Tuesday, December 16, 2025
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पीएमबीजेपी योजना के तहत औषधियों की उपलब्धता और डिलीवरी

पीएमबीजेपी योजना के तहत औषधियों की उपलब्धता और डिलीवरी

भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) योजना की उत्पाद सूची में 2,425 औषधियां, चिकित्सा उपकरण तथा उपभोग्य उत्पाद शामिल हैं।योजना के तहत दवा उत्पादों की खरीद खुले निविदा प्रक्रिया के आधार पर दर अनुबंधों के तहत की जाती है।

वर्तमान में, 351 औषधियाँ प्रक्रियाधीन चिह्नित हैं। ऐसी औषधियाँ निविदा प्रक्रिया की सफल समाप्ति और खरीद मूल्य निर्धारण की अवधि के दौरान आइसे ही चिह्नित राखी जाती हैं, जिसमें बोली न मिलने या किसी अन्य कारण से पुनः निविदा की अवधि भी शामिल होती है।

भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों के तहत आवश्यक औषधि सूची में शामिल सभी औषधियाँ योजना की उत्पाद सूची में शामिल हैं, सिवाय उन औषधियों के जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत निःशुल्क प्रदान की जाती हैं या अस्पतालों में सीधे दी जाने वाली औषधियों (जैसे एनेस्थेटिक्स) और उच्च व्यसन क्षमता वाले कुछ ओपियोइड्स (फेंटेनिल, मॉर्फिन, कोडीन और बुप्रेनॉर्फिन) शामिल है।

जन औषधि केंद्रों पर किसी भी तरह की आपूर्ति संकट तथा आपूर्ति अंतराल को दूर करने तथा सुगम आपूर्ति और उत्पाद उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं :

क. इसके लिए देश भर में वर्तमान में पाँच गोदामों और 39 वितरकों वाली आपूर्ति तंत्र में अंत तक यानी एंड-टू-एंड सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से एक सक्षम आपूर्ति श्रृंखला की प्रणाली अमल में है।

ख. सितंबर 2024 से देश के सभी जन औषधि केंद्रों (जेएकेएस) की उत्पाद सूची में शीर्ष 100 बिकने वाली औषधियों और बाजार में 100 तेजी से बिकने वाली औषधियों सहित कुल 200 सामान्यतः प्रयुक्त औषधियों के भंडारण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सभी जन औषधि दुकानदारों/मालिकों को इन औषधियों के स्टॉक बनाए रखने के आधार पर उन्हें मासिक प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्था की गई है।

ग. इसके अतिरिक्त, सामान्यतः प्रयुक्त उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, 400 तेजी से बिकने वाले औषधि उत्पादों की योजना कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा नियमित निगरानी की जाती है और उनकी मांग का निरंतर पूर्वानुमान लगाया जाता है। आगे, खरीद प्रक्रिया को स्वतःस्फूर्त माध्यम से बढ़ाने के लिए पूर्वानुमान विधि को डिजिटाइज करने के कदम भी उठाए गए हैं।

देश के प्रमुख शहरों के मेगा केंद्रों और कूरियर-आधारित होम डिलीवरी के लिए कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। चूंकि जनऔषधि केंद्रों से औषधियों का वितरण व्यक्तिगत फार्मासिस्ट द्वारा किया जाता है, इसलिए उनकी उपस्थिति आउटलेट पर आवश्यक है; हालांकि, औषधि नियम, 1945 के अनुसार, नुस्खे वाली औषधियों का वितरण करने वाले फार्मासिस्ट को वितरण के समय नुस्खे का सत्यापन करना आवश्यक है, जिसके लिए उनका वितरण बिंदु पर उपस्थिति जरूरी है। इसके अलावा, योजना के तहत औषधियों को अधिक आसानी से सुलभ बनाने के उद्देश्य से, देश भर में जन औषधि केंद्र की संख्या को मार्च 2027 तक 25,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके मुकाबले नवम्बर 2025 तक 17,610 जेएकेएस खोले जा चुके हैं।

यह जानकारी रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल द्वारा आज राज्यसभा में लिखित उत्तर में दी गई।

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