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साइबर अपराधों को काबू करने के लिए क्षमता निर्माण योजना

साइबर अपराधों को काबू करने के लिए क्षमता निर्माण योजना

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के माध्यम से साइबर अपराध सहित अन्य अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की पहलों को उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) की क्षमता निर्माण हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत परामर्श और वित्तीय सहायता प्रदान करके सहायता प्रदान करती है।

केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में यह जानकारी उपलब्‍ध कराई।

 

  1. गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए एक संलग्न कार्यालय के रूप में ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (I4सी) की स्थापना की है।
  2. I4 सी के एक भाग के रूप में, ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ (एनसीआरपी) ( https://cybercrime.gov.in ) शुरू किया गया है ताकि आम जनता सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट कर सके। विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर। इस पोर्टल पर दर्ज साइबर अपराध की घटनाओं, उनकी एफआईआर में रूपांतरण और उसके बाद की कार्रवाई, कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की जाती है।

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