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एमआईसीई पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय शहरों में कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो की स्थापना करेगा

एमआईसीई पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय शहरों में कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो की स्थापना करेगा

भारत सरकार का केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय, देश के मीटिंग्स, इंसेंटिव, कन्वेंशन और एग्जीबिशन (एमआईसीई) टूरिज्म इकोसिस्टम  को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए, वर्ष 2026 से हितधारकों के साथ साझेदारी में स्वतंत्र निकायों के रूप में शहरों में कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो स्थापित करने की तैयारी कर रहा है।

यह बात पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव और महानिदेशक श्री सुमन बिल्ला ने आज नई दिल्ली में इंडियन एक्जीबिशन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आईईआईए) द्वारा आयोजित आईईआईए इवेंट-टेक और मारटेक समिट 2025 के उद्घाटन के दौरान कही।

सभा को संबोधित करते हुए श्री बिल्ला ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्य अपने अनूठे तरीकों से पर्यटन के अवसरों को खोल रहे हैं और अब भारत को वैश्विक एमआईसीई मैप पर प्रमुखता से स्थापित करने का समय आ गया है।

उन्होंने कहा कि भारत मंडपम, यशोभूमि और जियो वर्ल्ड सेंटर जैसे आइकॉनिक वेन्यू उपलब्ध होने और इन्क्रेडिबल इंडिया कैंपेन के तहत एमआईसीई पर्यटन को प्राथमिकता दिए जाने के साथ, हमारा उद्देश्य कई भारतीय शहरों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी एमआईसीई डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है।

संस्थानिक सुधारों के महत्व पर जोर देते हुए, श्री बिल्ला ने कहा कि प्रोफेशनल सिटी एमआईसीई ब्यूरो की स्थापना भारत की नेशनल एमआईसीई रणनीति का आधार स्तंभ बनेगी। ये ब्यूरो स्वायत्त संस्थानों के रूप में कार्य करेंगे, जो वैश्विक आयोजनों के लिए आवश्यक समन्वित और विश्व स्तरीय सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अनुमतियों और स्थानीय भागीदारों के नेटवर्किंग के लिए एक एकल सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करते हुए, इस ढांचे का लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर वैश्विक नेशनल बाजार में भारत की हिस्सेदारी को दोगुना करना है।

प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए, श्री बिल्ला ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बड़े आयोजनों की योजनामैनेजमेंट और डिलीवरी को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए एमआईसीई क्षेत्र को उन्नत कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल परिवर्तन समाधानों को सक्रिय रूप से अपनाना चाहिए।

उन्होंने उल्लेख किया कि अपने प्रमुख आयोजन स्थलों में स्मार्ट तकनीकों को एकीकृत करकेप्रेडिक्टिव इनसाइट्स जेनरेट करके और पूरे इकोसिस्टम में डिजिटल तौर-तरीकों को तेजी से अपनाकर, भारत एक भविष्य के लिए तैयार प्रदर्शनी और इवेंट गंतव्य के रूप में मजबूती से स्थापित होगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, इंडियन एक्जीबिशन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आईईआईए) के अध्यक्ष, श्री सोराज धवन ने कहा कि आईईआईए भारत को दुनिया के शीर्ष पांच एग्जीबिशन मार्केट में शामिल करने के लिए एक परिवर्तनकारी रोडमैप पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में 49.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का भारत का एमआईसीई बाजार, 2030 तक बढ़कर 103.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। उन्होंने आगे कहा कि इस वृद्धि को हासिल करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित प्रोफेशनल सिटी एमआईसीई ब्यूरो की स्थापना की राष्ट्रीय रणनीति अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये ब्यूरो इवेंट आयोजकों के लिए सिंगल विंडो के रूप में कार्य करेंगे, जिससे व्यवसाय करने में सुगमता में सुधार होगा और इस क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही इकोसिस्टम की समस्या का समाधान होगा।

श्री धवन ने आगे कहा कि सिटी एमआईसीई ब्यूरो स्थानीय भागीदारों और प्रोफेशनल सहायता का एक वेरिफाइड नेटवर्क प्रदान करके अंतरराष्ट्रीय आयोजकों के लिए मार्केट में एंट्री के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रोफेशनलिज़्म और प्रदर्शनी आयोजन के लिए बीआईएस मानकों को अपनाना, भारत में बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी के लिए निरंतर गुणवत्ता और वैश्विक विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगा।

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अगले पांच वर्षों के लिए भारतीय एमआईसीई उद्योग का रोडमैप विषय पर आयोजित एक गोलमेज शिखर सम्मेलन था। इसके साथ ही, आईईआईए की रणनीतिक रिपोर्ट “इंडिया एमआईसीई अपॉर्चुनिटीज ओवरव्यू (2025-2030)” का आधिकारिक विमोचन भी किया गया। यह रिपोर्ट वैश्विक एमआईसीई क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए संस्थानिक सहायता और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करती है।

इंडियन एक्जीबिशन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आईईआईए) एक राष्ट्रीय शीर्ष निकाय है, जो प्रदर्शनी आयोजकों, आयोजन स्थल स्वामियों और सेवा प्रदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है। आईईआईए “भारतीय व्यापार मेलों के प्रवेश द्वार” के रूप में कार्य करता है, जो प्रदर्शनी उद्योग को आर्थिक विकास के एक प्रमुख इंजन के रूप में आगे बढ़ा रहा है।

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