प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना
31 अक्टूबर 2025 तक विभिन्न घटकों के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना की प्रगति निम्नानुसार है:
पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को जारी किया गया केन्द्रांश निम्नानुसार है:
वित्तीय वर्ष
केंद्र शेयर निधि जारी
(करोड़ रुपये में)
2020-21
367.61
2021-22
297.44
2022-23
268.52
2023-24
765.30
2024-25
1142.56
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने योजना की शुरूआत से ही इस योजना को बढ़ावा देने तथा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जागरूकता अभियान जैसे समाचार पत्रों में विज्ञापन, रेडियो जिंगल्स, प्रदर्शनियां और एक्सपो, मेले, क्रेता-विक्रेता बैठकें आदि के माध्यम से महिला समूहों और आम जनता सहित विभिन्न हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न पहल/उपाय किए हैं।
पीएमएफएमई योजना सूक्ष्म उद्यमों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और इस क्षेत्र के औपचारिकीकरण को बढ़ावा देना है। तकनीकी/प्रौद्योगिकीय सहायता, क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण, बाज़ार संपर्क और जागरूकता के लिए पीएमएफएमई योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है ।
यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अनुलग्नक
“ प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना ”
तकनीकी/प्रौद्योगिकीय सहायता, क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण, बाजार संपर्क और जागरूकता के लिए पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत दी जाने वाली वित्तीय सहायता का विवरण निम्नानुसार है:
(i) व्यक्तिगत/समूह श्रेणी के सूक्ष्म उद्यमों को सहायता: पात्र परियोजना लागत का 35% ऋण-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी, अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये प्रति इकाई;
(ii) बीज पूंजी के लिए स्वयं सहायता समूहों को सहायता: कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में लगे स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40,000 रुपये की दर से बीज पूंजी प्रदान की जाएगी, जो प्रति स्वयं सहायता समूह संघ के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये तक होगी।
(iii) साझा अवसंरचना के लिए सहायता: साझा अवसंरचना स्थापित करने हेतु एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों और किसी भी सरकारी एजेंसी को सहायता प्रदान करने हेतु 35% की दर से ऋण-आधारित पूंजीगत सब्सिडी, जो अधिकतम 3 करोड़ रुपये होगी। साझा अवसंरचना अन्य इकाइयों और जनता के लिए भी उपलब्ध होगी, ताकि वे अपनी क्षमता के एक बड़े हिस्से के लिए किराये के आधार पर इसका उपयोग कर सकें।
(iv) ब्रांडिंग और विपणन सहायता: एफपीओ/एसएचजी/सहकारिता समूहों या सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के एसपीवी को ब्रांडिंग और विपणन के लिए 50% तक अनुदान।
(v) क्षमता निर्माण: इस योजना में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और उत्पाद विशिष्ट कौशल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए संशोधित उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) के लिए प्रशिक्षण की परिकल्पना की गई है।
- ऋण लिंक्ड सब्सिडी के लिए 1,62,744 ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
- स्वयं सहायता समूह के 3,65,935 सदस्यों को बीज पूंजी स्वीकृत
- सामान्य अवसंरचना सुविधाओं के निर्माण के लिए 101 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई
- 76 इन्क्यूबेशन केन्द्रों को मंजूरी दी गई।
- ब्रांडिंग एवं विपणन घटक के अंतर्गत 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।