कोयला मंत्रालय ने कोयला खदानों के शीघ्र संचालन के लिए त्वरित अन्वेषण की दिशा में एक और कदम उठाया
कोयला मंत्रालय ने कोयला खदानों के शीघ्र संचालन के लिए त्वरित अन्वेषण की दिशा में एक और कदम उठाया
सरकार ने कोयला क्षेत्र को मजबूत करने और भारत को आत्मनिर्भर भारत के विजन के करीब लाने के अपने निरंतर प्रयास के अंतर्गत कोयला खदानों की खोज और संचालन में तेजी लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 4 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय गुणवत्ता परिषद-राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड द्वारा विधिवत मान्यता प्राप्त निजी संस्थाओं को 26 नवंबर 2025 को मान्यता प्राप्त पूर्वेक्षण एजेंसियों के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस संबंध में कोयला मंत्रालय द्वारा प्रकाशित अधिसूचना मंत्रालय की वेबसाइट https://coal.nic.in/sites/default/files/2025-11/28-11-2025a-wn.pdf पर उपलब्ध है।
इससे कोयला और लिग्नाइट की खोज के लिए 18 और एजेंसियां जुड़ जाएंगी, जिससे कोयला ब्लॉक आवंटियों को कोयला और लिग्नाइट की खोज के लिए इन एजेंसियों को नियुक्त करने में अधिक विकल्प मिलेगा। कोयला खदान के संचालन के लिए भूगर्भीय रिपोर्ट का अन्वेषण और तैयारी एक पूर्व शर्त है। इन अन्वेषण एजेंसियों के जुड़ने से लगभग 6 महीने का समय बचेगा, जो पहले एजेंसी द्वारा लाइसेंस प्राप्त करने में लगता था।
अधिकृत संभावित एजेंसियों के समूह का विस्तार करके, सरकार निजी क्षेत्र के संसाधनों का उपयोग करना और अन्वेषण में दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता तथा तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना चाहती है।
उम्मीद है कि इस कदम से अन्वेषण की गति में काफी तेजी आएगी और खनन को जल्दी बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे संसाधन विकास में तेजी आएगी और देश के लिए कोयला और लिग्नाइट की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला और लिग्नाइट की बढ़ती उपलब्धता में योगदान मिलेगा।
भारत सरकार एक पारदर्शी, कुशल और भविष्य के लिए तैयार खनिज अन्वेषण ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा और आर्थिक विकास को गति देगा।