में प्रतिस्पर्धा करने और ऑर्डर प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है
जैम प्लेटफॉर्म सूक्ष्म और लघु उद्यमों, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यवसायों को सरकारी खरीद में प्रतिस्पर्धा करने और ऑर्डर प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जैम) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जो सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई), महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व्यवसायों और स्टार्टअप्स को सरकारी खरीद में भाग लेने और विभिन्न क्षेत्रों में ऑर्डर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इसका उदाहरण तब मिलता है जब वडोदरा की एक महिला नेतृत्व वाली स्वच्छ ऊर्जा फर्म नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदान करती है या नागपुर का एक छोटा उद्यम केंद्र सरकार को निगरानी तंत्र उपलब्ध कराता है जिससे पता चलता है कि उद्यम का आकार अब अवसरों के लिए बाधा नहीं है।
30 नवंबर 2025 तक, जैम प्लेटफॉर्म पर 11.25 लाख से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्यम (एमएसई) विक्रेताओं ने पंजीकरण कराया है। इन उद्यमों ने कुल मिलाकर 7.44 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त किए हैं जो जैम के माध्यम से हुए कुल ऑर्डर मूल्य का 44.8 प्रतिशत है और यह निर्धारित वार्षिक खरीद लक्ष्य 25 प्रतिशत से अधिक है। यह भागीदारी सार्वजनिक खरीद में लघु उद्यमों की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
महिला नेतृत्व वाले उद्यमों की भी इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण में वृद्धि हुई है। जैम पर वर्तमान में 2 लाख से अधिक महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म और लघु उद्यम सक्रिय हैं और उन्होंने कुल मिलाकर 78,066 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त किए हैं। वुमनिया जैसी पहलों के माध्यम से उनकी भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह महिला उद्यमियों को प्लेटफॉर्म से जोड़ने, प्रशिक्षण देने और खरीद के अवसरों तक उनकी पहुंच में सुधार करने पर केंद्रित है।
राष्ट्रीय खरीद नीतियों के अनुरूप प्लेटफॉर्म सुविधाओं के माध्यम से जैम पर सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। खरीदार समर्पित मार्केटप्लेस फिल्टर के माध्यम से महिला नेतृत्व वाले और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के एमएसई विक्रेता एमएसई द्वारा पेश किए गए उत्पादों की पहचान कर सकते हैं। पात्र एमएसई को खरीद में प्राथमिकता और बयाना राशि जमा करने की आवश्यकताओं में छूट के साथ-साथ पूर्व कारोबार और अनुभव संबंधी मानदंडों में भी छूट दी जाती है। इसका उद्देश्य जवाबदेही बनाए रखते हुए व्यापक भागीदारी को सुगम बनाना है।
इन उपायों के परिणाम विभिन्न क्षेत्रों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) और स्टार्टअप्स द्वारा किए गए लेन-देन में परिलक्षित होते हैं। नवंबर 2025 में, गुजरात की एक महिला-नेतृत्व वाली एमएसई, एफएस ग्रीन एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड, वडोदरा ने भारी उद्योग विभाग को 53 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदान किए। इसी अवधि के दौरान, एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी के स्वामित्व वाली एमएसई, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट सर्विसेज, नागपुर, महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार के लिए 29 करोड़ रुपये मूल्य के निगरानी तंत्र में सहयोग प्रदान किया। मुंबई स्थित स्टार्टअप, क्लाउडस्ट्रैट्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, महाराष्ट्र ने परिचालन बढ़ाने के अल्पकाल के भीतर ही उच्च मूल्य के अनुबंध प्राप्त करते हुए 191 करोड़ रुपये की प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान की।
लेन-देन को सुगम बनाने के अलावा, जैम सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, गति और पता लगाने की क्षमता को बढ़ावा देता है, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के उद्यमों की भागीदारी को सक्षम बनाता है। खरीद नीति के प्रावधानों के साथ डिजिटल प्रक्रियाओं को एकीकृत करके, यह प्लेटफॉर्म स्थानीय उद्यमों को बड़े पैमाने पर सरकारी खरीद में शामिल होने में सक्षम बनाकर डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पूरा करता है।
जैसे-जैसे सार्वजनिक खरीद प्रणालियाँ विकसित हो रही हैं, सूक्ष्म और लघु उद्यमों एंव महिला नेतृत्व वाले उद्यमों की जैम में बढ़ती भागीदारी एक ऐसे दृष्टिकोण को दर्शाती है जहाँ पहुँच, समावेशन और क्षेत्रीय भागीदारी सरकारी खरीद ढांचे के अभिन्न अंग हैं।