डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विशेष स्वच्छता अभियान के तहत केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों से इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप सहित स्क्रैप के निपटान के माध्यम से 2021 से एक-एक महीने तक चलने वाले पांच समर्पित वार्षिक स्वच्छता अभियानों के जरिए 4085 करोड़ 24 लाख रुपये अर्जित किए गए
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विशेष स्वच्छता अभियान के तहत केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों से इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप सहित स्क्रैप के निपटान के माध्यम से 2021 से एक-एक महीने तक चलने वाले पांच समर्पित वार्षिक स्वच्छता अभियानों के जरिए 4085 करोड़ 24 लाख रुपये अर्जित किए गए
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां बताया कि विशेष स्वच्छता अभियान के तहत केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों से इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप सहित स्क्रैप के निपटान के माध्यम से 2021 से एक-एक महीने तक चलने वाले पांच समर्पित वार्षिक स्वच्छता अभियानों के जरिए कुल 4085 करोड़ 24 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है।
डॉ. जितेन्द सिंह ने विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने पहले संबोधन में, श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वच्छता का आह्वान किया था। जल्द ही, यह एक जन अभियान बन गया और पहले ही वर्ष में चार लाख से अधिक शौचालय बनाए गए। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही, सरकारी कार्यालयों से बेकार फाइलों, टूटे-फूटे फ़र्नीचर आदि को हटाने का अभियान भी चलाया गया।
घटनाक्रमों की जानकारी देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष इस अभियान में एक नया आयाम जोड़ने का प्रयास किया गया और वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर यह निर्णय लिया गया कि स्वच्छता एक सतत आंदोलन है तथा गांधी जयंती 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अक्टूबर माह के दौरान एक समर्पित विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सभी सरकारी मंत्रालयों एवं विभागों से सक्रिय रूप से भाग लेने और प्राप्त कार्यों की नियमित रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की जाएगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले लगभग तीन वर्षों से पारंपरिक कबाड़ के अलावा कार्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ भी बहुतायत में है, जिसके निपटान से न केवल राज्य के लिए राजस्व अर्जित किया जा सकता है, बल्कि उसके पुनर्चक्रण के माध्यम से भी अपशिष्ट से धन कमाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष विशेष स्वच्छता अभियान 4.0 के अंत तक लगभग 3,300 करोड़ रुपये की आय हुई थी। इसमें 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक चलने वाले इस वर्ष के विशेष अभियान 5.0 के माध्यम से 788.53 करोड़ रुपये और जुड़ गए। परिणामस्वरूप, अब तक अर्जित की गई कुल राशि 4085 करोड़ रुपये से अधिक है।
विशेष स्वच्छता अभियान का एक अन्य महत्वपूर्ण परिणाम यह है कि 231.75 लाख वर्गफुट जगह सार्थक उपयोग के लिए खाली हो गई, जो पहले अपशिष्ट पदार्थों, पुराने फर्नीचर, स्क्रैप आदि से अवरुद्ध थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि कबाड़ को बेचकर अर्जित की गई 4,085 करोड़ रुपये से अधिक की कुल राशि एक मेगा अंतरिक्ष मिशन या कई चंद्रयान अंतरिक्ष मिशनों के कुल बजट के बराबर हो सकती है, जबकि खाली हुई कुल जगह आर्थिक गतिविधि के लिए एक विशाल मॉल या कुछ अन्य विशाल संरचना बनाने के लिए पर्याप्त है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष का विशेष स्वच्छता अभियान 5.0 ऐसे समय में आयोजित किया गया है जब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा व्यापक स्तर पर “अपशिष्ट से धन” की गतिविधि शुरू की गई है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें, उदाहरणस्वरुप, सीएसआईआर-एनआईआईएसटी तिरुवनंतपुरम द्वारा विकसित और एम्स नई दिल्ली में अपनाई गई तकनीक के जरिए अस्पताल के कचरे का पुनर्चक्रण, सीएसआईआर-आईआईपी देहरादून द्वारा किए गए पके हुए तेल का पुनर्चक्रण और सीएसआईआर-सीआरआरआई नई दिल्ली द्वारा विकसित तकनीक के जरिए सड़क निर्माण में इस्पात के गाद का उपयोग शामिल है।