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केंद्रीय फिल्मक प्रमाणन बोर्ड ने फिल्मों के प्रमाणन की प्रत्येक जांच और संशोधन समिति में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है

केंद्रीय फिल्मक प्रमाणन बोर्ड ने फिल्मों के प्रमाणन की प्रत्येक जांच और संशोधन समिति में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है

सिनेमैटोग्राफ प्रमाणन नियम, 2024 के अनुसार बोर्ड और सलाहकार समितियों में एक-तिहाई महिला सदस्यों का होना अनिवार्य है जिसे देखते हुए इनमें महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है। इसके अलावा, केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड के नियमों के अनुसार, फिल्मों की प्रमाणन जांच के लिए गठित प्रत्येक समिति और संशोधन समिति में महिलाओं का 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व होता है।

बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और उसके अंतर्गत नियमों द्वारा निर्धारित होता है। सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 2024 के नियम 3 के अनुसार, प्रत्येक सदस्य केंद्र सरकार के निर्णय अनुसार अधिकतम तीन वर्ष की अवधि के लिए पद पर रहता है, लेकिन उनका कार्यकाल तब तक जारी रहेगा जब तक उनके स्थान पर नए सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती।

केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड-सीबीएफसी, बोर्ड के सदस्यों के साथ अपनी बैठक ऑनलाइन आयोजित करता है। वर्ष 2017 से, फिल्मों के प्रमाणन के लिए शुरू की गई ऑनलाइन प्रणाली ई-सिनेप्रमाण से प्रमाणन प्रक्रिया डिजिटल बना दी गई है। इसके माध्यम से प्रमाणन के लिए आवेदन जमा करना, प्रक्रिया और अनुमोदन ऑनलाइन किए जाते हैं। समय पर प्रमाणन के लिए फिल्मों की संख्या के आधार पर आवश्यकतानुसार जांच और संशोधन समितियों की बैठकें आयोजित होती हैं।

क्यूआर कोड प्रणाली लोगों को प्रमाणन से संबंधित सामान्‍य जानकारी, जैसे फिल्म का शीर्षक, भाषा, अवधि, आवेदक का नाम, निर्माता का नाम, सारांश और कलाकारों/तकनीशियनों का विवरण जानने में सक्षम बनाती है। डेटा सुरक्षा, सिस्टम सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए ई-सिनेप्रमाण पोर्टल पर क्यूआर कोड के अंतर्गत उपलब्ध सामग्री में कुछ संशोधन किए गए हैं पर ये बदलाव लोगों को प्रमाणन संबंधी जानकारी प्राप्‍त करने में बाधक नहीं बनते।

सीबीएफसी प्रतिवर्ष सूचना और प्रसारण मंत्रालय को अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश करता है। मंत्रालय की समेकित वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी शामिल की जाती है और नियमित रूप से प्रकाशित होती है। यह मंत्रालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहती है।

सूचना और प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज राज्यसभा में श्रीमती सागरिका घोष के अतारांकित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

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