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निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एमएसएमई को सहायता के लिए सरकार की पहल

निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एमएसएमई को सहायता के लिए सरकार की पहल

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्रों से निर्यात के हालिया रुझानों के अनुसार कुल व्यापारिक निर्यात में एमएसएमई क्षेत्र का योगदान 2023-24 में 45.74 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 48.55 प्रतिशत हो गया है। सरकार ने एमएसएमई सहित अन्य क्षेत्रों से समग्र निर्यात को मजबूत करने के लिए निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत, निर्यात प्रोत्साहन के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी, जो एमएसएमई निर्यातकों के लिए व्यापार वित्त सुविधा पर केंद्रित है। इसी तरह से निर्यात दिशा, निर्यात-गुणवत्ता और अनुपालन सहायता, बाजार-पहुंच हस्तक्षेप, लॉजिस्टिक सुविधा और निर्यात व्यवस्था निर्माण के उपायों सहित गैर-वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा, हाल ही में किए गए व्यापक जीएसटी सुधारों से, एमएसएमई को मजबूती मिलेगी। कम जीएसटी दरों ने कच्चे माल और सेवाओं को अधिक किफायती बना दिया है जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों और स्टार्ट-अप्स को परिचालन बढ़ाने, नवाचार में निवेश करने और घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित किया गया है।

सरकार ने वैश्विक मूल्य श्रृंखला में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:-

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (सुश्री शोभा करंदलाजे) ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

  1. पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स के लिए व्यापक और एकीकृत योजना संभव हुआ है।
  2. राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी), जिसका उद्देश्य लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के माध्यम से देश की आर्थिक वृद्धि और व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
  3. निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) के अंतर्गत राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआई) को शत-प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज प्रदान किया जाएगा, ताकि एमएसएमई सहित पात्र निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान की जा सके।

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