Wednesday, December 17, 2025
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सरकार ने हरित हाइड्रोजन लागत को कम करने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत हुई प्रगति के बारे में बताया

सरकार ने हरित हाइड्रोजन लागत को कम करने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत हुई प्रगति के बारे में बताया

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) देश को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) को लागू कर रहा है।

भारत की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक पहुंचने की संभावना है।

हरित हाइड्रोजन की लागत को कम करने के लिए एनजीएचएम के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इनका विवरण नीचे दिया गया है:

हरित हाइड्रोजन लागत में कमी के लिए उठाए गए अन्य कदम इस प्रकार हैं:

एमएनआरई पेरोव्स्काइट टेंडेम सोलर सेल प्रौद्योगिकी के विस्तार और स्वदेशीकरण के लिए 83.19 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के साथ ‘स्केल-अप ऑफ पेरोव्स्काइट टेंडेम सोलर सेल (फेज-I)’ नामक एक अनुसंधान और विकास परियोजना का समर्थन कर रहा है।

यह जानकारी केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

  1. इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 15 कंपनियों को प्रति वर्ष 3,000 मेगावाट की कुल विनिर्माण क्षमता प्रदान की गई है। कुल प्रोत्साहन राशि 4440 करोड़ रुपये प्रदान की गई है।
  2. ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 18 कंपनियों को प्रति वर्ष 8,62,000 टन की संचयी उत्पादन क्षमता प्रदान की गई है।
  3. रिफाइनरियों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की खरीद के लिए प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 2 कंपनियों को प्रति वर्ष 20,000 टन की कुल क्षमता से प्रदान की गई है।

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