Wednesday, December 17, 2025
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पंचायत विकास योजनाएं

पंचायत विकास योजनाएं

पंचायत, “स्थानीय स्वशासन ” होने के कारण, राज्य का विषय है और भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची का हिस्सा है। मंत्रालय किंतु जमीनी स्तर पर पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) की तैयारी के लिए वर्ष 2018 से ‘सबकी योजना सबका विकास’ के रूप में जन योजना अभियान (पीपीसी) को लागू कर रहा है।” यह अभियान अगले वित्तीय वर्ष की योजना तैयार करने के लिए संरचित तरीके से प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर से शुरू होकर वित्तीय वर्ष के अंत तक चलता है। यह ग्राम/ग्राम पंचायतों, ब्लॉक/मध्यवर्ती पंचायतों और जिला पंचायतों सहित पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों पर लोगों की भागीदारी के माध्यम से किया जाता है। इस वर्ष यह अभियान 2 अक्टूबर, 2025 से शुरू किया गया है। मंत्रालय ने पीडीपी की तैयारी के लिए सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को दिशानिर्देश जारी किए हैं और क्षमता निर्माण सहायता, योजना टेम्पलेट और डिजिटल उपकरण प्रदान किए हैं। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने इस अभियान के लिए गतिविधियां शुरू कर दी हैं। अब तक, 1,48,355 ग्राम सभाएं निर्धारित की गई हैं और 1,39,305 पहले ही आयोजित की जा चुकी हैं।

मंत्रालय द्वारा संशोधित आरजीएसए के समग्र मूल्यांकन के हिस्से के रूप में ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (आईआरएमए) के माध्यम से ई-गवर्नेंस पहलों का भी आकलन किया गया। यह मूल्यांकन पंचायती राज संस्थाओं द्वारा बेहतर वित्तीय प्रबंधन और बेहतर सेवा प्रदायगी को इंगित करता है जिसे नियोजन, लेखांकन और लेखापरीक्षा प्रक्रियाओं के लिए ई-ग्रामस्वराज, मेरी पंचायत ऐप और पंचायत निर्णय जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों को बेहतर ढंग से अपनाने में सक्षम बनाया गया है। अध्ययन में पाया गया कि जवाबदेही को बढ़ावा देकर, मानवीय त्रुटियों को कम करके और अधिकारियों तथा नागरिकों दोनों के लिए सूचना की पहुंच में सुधार करके जमीनी स्तर पर सेवा प्रदायगी की कार्यदक्षता को बढ़ावा मिला और डिजिटल कार्यप्रवाह के माध्यम से परिणाम संभव हुए। अध्ययन में उन क्षेत्रों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिन्हें और सशक्त बनाने की ज़रूरत है, जिसमें डिजिटल साक्षरता, लास्ट-माइल कनेक्टिविटी और हैंडहोल्डिंग सहायता शामिल हैं, जिन्हें चल रहे क्षमता निर्माण और प्रणाली सुधार उपायों के ज़रिए ठीक किया जा रहा है। 

इसके अलावा, नीति आयोग ने परिणामों पर पूरक साक्ष्य प्रदान करने के लिए आरजीएसए का एक स्वतंत्र मूल्यांकन किया है। यह मूल्यांकन पंचायत संचालन, योजना और कार्यान्वयन (जीपीडीपी सहित) डिजिटल शासन, नागरिक सहभागिता और योजना के संरचित, बहुस्तरीय क्षमता निर्माण, कक्षा/विषयगत मॉड्यूल, एक्सपोज़र विज़िट और डिजिटल लर्निंग के कारण वित्तीय सहभागिता से बढ़ती पीआरआई क्षमताओं को इंगित करता है।

पंचायत विकास सूचकांक (पीएआई) के तहत स्थानीय संकेतकों के युक्तिकरण के लिए समिति की सिफारिशों के आधार पर, मंत्रालय ने सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के 9 विषयों पर वर्ष 2023-24 के लिए पीएआई 1.0 में संकेतकों को 516 से युक्तिसंगत कर पीएआई 2.0 में 150 कर दिया है। फ्रेमवर्क को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पीएआई 1.0 से पीएआई 2.0 में बदलाव किया गया था, जिसमें कार्यप्रवाह को आसान बनाकर उपयोगिता को बेहतर बनाने के स्थानीय संकेतकों और डेटा बिंदुओं का अधिक प्रासंगिक और प्रतिनिधि सेट शामिल था। पीएआई 1.0 और पीएआई 2.0 के संकेतकों की विषयवार तुलना अनुलग्नक में संलग्न है। 

 

 

पीएआई 1.0 और पीएआई 2.0 की विषयवार तुलना

 

विषय

 

संकेतक संख्या

पीएआई 1.0

पीएआई 2.0

विषय 1 – गरीबी मुक्त और बेहतर आजीविका वाली  पंचायत

32

14

विषय 2 – स्वस्थ पंचायत

21

15

विषय 3 – बाल अनुकूल पंचायत

82

15

विषय 4 – जल पर्याप्त पंचायत

21

10

विषय 5 – स्वच्छ और हरित पंचायत

33

11

विषय 6 – आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत

159

18

विषय 7 – सामाजिक रूप से न्यायसंगत और संरक्षित  पंचायत

62

20

विषय 8 – सुशासन वाली पंचायत

62

26

विषय 9 – महिला अनुकूल पंचायत

44

21

कुल

516

150

 

यह जानकारी केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने 16 दिसंबर 2025 को लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।

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