ग्रामीण स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय सहायता
ग्रामीण स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय सहायता
पंचायत राज्य का विषय है और पंचायती राज मंत्रालय निरंतर पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के कामकाज के लिए योजनाओं के तहत निधि सहायता सहित राज्य सरकारों के प्रयासों का पूरक और समर्थन करता है। पंचायती राज मंत्रालय की चल रही योजनाओं और हाल ही में शुरू की गई प्रमुख पहलों का विवरण, जिनका उद्देश्य केंद्र समर्थित कार्यक्रमों के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करना है, जिनमें संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत किए गए सुधार भी शामिल हैं, अनुबंध -I में दिया गया है।
पंचायती राज मंत्रालय, पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की क्षमता निर्माण हेतु एकमात्र केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का कार्यान्वयन करता है। इसके अलावा, ग्राम पंचायत भवन निर्माण और कम्प्यूटरीकरण जैसी बुनियादी ढांचागत आवश्यकताओं के लिए सीमित पैमाने पर सहायता प्रदान की जाती है। आरजीएसए योजना के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों के दौरान राज्य/केंद्र शासित-प्रदेशवार निधियों का केंद्रीय हिस्सा और उसके उपयोग का विवरण अनुबंध-II में दिया गया है। वर्ष 2023-24 तक की जारी/व्यय की गई धनराशि की लेखापरीक्षा की गई है।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनी-अपनी वार्षिक कार्य योजनाओं (AAPs) में प्रस्तुत प्रस्तावों की जांच आरजीएसए योजना के फ्रेमवर्क के अंतर्गत की जाती है। 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजनाएँ प्राप्त हुईं, जिन पर केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा विचार किया गया और उन्हें अनुमोदित किया गया। इनमें क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण (CB&T), क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के लिए संस्थागत सहायता और ग्राम पंचायत भवन एवं कंप्यूटर जैसी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं सीमित पैमाने पर शामिल हैं। आरजीएसए योजना के तहत, विभिन्न श्रेणियों में 1.37 करोड़ प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण अनुबंध-III में दिया गया है। इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए 13,342 ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण और 55,587 कंप्यूटरों की खरीद को मंजूरी दी गई है। योजना के तहत अनुमोदित ग्राम पंचायत भवनों और कंप्यूटरों का राज्यवार विवरण अनुबंध-IV में दिया गया है। इसके अलावा, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण (सीबी एंड टी) के लिए संस्थागत सहायता को मजबूत करने के लिए, वर्ष 2025-26 के दौरान इस योजना के तहत 25 राज्य पंचायत संसाधन केंद्रों और 490 जिला पंचायत संसाधन केंद्रों के आवर्ती लागत को मंजूरी दी गई है।
(घ) स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और सहभागी शासन को बढ़ावा देने के लिए, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) हर साल 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से शुरू होने वाला जन योजना अभियान (पीपीसी) आयोजित करता है, जिसका उद्देश्य समावेशी विकास पर केंद्रित जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तरों पर पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) का निर्माण करना है। पीपीसी के तहत, विकास योजनाओं को तैयार करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के स्तर पर संरचित बैठकें आयोजित की जाती हैं। इन विचार–विमर्श मंचों में स्थानीय समुदाय, निर्वाचित सदस्य, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और संबंधित विभाग के अधिकारी एक साथ आकर स्थानीय जरूरतों पर चर्चा करते हैं, पूर्व में किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हैं और भविष्य की योजनाओं को प्राथमिकता देते हैं। पीडीपी का निर्माण तीनों स्तरों अर्थात् जिला स्तर पर जिला परिषद, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति और ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत पर सहभागी नियोजन सुनिश्चित करता है।
डिजिटल इंडिया पहल के तहत, पंचायती राज मंत्रालय विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म और एप्लिकेशन को विकसित और लोकप्रिय बनाकर जमीनी स्तर पर वित्तीय और शासन संबंधी पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा दे रहा है। ईग्रामस्वराज एप्लिकेशन को पंचायत स्तर पर डिजिटल योजना, लेखांकन, निगरानी और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ईग्रामस्वराज का पीएफएमएस के साथ एकीकरण विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को वास्तविक समय में भुगतान के लिए सक्षम बनाता है, जिससे धन का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित होता है और विलंब कम होता है। पंचायत खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ईग्रामस्वराज एप्लिकेशन को सरकारी ई–मार्केटप्लेस (जीईएम) के साथ एकीकृत किया गया है। यह एकीकरण पंचायतों को ईग्रामस्वराज प्लेटफॉर्म के माध्यम से जीईएम (GeM) से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद करने की सुविधा देता है, जिससे “वोकल फॉर लोकल” पहल को बढ़ावा मिलता है। मंत्रालय द्वारा विकसित डिजिटल ‘मेरी पंचायत‘ जैसे एप्लिकेशन ने पंचायत में योजना, गतिविधियों और कार्यों की प्रगति की जानकारी को जनता के लिए सुलभ बनाकर पंचायत शासन में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। ऑनलाइन पंचायत निर्णय एप्लिकेशन का उद्देश्य पंचायतों द्वारा ग्राम सभाओं के संचालन में पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन लाना है। इसके अलावा, ई–पंचायत मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) के तहत विकसित ‘ऑडिटऑनलाइन‘ एप्लिकेशन पंचायत खातों के ऑनलाइन ऑडिट की सुविधा प्रदान करता है और बेहतर वित्तीय प्रबंधन में सहयोग करता है।
आरजीएसए परियोजना के तहत, पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को सभी स्तरों पर विभिन्न विषयों/थीम पर उनकी शासन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिसमें प्रभावी पीडीपी तैयार करना और ई–गवर्नेंस टूल शामिल है। राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडीपीआर) और जिला एवं जिला स्तर पर जिला पंचायत संसाधन केंद्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था के अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) विभिन्न क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अतिरिक्त, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (आईआरएमए) आदि जैसे उत्कृष्टता संस्थानों के सहयोग से नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य संचार, निर्णय लेने और विवाद समाधान सहित आवश्यक नेतृत्व कौशल को निखारना है, जिससे पंचायतों के प्रभावी नेतृत्व गुणों का पोषण हो सके।
अनुबंध – I
पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय की योजनाओं और प्रमुख पहलों/सुधारों का विवरण
क्रम संख्या
योजनाएँ/पहल
उद्देश्य
1
संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना
निर्वाचित प्रतिनिधियों (ईआर) और उनके पदाधिकारियों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को मजबूत करना, तथा ग्राम पंचायत भवन के निर्माण और कम्प्यूटरीकरण जैसे बुनियादी ढांचे का समर्थन प्रदान करना।
2
पंचायतों को प्रोत्साहन (आईओपी) आरजीएसए योजना का एक केंद्रीय घटक
सेवा वितरण, लोक कल्याण और हाल ही में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में उनकी प्रगति में उनकी उपलब्धियों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को मान्यता देकर और पुरस्कृत करके पीआरआई के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना।
3
ई–पंचायतों पर मिशन मोड परियोजना (एमएमपी–ई पंचायत) आरजीएसए योजना का एक केंद्रीय घटक,
पंचायतों के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने, पीआरआई के कामकाज में दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता लाने और उनके समग्र परिवर्तन में योगदान देने के लिए डिजिटल समाधान विकसित करने हेतु विभिन्न ई–गवर्नेंस परियोजनाओं को वित्तपोषित करना। ग्रामीण स्थानीय शासन में समग्र परिवर्तन लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ईग्रामस्वराज और ऑडिटऑनलाइन जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किए गए हैं।
हाल की प्रमुख पहलें/सुधार
4
पंचायतों को अपने राजस्व स्रोत जुटाने में सक्षम बनाना
पंचायती राज मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि संबंधित नियम बनाने में सहायता करके पीआरआई में ओएसआर सृजन को बढ़ाया जा सके। मंत्रालय ने पीआरआई स्तर पर कर मांग बनाने और इकट्ठा करने के लिए समर्थ डिजिटल एप्लीकेशन विकसित किया है और क्षमता निर्माण मॉड्यूल के लिए आईआईएम जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग कर रहा है।
5
पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के लिए नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी)
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (आईआरएमए) आदि जैसे उत्कृष्ट संस्थानों के साथ पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) शुरू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य आवश्यक नेतृत्व कौशल को निखारना है, जो संचार, निर्णय लेने और संघर्ष समाधान तक सीमित नहीं है, जिससे पंचायतों के प्रभावी नेतृत्व गुणों का पोषण होता है।
6
पंचायत अधिकारियों की उच्च शिक्षा के लिए दीर्घकालिक घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रम
पंचायती राज मंत्रालय ने आरजीएसए के राज्य घटक के अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पंचायती राज संस्थाओं और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के लिए एक वर्ष तक की अवधि के “दीर्घकालिक घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए वित्तपोषण” की पहल की है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारियों को उत्कृष्ट संस्थानों से उन्नत, क्षेत्र–विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त हो, जिससे जमीनी स्तर पर बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए उनके कौशल का उन्नयन हो सके।
7
पंचायती राज संस्थाओं के नवनियुक्त पदाधिकारियों के लिए आरजीएसए के अंतर्गत 45 दिनों तक का आवासीय आधारशिला प्रशिक्षण कार्यक्रम:
मंत्रालय, पंचायती राज संस्थाओं के नवनियुक्त पदाधिकारियों के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर 45 दिनों तक के आवासीय आधारशिला प्रशिक्षण कार्यक्रम का समर्थन कर रहा है, जिसमें खंड विकास अधिकारी, पंचायत विकास अधिकारी, पंचायत सचिव, ग्राम विस्तार अधिकारी, लेखाकार, कर संग्रहकर्ता, रोजगार सहायक, पंचायत इंजीनियरिंग संवर्ग के अधिकारी, ग्राम सेवक/सेविकाएं और विशेष रूप से पंचायती राज संस्थाओं में सेवा के लिए भर्ती किए गए अन्य अधिकारी शामिल हैं।
8.
सशक्त पंचायत नेत्री अभियान
मंत्रालय ने पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता निर्माण हेतु एक व्यापक विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण शासन के विभिन्न पहलुओं पर महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता का निर्माण करना; निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के प्रभावी निर्वहन के लिए उनके ज्ञान और व्यावहारिक कौशल को बढ़ाना; और साथ ही प्रभावी महिला नेतृत्व वाले शासन के लिए नेतृत्व, संचार, प्रबंधन और निर्णय लेने के कौशल विकसित करना है।
9.
पेसा पर उत्कृष्टता केंद्र
(पेसा राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना के लिए)
जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा-1996) के प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, जनजातीय नेताओं की क्षमता निर्माण, प्रथागत कानून और प्रथाओं के संरक्षण और संवर्धन और संस्थागत समर्थन और अनुसंधान को मजबूत करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय के तत्वावधान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश में पेसा पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
10
आदर्श युवा ग्राम सभा
शैक्षणिक संस्थाओं में ग्राम सभाओं के कामकाज का अनुकरण करके, जमीनी स्तर के लोकतंत्र और पंचायती राज व्यवस्था में युवाओं के बीच जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, यह पहल स्कूली छात्रों को ग्रामीण स्थानीय शासन की कार्यप्रणाली में भाग लेने और सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है, उनमें समावेशिता और समानता के लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करती है, और नेतृत्व एवं आलोचनात्मक सोच कौशल का विकास करती है। इसका उद्देश्य स्थानीय शासन और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है, जिससे छात्रों को राष्ट्रीय विकास में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
11
मेरी पंचायत एप्लिकेशन
मेरी पंचायत ऐप एक मोबाइल गवर्नेंस (एम–गवर्नेंस) ऐप है, जिसे ग्राम पंचायतों के कामकाज से संबंधित इस मंत्रालय के विभिन्न पोर्टलों से एकत्रित जानकारी को जनता के लिए आसानी से सुलभ बनाने के लिए विकसित किया गया है।
12
ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान
ग्राम पंचायत स्तर की मौसम पूर्वानुमान पहल, जिसे पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के सहयोग से विकसित किया गया है, ग्राम पंचायतों को तापमान, वर्षा, हवा की गति, बादल छाने और आर्द्रता के बारे में पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान और घंटेवार अपडेट प्रदान करती है।
13
ईग्रामस्वराज–भाषिणी एकीकरण
यह एकीकरण ई–ग्रामस्वराज को भाषिणी के एआई–संचालित अनुवाद के माध्यम से भारत की 22 अनुसूचित भाषाओं में सेवाएं प्रदान करने की सुविधा देता है, जिससे पूरे भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए स्थानीय भाषा की पहुंच एक वास्तविकता बन जाती है।
14
सभासार
ग्राम सभा दस्तावेज़ीकरण को तेज़, आसान और संरचित प्रारूप में बनाने के लिए, एक एआई–सक्षम एप्लिकेशन– “सभासार” विकसित किया गया है और दिनांक 14.08.2025 को लॉन्च किया गया है, जो ग्राम सभा बैठकों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग से स्वचालित रूप से बैठक के कार्यवृत्त (एमओएम) तैयार करता है।
15
नागरिक चार्टर और पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सेवा वितरण
नागरिक चार्टर को अब ग्राम पंचायत तक विस्तारित कर दिया गया है, जिसमें जीवन को आसान बनाने पर विशेष ज़ोर दिया गया है। वर्ष 2021 में, स्पष्ट सेवा मानक, समय–सीमा, शिकायत निवारण तंत्र और नागरिक जाँच–पड़ताल निर्धारित करके पंचायतों में सेवा वितरण को मानकीकृत करने के लिए आदर्श नागरिक चार्टर शुरू किया गया था।
अनुबंध – II
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार जारी और उपयोग की गई निधियां
(करोड़ रुपये में)
2020-21
2021-22
2022-23
2023-24
2024-25
क्रम संख्या
राज्य का नाम
जारी की गई निधि
उपयोग की गई निधि ^
जारी की गई निधि
उपयोग की गई निधि ^
जारी की गई निधि
उपयोग की गई निधि ^
जारी की गई निधि
उपयोग की गई निधि ^
जारी की गई निधि
उपयोग की गई निधि^
1
आंध्र प्रदेश
22.34
65.20
38.54
7.45
0.00
5.62
0.00
21.35
2.52
59.64
2
अरुणाचल प्रदेश
0.00
8.53
30.07
35.42
108.69
132.45
72.09
89.97
70.00
77.94
3
असम
26.12
62.48
44.04
30.79
55.29
95.15
77.70
91.41
60.00
71.87
4
बिहार
0.00
38.63
63.76
59.31
33.37
70.07
25.00
51.81
0.00
75.08
5
छत्तीसगढ
4.04
11.24
7.93
6.04
0.00
29.52
17.57
22.25
16.50
34.12
6
गोवा
0.00
0.98
0.59
0.39
0.00
1.12
0.89
1.00
1.35
1.29
7
गुजरात
0.00
11.54
0.00
5.16
0.00
0.01
0.00
1.28
0.00
15.48
8
हरियाणा
9.89
3.39
0.00
7.90
0.00
3.06
0.00
8.84
5.00
8.22
9
हिमाचल प्रदेश
22.10
12.40
32.42
74..74
60.65
37.49
19.31
69.30
27.21
42.94
10
जम्मू और कश्मीर
25.00
9.56
40.00
66.15
40.00
57.75
65.00
98.61
65.00
57.89
11
झारखंड
2.34
0.92
7.74
1.78
0.00
18.44
31.00
25.95
0.00
26.47
12
कर्नाटक
0.44
49.32
29.15
32.34
36.00
25.67
20.00
39.02
16.25
49.53
13
केरल
8.13
11.40
12.00
12.15
30.40
23.13
10.00
37.04
10.00
32.65
14
मध्य प्रदेश
71.42
110.91
47.11
84.40
28.00
145.17
32.17
74.16
40.00
96.82
15
महाराष्ट्र
66.76
73.71
73.34
102.26
37.84
129.03
116.12
194.26
80.00
134.79
16
मणिपुर
3.41
4.18
2.98
0.00
8.63
3.31
9.56
8.34
0.00
3.91
17
मेघालय
3.97
0.60
0.00
2.64
0.00
6.41
6.00
6.26
8.00
7.60
18
मिजोरम
21.19
4.72
5.56
0.52
14.27
25.48
10.00
15.64
12.00
19.63
19
नगालैंड
3.72
9.15
4.58
10.38
0.00
0.00
10.00
5.46
10.00
15.32
20
ओडिशा
2.94
4.24
1.33
23.62
11.40
24.83
27.33
44.22
20.00
60.15
21
पंजाब
13.45
22.42
10.78
2.88
34.25
42.91
10.00
23.06
5.00
23.89
22
राजस्थान
12.98
34.65
17.27
4.54
0.00
32.53
21.72
40.12
15.00
30.88
23
सिक्किम
4.75
5.77
1.19
6.01
6.01
4.98
6.00
7.90
7.00
7.19
24
तमिलनाडु
56.88
103.01
39.89
71.12
25.42
8.53
0.00
25.98
45.00
63.69
25
तेलंगाना
12.00
1.69
0.00
2.42
0.00
3.19
20.00
20.47
0.00
8.99
26
त्रिपुरा
2.53
5.42
4.67
4.98
9.80
3.76
7.43
10.96
10.00
20.24
27
उत्तर प्रदेश
32.54
245.33
83.08
109.25
85.05
96.33
84.13
158.95
38.77
180.84
28
उत्तराखंड
26.75
28.67
0.00
15.33
42.48
57.15
64.67
66.29
50.00
63.72
29
पश्चिम बंगाल
33.52
56.50
15.14
35.28
4.28
50.89
33.69
57.32
52.68
82.56
489.21
996.56
613.17
740.51
671.83
1133.98
797.38
1317.22
667.28
1373.34
संघ राज्य क्षेत्र
30
अंडमान और निकोबार
0.00
0.83
0.00
1.09
0.00
1.03
0.79
1.28
2.12
1.18
31
दादरा नगर हवेली और दमन और दीव
0.00
0.35
0.00
0.18
1.14
4.5
1.00
0.38
1.00
0.24
32
लद्दाख
2.15
0.00
1.08
1.56
0.00
1.52
1.00
0.8
0.00
0.58
उप–योग
491.36
614.25
672.97
800.17
670.40
एजेंसियां
8.59
3.75
10.01
14.69
23.77
कुल
499.95
997.74
618.00
743.34
682.98
1141.03
814.86
1319.68
694.17
1375.34
नोट: उपयोग की गई निधि में राज्य का समान हिस्सा और एकल नोडल खाता (एसएनए) में अर्जित ब्याज शामिल है। 2022-23 से आगे के लिए डेटा स्रोत पीएफएमएस–एसएनए-01 रिपोर्ट और उससे पहले राज्य से प्राप्त उपयोगिता प्रमाण पत्र है।
^ इसमें पिछले वर्ष की अप्रयुक्त राशि और राज्य का हिस्सा शामिल है।
अनुबंध – III
आरजीएसए योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों का वर्षवार और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण
क्रम संख्या
राज्य
2022-23
2023-24
2024-25
2025-26 (दिनांक 25.11.2025 तक)
1
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
1874
2865
5221
1143
2
आंध्र प्रदेश
649156
165001
325643
201930
3
अरुणाचल प्रदेश
3,711
6138
12344
8794
4
असम
227733
348183
144936
49383
5
बिहार
404406
163809
435896
124860
6
छत्तीसगढ
121099
163292
90559
42922
7
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
575
1000
1073
680
8
गोवा
1777
3548
4519
1694
9
गुजरात
250
1938
90368
22112
10
हरियाणा
4859
12431
11909
89417
11
हिमाचल प्रदेश
9531
92458
120455
10722
12
जम्मू और कश्मीर
284138
350026
82534
9091
13
झारखंड
8302
54056
135817
88437
14
कर्नाटक
213467
363317
321380
196658
15
केरल
179478
149153
129632
44072
16
लद्दाख
0
0
26
31
17
मध्य प्रदेश
281610
86884
242279
130586
18
महाराष्ट्र
1041165
984321
363111
29978
19
मणिपुर
894
5591
195
2871
20
मेघालय
11,588
74410
78537
6401
21
मिजोरम
2659
9800
9841
5496
22
नगालैंड
1832
3435
4725
2389
23
ओडिशा
79116
160774
279505
145435
24
पंजाब
36378
13359
122848
58785
25
राजस्थान
2481
96389
71795
263011
26
सिक्किम
13,552
11249
6709
3805
27
तमिलनाडु
106560
101513
78490
37384
28
तेलंगाना
14506
2441
1701
13175
29
त्रिपुरा
7743
63715
54228
33849
30
उत्तराखंड
48241
144374
22342
3171
31
उत्तर प्रदेश
263409
82712
76302
192955
32
पश्चिम बंगाल
174974
272762
228081
154769
33
एनआईआरडीपीआर और अन्य
5229
1438
1941
1709
कुल
42,02,293
39,92,382
35,54,942
19,77,715
अनुबंध– IV
वर्ष 2022-23 से आरजीएसए योजना के तहत स्वीकृत ग्राम पंचायत भवन/कंप्यूटर की राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार स्थिति
क्रम संख्या
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
अनुमोदित ग्राम पंचायत भवनों की संख्या
स्वीकृत कंप्यूटरों की संख्या
1
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (केंद्र शासित प्रदेश)
2
0
2
आंध्र प्रदेश
617
1922
3
अरुणाचल प्रदेश
1339
1936
4
असम
610
2055
5
बिहार
500
4267
6
छत्तीसगढ
334
6496
7
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (केंद्र शासित प्रदेश)
17
4
8
गोवा
1
25
9
गुजरात
412
43
10
हरियाणा
892
1363
11
हिमाचल प्रदेश
343
334
12
जम्मू और कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश)
1000
1318
13
झारखंड
0
2306
14
कर्नाटक
258
0
15
केरल
7
200
16
लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश)
3
127
17
लक्षद्वीप (केंद्र शासित प्रदेश)
0
0
18
मध्य प्रदेश
50
289
19
महाराष्ट्र
1376
1625
20
मणिपुर
43
141
21
मेघालय
36
1677
22
मिजोरम
368
591
23
नगालैंड
183
739
24
ओडिशा
500
350
25
पुदुच्चेरी (केंद्र शासित प्रदेश)
0
0
26
पंजाब
759
8334
27
राजस्थान
43
1554
28
सिक्किम
27
235
29
तमिलनाडु
146
1594
30
तेलंगाना
856
3452
31
त्रिपुरा
131
493
32
उत्तर प्रदेश
1273
3145
33
उत्तराखंड
1012
7260
34
पश्चिम बंगाल
204
1712
कुल
13,342
55,587
यह जानकारी केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 16 दिसंबर 2025 को लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।