कवच 4.0 को दिल्ली-मुंबई मार्ग पर पलवल-मथुरा-नागदा सेक्शन (633 मार्ग किमी) और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर हावड़ा-बर्धमान सेक्शन (105 मार्ग किमी) पर चालू किया गया
कवच 4.0 को दिल्ली-मुंबई मार्ग पर पलवल-मथुरा-नागदा सेक्शन (633 मार्ग किमी) और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर हावड़ा-बर्धमान सेक्शन (105 मार्ग किमी) पर चालू किया गया
i. प्रत्येक स्टेशन, ब्लॉक सेक्शन पर स्टेशन कवच की स्थापना।
ii. संपूर्ण ट्रैक लंबाई में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग की स्थापना।
iii. पूरे खंड में दूरसंचार टावरों की स्थापना।
iv. ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना।
v. भारतीय रेलवे पर चलने वाले प्रत्येक लोकोमोटिव पर लोको कवच का प्रावधान।
क्रम संख्या
मद
प्रगति
i
ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना
7129 किमी
ii
दूरसंचार टावरों की स्थापना
860 टावर
iii
स्टेशनों पर कवच का प्रावधान
549 संख्या
iv
ट्रैक साइड उपकरणों की स्थापना
2674 मार्ग किलो मीटर
v
लोको पर कवच का प्रावधान
4,154
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
- कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है। कवच एक अत्यधिक तकनीकी रूप से गहन प्रणाली है, जिसके लिए उच्चतम स्तर के सुरक्षा प्रमाणन (एसआईएल-4) की आवश्यकता होती है।
- कवच, लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में असफल रहने की स्थिति में स्वचालित ब्रेक लगाकर रेलगाड़ियों को निर्दिष्ट गति सीमा के अंदर चलाने में लोको पायलट की सहायता करता है तथा खराब मौसम के दौरान रेलगाड़ियों को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है।
- यात्री ट्रेनों पर पहला परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू किया गया था। प्राप्त अनुभव और स्वतंत्र सुरक्षा निर्धारक (आईएसए) द्वारा प्रणाली के स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकन के आधार पर, कवच संस्करण 3.2 की आपूर्ति के लिए 2018-19 में तीन फर्मों को मंजूरी दी गई थी।
- कवच को जुलाई 2020 में राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के रूप में अपनाया गया था।
- कवच प्रणाली के कार्यान्वयन में निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं: