प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक प्रगति को सामाजिक विकास के साथ जोड़ रहा है – डॉ.मांडविया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक प्रगति को सामाजिक विकास के साथ जोड़ रहा है – डॉ.मांडविया
केंद्रीय श्रम और रोज़गार तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने आज दोहा कतर में सामाजिक विकास के लिए दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन के उद्घाटन पूर्ण सत्र में विभिन्न देशों के 180 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों के साथ शामिल हुए। इस दौरान श्रम सहयोग को बढ़ाने, सामाजिक सुरक्षा संवादों को आगे बढ़ाने और भारत की डिजिटल और मानव पूंजी उपलब्धियों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बातचीत भी हुई।
Delighted to meet H.E. Mr. Dhananjay Ramful, Minister of Foreign Affairs, Regional Integration & International Trade of Mauritius, and H.E. Ms. Armida Salsiah Alisjahbana, Executive Secretary of UN-ESCAP, on the sidelines of the 2nd World Summit for Social Development.
We… pic.twitter.com/pgazoEW4rn

“सामाजिक विकास के तीन स्तंभों – गरीबी उन्मूलन, पूर्ण और उत्पादक रोजगार और सभी के लिए उचित कार्य, तथा सामाजिक समावेशन” को मजबूत करने पर आयोजित उच्च-स्तरीय गोलमेज सम्मेलन में केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि भारत का मॉडल उच्च विकास को उच्च समावेशन के साथ एकीकृत करता है। उन्होंने कहा की “भारत ने यह प्रदर्शित किया है कि कोई भी देश डिजिटल नवाचार को वित्तीय समावेशन के साथ जोड़कर और यह सुनिश्चित करके कि आर्थिक प्रगति सामाजिक समावेशन की ओर ले जाए लाखों लोगों को सशक्त बना सकता है।”

डॉ. मनसुख मांडविया ने सामाजिक विकास के तीनों स्तंभों पर भारत सरकार की गई निर्णायक कार्रवाई को रेखांकिंत किया। उन्होंने कहा कि 2016-17 और 2023-24 के बीच 17 करोड़ से अधिक नए रोजगार सृजित हुए, महिलाओं की रोजगार भागीदारी दोगुनी हुई और बेरोजगारी 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों को चार सरल श्रम संहिताओं में समेकित किया गया है और भारत सार्वभौमिक पेंशन कवरेज की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा की “भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे ने 1 अरब 40 लाख से अधिक लोगो को कल्याणकारी लाभों का निर्बाध वितरण सुनिश्चित किया है।”
डॉ. मांडविया ने कहा की “इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64.3 प्रतिशत हो गया है। इसी को स्वीकार करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ ने इस वर्ष भारत को सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्रदान किया है।” उन्होंने कहा की “भारत ने दिखाया है कि तीव्र और समावेशी विकास सामाजिक परिवर्तन को गति देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस विरासत को जारी रखे हैं और आर्थिक प्रगति को सामाजिक विकास के साथ जोड़ रहे हैं।”
डॉ. मांडविया ने मॉरीशस के श्रम मंत्री से मुलाकात कर कौशल विकास, श्रम गतिशीलता, डिजिटल श्रम प्लेटफॉर्म और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा की। भारत ने मॉरीशस के साथ अपने विशेष ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित किया और तकनीकी तथा व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) में क्षमता निर्माण में सहयोग देने की इच्छा व्यक्त की। डॉ. मंडाविया ने श्रम इकोसिस्टम में डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के निर्माण में भारत की सफलता के बारे में बताया। इसमें राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल और ई-श्रम डेटाबेस शामिल हैं – जो असंगठित श्रमिकों की दुनिया की सबसे बड़ी आधार-सत्यापित रजिस्ट्री है। केंद्रीय मंत्री ने मॉरीशस को प्रतिभा खोज और सहयोग के लिए इन प्लेटफार्मों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक के दौरान सामाजिक सुरक्षा कवरेज को 2015 के 19 प्रतिशत से बढ़ाकर 2025 में 64.3 प्रतिशत करने की भारत की उपलब्धि की भी सराहना की गई।

डॉ.मांडविया ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) की कार्यकारी सचिव सुश्री अर्मिदा साल्सियाह अलिसजबाना के साथ द्विपक्षीय बैठक में एक संस्थापक सदस्य के रूप में ईएससीएपी के साथ भारत के दीर्घकालिक जुड़ाव को रेखांकित करते हुए आपदा प्रबंधन, कौशल पहचान और डिजिटल कल्याण वितरण में क्षेत्रीय सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। केंद्रीय मंत्री महोदय ने पिछले एक दशक में डिजिटल शासन सुधारों, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रणालियों और बड़े पैमाने पर सामाजिक क्षेत्र में निवेश के बल पर 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में भारत द्वारा की गई मजबूत प्रगति को रेखांकित किया। ईएससीएपी ने सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल शासन के क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की। भारत ने हरित, डिजिटल और देखभाल अर्थव्यवस्था क्षेत्रों के लिए सीमा-पार कौशल मानकों पर ईएससीएपी के साथ तकनीकी सहयोग को और गहरा करने की इच्छा व्यक्त की।
पूरे दिन भारत की गतिविधियों ने द्विपक्षीय साझेदारियों को और मज़बूत किया, यूएनईएससीएपी के साथ सहयोग बढ़ाया और वैश्विक स्तर पर डिजिटल सामाजिक सुरक्षा, कौशल और समावेशी श्रम बाज़ारों पर भारत के नेतृत्व की भूमिका को और मज़बूत किया।

पृष्ठभूमि:
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने प्रस्ताव 78/261 और 78/318 के माध्यम से 2025 में “सामाजिक विकास के लिए द्वितीय विश्व शिखर सम्मेलन” शीर्षक के अंतर्गत “विश्व सामाजिक शिखर सम्मेलन” आयोजित करने का निर्णय लिया। राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों के स्तर पर आयोजित इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सामाजिक विकास पर कोपेनहेगन घोषणापत्र और कार्य योजना तथा उसके कार्यान्वयन के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करना और 2030 के एजेंडे के कार्यान्वयन को गति प्रदान करना है। यह शिखर सम्मेलन 4-6 नवंबर तक दोहा कतर में आयोजित किया जा रहा है।
सामाजिक विकास के लिए द्वितीय विश्व शिखर सम्मेलन में उच्च-स्तरीय गोलमेज सम्मेलन एक खुले, बहु-हितधारक आदान-प्रदान का रूप लेता है। यह वैश्विक प्रणालीगत रुझानों और कोपेनहेगन घोषणा की तीन प्रमुख प्रतिबद्धताओं पर उनके प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, सामाजिक विकास की प्रगति को गति देने वाली एकीकृत कार्रवाइयों के लिए प्राथमिकताओं की पहचान करने का प्रयास करता है।