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राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत हथकरघा बुनकरों को सहायता

राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत हथकरघा बुनकरों को सहायता

वस्त्र मंत्रालय, विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय के माध्यम से देश भर में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) का क्रियान्वयन कर रहा है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) सहित लगभग 22,72,085 बुनकरों को एनएचडीपी के अंतर्गत सहायता प्रदान की गई है।

एनएचडीपी का एक घटक, क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी), 2015-16 से देश भर में उन्नत करघे और सहायक उपकरण, वर्कशेड निर्माण, सौर प्रकाश इकाइयों, उत्पाद और डिज़ाइन विकास आदि जैसे विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से आवश्यकता पर आधारित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कार्यान्वित किया जा रहा है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान देश भर में 356 सीडीपी को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

एनएचडीपी के एक घटक, हथकरघा विपणन सहायता (एचएमए) के तहत, देश भर में राष्ट्रीय हथकरघा एक्सपो- “गांधी बुनकर मेला”, राज्य हथकरघा एक्सपो- “हथकरघा” और जिला हथकरघा एक्सपो- “ताना-बाना” जैसी प्रदर्शनियों का आयोजन  किया जाता है, जिसमें विभिन्न शिल्प मेलों और दिल्ली हाट कार्यक्रम आदि में भागीदारी भी शामिल है, ताकि हथकरघा एजेंसियों जैसे सहकारी समितियों, निर्माता कंपनियों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी), संघों, निगमों, शीर्ष समितियों आदि को अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेचने के लिए विपणन मंच प्रदान किया जा सके। इसके अलावा, हथकरघा उत्पादों के ऑनलाइन विपणन के लिए हथकरघा क्षेत्र का समर्थन करने हेतु एक ई- कॉमर्स पोर्टल (https://www.indiahandmade.com) पहले ही लॉन्च किया जा चुका है। पिछले पांच वर्षों के दौरान एचएमए के तहत लगभग 16,11,667 बुनकरों को समर्थन दिया गया है।

वस्त्र मंत्रालय ने विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय के माध्यम से अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना 2019-20 आयोजित की है। इस जनगणना के अनुसार, देश भर में 35,22,512 हथकरघा श्रमिक और संबद्ध श्रमिक हैं।

वस्त्र राज्य मंत्री श्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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