राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को जल जीवन मिशन
राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को जल जीवन मिशन
अगस्त 2019 से, भारत सरकार देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार में नल जल कनेक्शन का प्रावधान करने के लिए राजस्थान सहित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की भागीदारी से, जल जीवन मिशन (जेजेएम) लागू कर रही है। ‘पेयजल‘ राज्य का विषय है, और इसलिए, जेजेएम के तहत आने वाली योजनाओं सहित पेयजल आपूर्ति योजनाओं की आयोजना, अनुमोदन, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव (ओएंडएम) की जिम्मेदारी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों की सहायता करती है।
जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए प्रचालनात्मक दिशा–निर्देशों के अनुसार, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को निधि आबंटित करते समय, दुर्गम भू–भागों के लिए 30% भारांश प्रदान किया गया था जिसमें अन्य बातों के साथ–साथ पाइप द्वारा जलापूर्ति स्कीमों के कार्यान्वयन को प्राथमिकता देने के लिए मरूस्थल विकास कार्यक्रम (डीडीपी) और सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (डीपीएपी) के अंतर्गत क्षेत्र शामिल हैं।
दीर्घकालिक स्थिरता और नागरिक केंद्रित जल सेवा सुपुदर्गी के लिए बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर ध्यान देने के साथ मिशन के निरंतर कार्यान्वयन के माध्यम से 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के लिए, माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण 2025 के दौरान जेजेएम को 2028 तक विस्तार प्रदान करने की घोषणा की थी।
पूरे देश में जेजेएम को तीव्रता से लागू करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ–साथ संयुक्त चर्चा और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की परिपूर्णता योजनाओं और वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) को अंतिम रूप देना, कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा, कार्यशालाएं/सम्मेलन/वेबिनार क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, ज्ञान का आदान–प्रदान, तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए बहु–विषयक टीम द्वारा क्षेत्रीय दौरा शामिल है। ऑनलाइन निगरानी के लिए, जेजेएम–एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) और जेजेएम–डैशबोर्ड स्थापित किए गए हैं। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से पारदर्शी ऑनलाइन वित्तीय प्रबंधन का भी प्रावधान किया गया है।
विभाग ने जिला स्तर पर जेजेएम के कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने के लिए देश भर के 729 जिलाधिकारियों/जिला न्यायाधीशों/कलेक्टरों के साथ बैठकें भी की हैं। जिला न्यायाधीशों/जिलाधिकारियों/कलेक्टरों से आग्रह किया गया है कि वे जिला जल और स्वच्छता मिशन (डीडब्ल्यूएसएम) डैशबोर्ड के माध्यम से जेजेएम की प्रगति की निगरानी करने और जेजेएम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बाधाओं को दूर करने में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएं। इसके अतिरिक्त, उन्हें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बसावटों, आकांक्षी जिलों, सूखा–प्रवण क्षेत्रों और अन्य चिह्नित प्राथमिकता क्षेत्रों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कवरेज को प्राथमिकता देने की सलाह भी दी गई है।
यह सूचना जल शक्ति राज्यमंत्री श्री वी. सोमण्णा द्वारा राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।