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संसद प्रश्न: गैर-जैविक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियां

संसद प्रश्न: गैर-जैविक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियां

भारत सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीआई) व अन्य संबंधित एजेंसियों के माध्यम से चक्रीय अर्थव्यवस्था तथा अपशिष्ट-से-धन कार्यक्रमों को सशक्त बना रही है। इन गतिविधियों के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, उद्योग साझेदारी, प्रायोगिक संयंत्र और स्टार्टअप सहायता के माध्यम से अकार्बनिक ठोस अपशिष्ट के पुनर्चक्रण व पुन: उपयोग के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। व्यावसायीकरण मांग-आधारित है और यह प्रौद्योगिकी की परिपक्वता, नियामक अनुमोदन और उद्योग द्वारा इसके अपनाने पर निर्भर करता है; इसलिए कोई निश्चित राष्ट्रीय समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। इन प्रौद्योगिकियों को विभिन्न राज्यों में संस्थागत और औद्योगिक सहयोग के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जिससे स्थायी व प्रभावशाली अपशिष्ट प्रबंधन समाधानों को बढ़ावा मिलता है।

सरकार ने अजैविक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में कई प्रायोगिक परियोजनाएं और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन गतिविधियां शुरू की हैं। ये सभी परियोजनाएं, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और अजैविक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के वाणिज्यिक संयंत्र देश भर के विभिन्न राज्यों में कार्यरत हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ मिलकर नई अपशिष्ट प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए काम कर रहा है और कार्यान्वयन के लिए विभिन्न प्रदर्शन मानक निर्धारित किए हैं।

डीएसटी ने गैर-जैविक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में कई प्रायोगिक परियोजनाओं और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया है। देश के विभिन्न राज्यों में विकसित और प्रदर्शित की गई कुछ प्रमुख परियोजनाएं निम्नलिखित हैं:

 

 

सीएसआईआर ने अपनी घटक प्रयोगशालाओं के माध्यम से गैर-जैविक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रायोगिक परियोजनाओं या प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजनाओं का सहयोग किया है। विभिन्न राज्यों में विकसित और प्रदर्शित की गई कुछ प्रमुख परियोजनाएं निम्नलिखित हैं:

सरकार की चक्रीय अर्थव्यवस्था कार्य योजना के अंतर्गत, एमईआईटीवाई ने लागत प्रभावी तकनीकी समाधान विकसित किए हैं और देश में ई-कचरा प्रबंधन के लिए कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण गतिविधियों में सहयोग दिया है। इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-कचरे) को राष्ट्रीय चुनौती मानते हुए, एमईआईटीवाई  ने कई गतिविधियां शुरू की हैं। इनका विवरण नीचे दिया गया है:

परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की एक घटक इकाई, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) ने खाली किए गए प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) से उच्च शुद्धता वाले कॉपर ऑक्साइड नैनोकणों के उत्पादन की तकनीक विकसित की है। इस तकनीक को व्यावसायीकरण के लिए छह निजी कंपनियों को हस्तांतरित कर दिया गया है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) द्वारा अधिसूचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) नियम, 2016 के अनुसार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को नई अपशिष्ट प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा करने और प्रदर्शन मानकों को निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को स्वतंत्र रूप से या निजी भागीदारी के माध्यम से अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना को सुगम बनाने की आवश्यकता है।

सरकार ने नियोडिमियम (एनडी) और प्रेज़ियोडिमियम (पीआर) सहित दुर्लभ पृथ्वी पदार्थों के प्रसंस्करण व पुनर्प्राप्ति के लिए प्रायोगिक स्तर तथा अनुसंधान एवं विकास स्तर की सुविधाओं की स्थापना को सहारा दिया है। इसके अलावा, खान मंत्रालय खनन, खनिज प्रसंस्करण, धातु विज्ञान और पुनर्चक्रण क्षेत्रों में स्टार्टअप और लघु एवं मध्यम उद्यमों को अनुसंधान व नवाचार प्रोत्साहन (एसएंडटी-पीआरआईएसएम) पहल के तहत वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।

कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों में शामिल हैं:

 

 

 

क्रमांक

प्रायोगिक पैमाने की सुविधा का नाम

मेजबान संस्थान का नाम

 

1.

एमईआईटीवाई द्वारा

एनडी, पीआर धातुओं, एनडीफेब मिश्र धातु और चुम्बकों का प्रायोगिक स्तर पर निर्माण

सेंटर फॉर मैटेरियल्स फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (सी-एमईटी), हैदराबाद,

तेलंगाना

 

2.

डीएसटी-एएनआरएफ का

एनपीएलपी तकनीक का उपयोग करके नियर नेट शेप्ड एनडी-एफई-बी मैग्नेट के निर्माण के लिए पायलट प्लांट

बुरादा धातु विज्ञान और नई सामग्रियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय उन्नत अनुसंधान केंद्र (एआरसीआई), हैदराबाद, तेलंगाना

 

3.

डीएसटी-टीडीबी की

नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन (एनडीएफईबी) दुर्लभ-पृथ्वी स्थायी चुम्बकों के लिए घरेलू स्तर पर स्थापित सुविधा

मेसर्स मिडवेस्ट एडवांस्ड मैटेरियल्स प्राइवेट लिमिटेड (एमएएम), हैदराबाद, तेलंगाना

 

 

4.

स्थायी चुंबक अनुप्रयोगों के लिए एनडी-पीआर ऑक्साइड से नियोडिमियम-प्रेज़ियोडिमियम (एनडी-पीआर) धातु के निष्कर्षण हेतु खान मंत्रालय की पायलट-स्तरीय (टीआरएल-7) सुविधा

 

 

अश्विनी रेयर अर्थ्स प्राइवेट लिमिटेड

 

5.

बार्क का रेयर अर्थ और टाइटेनियम थीम पार्क, जिसमें नियोडिमियम तथा प्रेज़ियोडिमियम के उत्पादन के लिए प्रायोगिक स्तर की सुविधाएं

 

आईआरईएल (भारत), भोपाल, मध्य प्रदेश

 

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