कर्नाटक ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 14,151 छतों पर सौर ऊर्जा स्थापित करने का रिकॉर्ड बनाया, जिससे 22,313 परिवारों को लाभ हुआ
कर्नाटक ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 14,151 छतों पर सौर ऊर्जा स्थापित करने का रिकॉर्ड बनाया, जिससे 22,313 परिवारों को लाभ हुआ
31.10.2025 तक, कर्नाटक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा की कुल 25,675.39 मेगावाट क्षमता स्थापित की गई है, जो देश भर में स्थापित कुल 2,50,643.45 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लगभग 10.24% है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजी: एमबीवाई) रूफटॉप सोलर (आरटीएस) सिस्टम लगाने की एक मांग-आधारित योजना है, जिसके तहत देश के सभी आवासीय उपभोक्ता, जिनके पास स्थानीय डिस्कॉम का ग्रिड से जुड़ा बिजली कनेक्शन है, योजना के राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 26.11.2025 तक, देश भर में इस योजना के तहत कुल 18,72,499 आरटीएस सिस्टम लगाए जा चुके हैं, जिससे 23,47,694 परिवार लाभान्वित हुए हैं। इनमें से, कर्नाटक राज्य में कुल 14,151 आरटीएस सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे 22,313 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
कर्नाटक के बेलगावी जिले में, राष्ट्रीय पोर्टल पर कुल 25,778 आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं और 26.11.2025 तक इस योजना के तहत 681 परिवारों को रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्थापना से लाभान्वित किया गया है।
कर्नाटक के बेलगावी शहर सहित पूरे देश में पीएमएसजी: एमबीवाई के अंतर्गत 2026-27 तक एक करोड़ घरों के लिए रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापना के लक्ष्य को प्राप्त करने और प्रगति में तेजी लाने के लिए मंत्रालय ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:
सौर पार्कों और अल्ट्रा-मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की योजना के अंतर्गत, 2,000 मेगावाट क्षमता वाले पावागड़ा सौर पार्क और उसके विद्युत निकासी अवसंरचना के विकास हेतु केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के रूप में कुल 351.94 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। पावागड़ा सौर पार्क दिसंबर 2019 से 2,000 मेगावाट क्षमता के साथ पूरी तरह से चालू हो गया है। भविष्य की परियोजनाओं के लिए प्रमुख सीखों में भूमि की समय पर उपलब्धता और सौर परियोजनाओं के बड़े पैमाने पर विकास हेतु ट्रांसमिशन अवसंरचना की अग्रिम योजना शामिल है।
कर्नाटक सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्तमान में उत्तरी कर्नाटक, विशेषकर बेलगावी जिले में सौर या पवन ऊर्जा पार्क स्थापित करने की कोई योजना नहीं है।
यह जानकारी आज केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने राज्यसभा में प्रस्तुत की।