Sunday, December 21, 2025
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जल जीवन मिशन के लिए निधि की स्वीकृति

जल जीवन मिशन के लिए निधि की स्वीकृति

पेयजल राज्य का विषय होने के कारण पेयजल आपूर्ति स्कीमों की आयोजना, डिजाइन, अनुमोदन और कार्यान्वयन राज्य ही करते हैं। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों के प्रयासों में सहायता करती है। 

गांवों में रहने वाले लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, जल जीवन मिशन की परिकल्पना 2019 में राज्यों के परामर्श से की गई थी ताकि पूर्ववर्ती राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) का पुनर्गठन करके और उसे शामिल करके देश भर के प्रत्येक ग्रामीण परिवार हेतु नल जल कनेक्शन का प्रावधान किया जा सके। चूंकि इस कार्यक्रम को राज्यों द्वारा कार्यान्वित किया जाना था, इसलिए ईएफसी स्तर पर वित्तपोषित की जाने वाली योजनाओं की सही संख्या और संबंधित लागत को जानना मुश्किल था।

सभी नमूना राज्यों में किए गए लागत विश्लेषण के आधार पर, कुल लागत लगभग 7.88 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि राज्यों को प्रोत्साहित करके, केंद्र और राज्य के कुल वित्तपोषण एंवेलप का अनुमान 3.6 लाख करोड़ रुपये था। तदनुसार, व्यय वित्त समिति ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ जेजेएम के तहत 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को “कार्यशील पारिवारिक नल कनेक्शन (एफएचटीसी)” प्रदान करने के लिए पूर्ववर्ती एनआरडीडब्ल्यूपी के पुनर्गठन और उसे शामिल करने पर सहमति व्यक्त की। ईएफसी की सिफारिश के अनुरूप, भारत सरकार ने 3.60 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन को मंजूरी दी, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 2.08 लाख करोड़ रुपये था

मिशन के अंतर्गत अनुमोदित लगभग पूरे केन्द्रीय हिस्से का उपयोग कर लिया गया है। अब तक हुई प्रगति और चल रहे कार्यों को ध्यान में रखते हुए, माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण 2025-26 के दौरान बढ़े हुए कुल परिव्यय के साथ जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। तदनुसार, जल जीवन मिशन को बढ़े हुए कुल परिव्यय के साथ जारी रखने का एक प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन है।

यह सूचना जल शक्ति राज्यमंत्री श्री वी. सोमण्‍णा द्वारा लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।

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