प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
(a): प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के केंद्र प्रायोजित योजना घटक के अंतर्गत राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से आइस प्लांट, कोल्ड स्टोरेज और मछली कियोस्क जैसे कटाई बाद की अवसंरचना को लागू किया गया है। ऐसी कटाई बाद अवसंरचना परियोजनाओं को लागू करने के लिए केंद्रीय फंड पीएमएमएसवाई के अंतर्गत संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाता है। पीएमएमएसवाई और पिछली योजनाओं के तहत विकसित कटाई बाद की अवसंरचना सुविधाएं मछली संरक्षण, मछली की गुणवत्ता बनाए रखने, मछुआरों, मछली किसानों और अन्य संबंधित हितधारकों को अधिक कीमत दिलाने के लिए मछली और मत्स्य उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में योगदान दे रही हैं। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) ने हाल ही में अध्ययन किया जिसका शीर्षक है “अंतर्देशीय और समुद्री मत्स्य पालन में कटाई के बाद के नुकसान का आकलन”। इस अध्ययन से पता चला है कि अंतर्देशीय मत्स्य पालन में कटाई बाद के नुकसान का राष्ट्रीय औसत 18% (वित्त वर्ष 2019-20) से घटकर 8.84% (वित्त वर्ष 2023-24) रह गया है और समुद्री मत्स्य पालन में यह 21% (वित्त वर्ष 2019-20) से घटकर 9.3% (वित्त वर्ष 2023-24) रह गया है। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 2023-24 के दौरान मत्स्य पालन क्षेत्र में कटाई बाद का औसत राष्ट्रीय नुकसान 9.16% था।
(b): राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य पालन जनगणना के अंतर्गत एकत्र किया गया उच्च रिज़ॉल्यूशन, जियो-टैग वाला घरेलू और अवसंरचना-स्तरीय नहीं डिजिटल डेटा योजनाओं की लक्षित डिलीवरी, कमजोर समूहों की पहचान, अवसंरचना की कमियों (बंदरगाह, बाजार, कोल्ड चेन) का आकलन और जलवायु-लचीले आजीविका-आधारित हस्तक्षेपों और साक्ष्य-आधारित योजना का समर्थन करता है। इसके अलावा, जियो-रेफरेंस डिजिटल डेटाबेस से मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए नीति नियोजन को मजबूत करने, साक्ष्य-आधारित अवसंरचना निवेश का समर्थन करने, प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करके आजीविका पहलों को बढ़ाने और मछली पकड़ने वाले समुदायों तक योजना की पहुंच में सुधार होने की आशा है। यह स्थिरता मापदंडों की बेहतर निगरानी की सुविधा भी प्रदान करता है, डिजिटल वर्कफ़्लो में बदलाव से संचालन में दक्षता, सटीकता और पारदर्शिता में सुधार होता है।
(c) और (d): मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने तटीय समुदायों के विकास के महत्व को पहचानते हुए, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत परिवर्तनकारी पहल की है। इसके अंतर्गत सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समुद्र तट के पास स्थित मौजूदा 100 तटीय मछुआरा गांवों (सीएफवी) को जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों (सीआरसीएफवी) के रूप में विकसित किया जाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से जीवंत मछुआरा गांव बनाया जाएगा। यह कार्यक्रम 100% केंद्रीय फंडिंग के साथ राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के माध्यम से लागू किया जा रहा है। बताया गया है कि विभिन्न तटीय राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के 95 मौजूदा तटीय गांवों को जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों (सीआरसीएफवी) के रूप में विकसित करने के प्रस्तावों को कुल 190 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है और राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को 47.50 करोड़ रुपये की केंद्रीय धनराशि जारी की गई है। जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांव कार्यक्रम में अन्य बातों के अलावा, तटीय मछुआरों के लिए वैकल्पिक आजीविका बनाने और बनाए रखने के लिए खुले समुद्र में केज कल्चर, समुद्री शैवाल और बाइवाल्व की खेती जैसी विभिन्न जलवायु अनुकूल आजीविका गतिविधियों के विकास की परिकल्पना की गई है।
(e): पीएमएमएसवाई अन्य बातों के अलावा कोल्ड चेन सुविधाओं के निर्माण का समर्थन करती है और इस योजना के तहत, पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25) के दौरान, 734 कोल्ड स्टोरेज और आइस प्लांट, 27,301 मछली परिवहन सुविधाओं जैसे 10924 आइस बॉक्स वाली मोटरसाइकिलें, 9412 आइस बॉक्स वाली साइकिलें, 3915 ऑटो रिक्शा, 1265 जीवित मछली वेंडिंग इकाइयां, 1406 इंसुलेटेड ट्रक और 379 रेफ्रिजरेटेड ट्रक, 6410 मछली कियोस्क, 202 मछली खुदरा बाजार, 21 थोक मछली बाजारों के विकास के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। कर्नाटक सरकार ने बताया है कि कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले में पीएमएमएसवाई के अंतर्गत अलग-अलग क्षमता वाले 20 आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, एक फिशिंग हार्बर का आधुनिकीकरण और अपग्रेडेशन, 4 रेफ्रिजरेटेड गाड़ियों, 16 इंसुलेटेड गाड़ियों, आइस बॉक्स वाली 7 तीन-पहिया गाड़ियों और आइस बॉक्स वाली 15 मोटरसाइकिलों की खरीद को समर्थन दिया गया है।
(f): भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने अब तक पीएमएमएसवाई के अंतर्गत कुल 1298.25 करोड़ रुपये की लागत से मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर के विकास के लिए ओडिशा सरकार के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है, जिसमें अवसंरचना भी शामिल है। इसमें एक फिशिंग हार्बर, 38 आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, 68000 मछुआरे परिवारों को आजीविका सहायता, ओडिशा राज्य में सालाना औसतन लगभग 1.08 लाख मछुआरों का बीमा कवरेज शामिल है। पीएमएमएसवाई योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों की पहचान, विभिन्न जिलों में लाभार्थियों को प्रभावी ढंग से कवर करने और योग्य लाभार्थियों को पीएमएमएसवाई के लाभ देने का कार्य ओडिशा सरकार करती है।
(g): भारत सरकार का मत्स्य पालन विभाग वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लागू कर रहा है और इस योजना के अंतर्गत अब तक केवल 100 तटीय मछुआरे गांवों को जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरे गांवों के रूप में विकसित करने के लिए पहचाना गया है।
उपर्युक्त जानकारी भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।