Sunday, December 21, 2025
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जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल कनेक्शन

जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल कनेक्शन

भारत सरकार अगस्त 2019 से राज्यों की भागीदारी से देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार हेतु नल जल आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए जल जीवन मिशन (जेजेएम) – हर घर जल कार्यान्वित कर रही है।

जेजेएम की घोषणा के समय, 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन होने की सूचना थी। अब तक, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 15.12.2025 तक दी गई सूचना के अनुसार, लगभग 12.53 करोड़ और ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 15.12.2025 तक, 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 15.76 करोड़ (81.42%) से अधिक परिवारों के पास उनके घरों में नल जल आपूर्ति होने की सूचना है। ग्रामीण क्षेत्रों में मिशन के तहत प्रदान किए गए नल जल कनेक्शन की वर्ष-वार और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार स्थिति जेजेएम-आईएमआईएस पर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है और निम्नलिखित लिंक पर देखी जा सकती है:

https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/Physical/JJMRep_HouseholdTapWaterConnection.aspx

शुभारंभ के समय, सरकार ने 2,08,652 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के लिए सहायता को भी मंजूरी दी थी। अनुमोदित केन्द्रीय परिव्यय का लगभग उपयोग कर लिया गया है।

पेयजल राज्य का विषय होने के कारण, जेजेएम के तहत, पेयजल आपूर्ति योजनाओं की आयोजना, अनुमोदन, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार के प्रयासों में सहायता करती है।

जेजेएम के तहत, संबंधित राज्य सरकार की स्रोत खोज समिति, जिसमें विशेषज्ञ शामिल होते हैं, की इस आशय के साथ सिफारिश कि पहचाने गए जल स्रोत जिसके माध्यम से स्कीम की योजना बनाई गई है, में योजना की डिजाइन अवधि में मानक के अनुसार जल आपूर्ति को बनाए रखने की पर्याप्त क्षमता है, के बाद ही जल आपूर्ति योजना को मंजूरी देने का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा, जेजेएम के तहत ग्रामीण जल आपूर्ति योजना स्रोतों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, पेयजल स्रोतों के विकास/सुदृढ़ीकरण/संवर्धन के लिए भी प्रावधान किए गए हैं; और गांव में जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के निर्माण के अलावा भरोसेमंद भूजल स्रोतों से रहित पानी की कमी वाले सूखाग्रस्त और रेगिस्तानी क्षेत्रों में पानी के थोक अंतरण, शोधन और संवितरण प्रणालियों के लिए बुनियादी ढांचे के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।

इसके अलावा, मिशन के कार्यान्वयन के कार्यसंबंधी दिशानिर्देशों के माध्यम से राज्यों को सलाह दी गई है कि वे वार्षिक पुनर्भरणीय भू-जल पुनर्भरण के भीतर उपयोगों को प्रतिबंधित करने के लिए भू-जल के विभिन्न उपयोगों के लिए एक विनियमन नीति तैयार करें और अन्य बातों के साथ-साथ कृषि, औद्योगिक प्रयोजनों आदि के लिए भू-जल के अत्यधिक उपयोग को हतोत्साहित करने के प्रावधान भी शामिल हों।

यह सूचना जल शक्ति राज्यमंत्री श्री वी. सोमण्‍णा द्वारा लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।

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