प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 693 करोड़ रुपये से अधिक की मत्स्य पालन परियोजनाओं का शुभारम्भ और शिलान्यास किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 693 करोड़ रुपये से अधिक की मत्स्य पालन परियोजनाओं का शुभारम्भ और शिलान्यास किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित एक विशेष कृषि कार्यक्रम में भाग लिया, जहां कृषि क्षेत्र की 35,440 करोड़ रुपये की दो प्रमुख योजनाओं का शुभारम्भ किया गया। ये योजनाएं थीं: प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने लगभग 815 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों को, विशेष रूप से छोटे और भूमिहीन किसानों के लिए, अतिरिक्त आय के स्रोत प्रदान करने हेतु सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है ।
693 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 16 मत्स्य परियोजनाओं में शामिल हैं: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और मत्स्य अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ) के अंतर्गत देशभर में 572 करोड़ रुपये लागत की 7 नई परियोजनाओं का शिलान्यास और 121 करोड़ रुपये लागत की 9 मत्स्य परियोजनाओं का उद्घाटन। इन परियोजनाओं में बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, रोज़गार सृजन, निर्यात को बढ़ावा देने और भारत की नीली अर्थव्यवस्था के लिए एक नए युग की शुरुआत करने की क्षमता है।
कुछ प्रमुख परियोजनाओं का विवरण नीचे दिया गया है:
उत्तराखंड में एफआईडीएफ के अंतर्गत 170 करोड़ रुपये की ट्राउट मत्स्य पालन परियोजना से क्षेत्र में ट्राउट मछली उत्पादन में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पुदुचेरी के कराईकल में स्मार्ट एवं एकीकृत मत्स्य पालन बंदरगाह का विकास 119.94 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है ताकि मछली पकड़ने वाले जहाजों को सुरक्षित रूप से डॉक किया जा सके, स्वच्छ मछली प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा सके, उत्पादन बढ़ाया जा सके और निर्यात एवं घरेलू खपत के लिए गुणवत्तापूर्ण मछलियों का विपणन किया जा सके। एक आधुनिक सुविधा के रूप में डिज़ाइन किया गया, स्मार्ट एवं एकीकृत मत्स्य पालन बंदरगाह उन्नत तकनीकों, टिकाऊ बुनियादी ढांचे और व्यापक मत्स्य पालन सेवाओं को एकीकृत करता है ताकि तटीय समुदायों के लिए परिचालन दक्षता, सुरक्षा और आजीविका के अवसरों में सुधार हो सके।
ओडिशा में संबलपुर के हीराकुंड में एकीकृत एक्वा पार्क (आईएपी) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की एक परियोजना है। इसका उद्देश्य तिलापिया और पंगेसियस उत्पादन, पिंजरा पालन (केज फार्मिंग), हैचरी संचालन और मत्स्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने वाले एक व्यापक प्रणाली के माध्यम से जलीय कृषि में बदलाव लाना है। इस परियोजना में एक मछली पार्क, बुनियादी ढांचा पार्क, मछली प्रसंस्करण पार्क, पैकिंग और जाल सहायक उपकरण पार्क, ज्ञान पार्क और एक अपशिष्ट उपचार संयंत्र जैसे प्रमुख घटक शामिल हैं। शुरू हो जाने पर यह 1,600 पिंजरों को सहारा देगा, 1,700 किसानों को लाभान्वित करेगा और 700 व्यक्तियों को प्रशिक्षित करेगा।
उत्तर प्रदेश के अमेठी में 70 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित सतत जलीय कृषि पोषण केंद्र , पर्यावरण-अनुकूल मत्स्य आहार निर्माण को बढ़ावा देगा, मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देगा और किसानों को अधिक लाभ पहुंचाएगा। यह क्षमता निर्माण, आधुनिक जलीय कृषि पद्धतियों और उन्नत पोषण समाधानों को बढ़ावा देगा।
आरम्भ की गईशिलान्यास की गई मत्स्यपालन परियोजनाओं का विवरण :
शिलान्यास/उद्घाटन के लिए मत्स्य पालन परियोजनाएं
क्र. सं.
राज्य
शिलान्यास/उद्घाटन के लिए परियोजनाएं
परियोजना लागत
(करोड़ रुपये में)
टिप्पणी
(1)
(ii)
(ii)
(iii)
(iv)
आधारशिला रखना
1
ओडिशा
भुवनेश्वर, खोर्दा में अत्याधुनिक थोक मछली बाजार
59.13
44 थोक विक्रेताओं और 99 खुदरा विक्रेताओं के लिए जगह उपलब्ध कराना। यह ओडिशा के भुवनेश्वर और कटक शहर को गुणवत्तापूर्ण मछली की आपूर्ति करेगा। मछुआरों/किसानों के लिए बाज़ार का विस्तार।
2
ओडिशा
अत्याधुनिक एकीकृत एक्वापार्क, हीराकुंड
100.00
यह 1600 पिंजरा पालकों को सहायता प्रदान करेगा, तिलापिया और पंगेसियस का उत्पादन और प्रसंस्करण, मीठे पानी की प्रजातियों के बीज उत्पादन के लिए हैचरी, किसानों को सेवा प्रदान करेगा।
3
पुदुचेरी
स्मार्ट और एकीकृत मत्स्य पालन बंदरगाह, कराईकल
119.94
स्मार्ट एवं एकीकृत मत्स्य बंदरगाह से मछली पकड़ने वाले जहाजों के सुरक्षित लंगर/डॉकिंग, स्वच्छ मछली संचालन, घरेलू/निर्यात विपणन के लिए गुणवत्तापूर्ण मछली की सुविधा मिलेगी।
4
उत्तराखंड
उत्तराखंड में ट्राउट मत्स्य पालन को एफआईडीएफ के तहत मंजूरी
170.00
ट्राउट मछली उत्पादन में वृद्धि।
5
नगालैंड
नागालैंड का एकीकृत एक्वा पार्क
50.00
यह परियोजना मछली उत्पादन में सतत वृद्धि के लिए एक एकीकृत मछली पालन प्रणाली है और युवाओं तथा उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देगी।
6
झारखंड
सुरदीब प्राकृतिक मत्स्य पालन एवं इको पर्यटन, खरसावां
3.68
यह परियोजना ग्रामीण आजीविका के सतत संवर्धन के लिए एक एकीकृत मछली पालन प्रणाली है जिसे निजी उद्यमियों के लिए एफआईडीएफ के तहत अनुमोदित किया गया है
7
उत्तर प्रदेश
एबीआईएस एक्सपोर्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (छत्तीसगढ़ से)
70.00
उत्तर प्रदेश में अमेठी के नौखेड़ा में सतत जलीय कृषि के पोषण केंद्र पर एक अभिनव परियोजना को एफआईडीएफ के तहत मंजूरी दी गई
उप कुल
572.75
उद्घाटन
8
असम
असम के तेजपुर में पीएमएमएसवाई के अंतर्गत दो मछली आहार संयंत्र
13.00
इन परियोजनाओं का उद्देश्य मछलियों के लिए पोषणयुक्त संतुलित भोजन का निर्माण करके मछली उत्पादन में वृद्धि करना है, ताकि उनकी वृद्धि, स्वास्थ्य और मछली उत्पादों की समग्र गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
9
उत्तर प्रदेश
वाराणसी मंडल के चंदौली में अत्याधुनिक थोक मछली बाजार
61.50
इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य में मछली उत्पादन, विपणन और खपत को बढ़ाना है।
10
मध्य प्रदेश
पीएमएमएसवाई के तहत बर्फ संयंत्र, आरएएस, बायो-फ्लोक्स, परिवहन वाहन आदि पर 14 लाभार्थी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई
5.28
इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रति बूंद अधिक फसल के अनुरूप प्रौद्योगिकी के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और मछुआरों की आजीविका में सुधार के साथ भंडारण और विपणन में भी वृद्धि होगी।
11
हरियाणा
6 शीत भण्डार एक सजावटी ब्रूड बैंक और 2 चारा मिलें
11.00
इन परियोजनाओं का उद्देश्य मछुआरों की आजीविका में सुधार करके मछली उत्पादन, भंडारण और विपणन में वृद्धि करना है।
12
उत्तर प्रदेश
8 आरएएस, फीड मिल, 2 जीवित मछली विक्रय केंद्र, कियोस्क
2.47
इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रति बूंद अधिक फसल के अनुरूप प्रौद्योगिकी के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और मछुआरों की आजीविका में सुधार के साथ भंडारण और विपणन में भी वृद्धि होगी।
13
आंध्र प्रदेश
आनंदा फूड्स (समुद्री खाद्य प्रसंस्करण सुविधा का उन्नयन) को एफआईडीएफ के तहत मंजूरी दी गई
11.00
इन परियोजनाओं का उद्देश्य मछली प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, मछली के विपणन और निर्यात तथा झींगा भंडारण और विपणन में वृद्धि करके मछुआरों की आजीविका में सुधार करना है।
14
मिजोरम
पीएमएमएसवाई के तहत पिंजरे, बायो-फ्लोक्स और हैचरी को मंजूरी दी गई
5.13
इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना और मछुआरों की आजीविका में सुधार करना है।
15
झारखंड
आरएएस/बायोफ्लोक/शीत भंडारण/जलाशय पिंजरे/फ़ीड मिल
4.75
इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रति बूंद अधिक फसल के अनुरूप प्रौद्योगिकी समावेशन के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और आजीविका में सुधार होगा।
16
छत्तीसगढ
पीएमएमएसवाई के तहत पिंजरों, बायो-फ्लोक्स तालाबों पर 16 निजी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई
6.92
इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना है
उप कुल
121.05
कुल योग
693.80
इस कार्यक्रम में देश के 100 आकांक्षी कृषि जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय मछुआरों और मत्स्यपालकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। पूरे भारत से लगभग पचास प्रगतिशील मत्स्यपालक लाभार्थियों ने इस कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। इनमें से आठ किसानों को प्रधानमंत्री से प्रत्यक्ष रूप से बातचीत करने का अवसर मिला, जिनमें केरल के श्री टी. पुरुषोत्तमन, आंध्र प्रदेश के गड्डे क्रांति, उत्तर प्रदेश की डॉ. सुबुही आबिदी, उत्तराखंड के श्री संदीप सिंह पंचपाल, छत्तीसगढ़ के श्री सुखदेव मंडल, झारखंड के श्री मनोज कुमार, दक्षिण अंडमान के श्री डी. दुरई सेल्वम और जम्मू-कश्मीर के श्री आबिद हुसैन शाह शामिल थे।