संसद प्रश्न: निसार-उपग्रह
संसद प्रश्न: निसार-उपग्रह
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी-एफ16 के माध्यम से नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) को 30 जुलाई, 2025 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
निसार के लक्ष्य एवं उद्देश्य नीचे दिए गए हैं:
निसार, इसरो और नासा द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया अपनी तरह का पहला मिशन है जो एल और एस-बैंड में वैश्विक कवरेज के लिए माइक्रोवेव इमेजिंग क्षमता के साथ पूर्ण पोलरिमेट्रिक और इंटरफेरोमेट्रिक डेटा प्राप्त करने के लिए विकसित किया गया है। निसार के मिशन का उद्देश्य 5 वर्षों की अवधि के मिशन जीवन के साथ, अमेरिकी और भारतीय वैज्ञानिक समुदायों के साझा हित वाले क्षेत्रों में भूमि और बर्फ के क्षरण, भूमि इकोसिस्टम और समुद्री क्षेत्रों का अध्ययन करना है।
30 जुलाई, 2025 को 17.40 बजे (आईएसटी) जीएसएलवी-एफ16 के माध्यम से निसार के सफल प्रक्षेपण के बाद सफलतापूर्वक पूरे किए गए वांछित उद्देश्य/लक्ष्य संबंधी क्रियाकलाप नीचे दिए गए हैं:
मिशन योजना के अनुसार विज्ञान योजना संबंधी गतिविधियां प्रगति पर हैं। अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए इस्तेमाल का विकास इस मिशन की 5 वर्ष की अवधि के दौरान किया जाएगा।
निसार उपग्रह के निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति 27 मई, 2015 को प्राप्त हुई थी और 30 जुलाई, 2025 को इसके सफल प्रक्षेपण में एक दशक का समय लगा। 31 अक्टूबर, 2025 तक उपग्रह के विकास के लिए इसरो द्वारा 504.78 करोड़ रुपये और इसके प्रक्षेपण की लागत के तौर पर 340 करोड़ रुपये (लगभग) खर्च किए गए हैं।
चालू वर्ष के दौरान इसरो द्वारा प्रक्षेपित उपग्रहों की कुल संख्या नीचे दी गई है: