केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आईएमसी 2025 मीडिया इंटरेक्शन में भारत के दूरसंचार परिवर्तन और डिजिटल नेतृत्व की जानकारी दी
केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आईएमसी 2025 मीडिया इंटरेक्शन में भारत के दूरसंचार परिवर्तन और डिजिटल नेतृत्व की जानकारी दी
केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली के यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 में संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल की उपस्थिति में मीडिया से बातचीत की।
आईएमसी 2025 को भारत की डिजिटल यात्रा में ऐतिहासिक अवसर बताते हुए श्री सिंधिया ने कहा, “प्रधानमंत्री ने कल उद्घाटन सत्र में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया, जो आईएमसी ने अपने नौ संस्करणों में जो विकास और महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, उसका प्रमाण है।” उन्होंने यह भी कहा, “ऐसा विशेष रूप से इसलिए है, क्योंकि पिछले 11 वर्षों में, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने दृष्टिकोण के माध्यम से गति निर्धारित की है – कि दूरसंचार और डिजिटल समावेशन आगे चलकर अर्थव्यवस्था के विकास की पृष्ठभूमि बनेंगे।”
मंत्री जी ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था आज भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 12-14% का योगदान देती है। अगले दशक में इसके 20% तक बढ़ने की उम्मीद है, जो देश के विकास के प्रमुख चालकों के रूप में दूरसंचार और डिजिटल क्षेत्रों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
पिछले दस वर्षों में परिवर्तनकारी प्रगति की जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पिछले 10 वर्ष में दूरसंचार और डिजिटल क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आया है। आज हमारे पास 1.2 बिलियन ग्राहक हैं – यह दुनिया का सबसे बड़ा व्यापक बाजार है। हमारे पास दुनिया के 20% मोबाइल ग्राहक हैं। पिछले दशक में इंटरनेट कनेक्टिविटी 250 मिलियन से बढ़कर 974 मिलियन उपयोगकर्ता हो गई है, जबकि ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी 60 मिलियन से बढ़कर 934 मिलियन उपयोगकर्ता हो गई है।“
केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने इस बात पर बल दिया कि “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने दो अलग–अलग बदलाव लाए हैं। पहला, सरकार की भूमिका नियामक की कम और सुविधाकर्ता की अधिक है। और दूसरा, सरकार ने अन्य मंत्रालयों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर समग्र सरकारी दृष्टिकोण से काम किया है।”
श्री सिंधिया ने बताया कि आईएमसी 2025 को सफल बनाने के लिए 30 से अधिक मंत्रालय एक साथ आए हैं, जो सहयोग की इसी भावना को दर्शाता है।
स्वदेशी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति के बारे में केंद्रीय मंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि भारत अब दुनिया का पाँचवाँ देश है जिसके पास अपना 4G स्टैक है, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री ने 27 सितंबर 2025 को किया था। मात्र 20 महीनों की छोटी सी अवधि में, भारत ने पूर्णतः स्वदेशी 4G प्रणाली विकसित कर ली है, जो अब 1,00,000 बीएसएनएल टावरों पर चालू है। उन्होंने कहा कि इस स्टैक को जल्द ही 5G में अपग्रेड किया जाएगा, जो “भारत में निर्माण, विश्व के लिए निर्माण“ के आदर्श वाक्य को रेखांकित करता है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि दूरसंचार विनिर्माण के लिए उत्पादन–आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, जिससे बिक्री में ₹91,000 करोड़, निर्यात में ₹17,800 करोड़ और 20,000 से अधिक नए रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र की उभरती भूमिका पर भी बल देते हुए कहा कि यह अब स्वतंत्र क्षेत्र नहीं, बल्कि एकीकृतकर्ता है – जो उपकरण और अर्धचालक विनिर्माण में बैकवर्ड एकीकरण और डिजिटल सेवाओं एवं समाधानों में अग्रगामी एकीकरण कर रहा है।
उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत के नेतृत्व के बारे में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “हमारे पास भारत 6G गठबंधन भी है, जो असाधारण कार्य कर रहा है। हमारे 80 से अधिक सदस्य हैं, और भारत दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष और अन्य योजनाओं के साथ मिलकर, हम 6G मानकों के लागू होने के बाद वैश्विक बौद्धिक संपदा इक्विटी का कम से कम 10% प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ B6GA की सहायता कर रहे हैं।“
इसके पूरक के रूप में, भारत दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीटीडीएफ) जैसी पहल अनुसंधान, विकास और स्वदेशी नवाचार को समर्थन दे रही हैं। साइबर सुरक्षा और डिजिटल सुरक्षा के बढ़ते महत्व पर चर्चा करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने साइबर सुरक्षा प्रयोगशाला और वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक जैसे उपकरणों की उपलब्धियों की जानकारी दी, जिन्होंने पिछले एक वर्ष में नागरिकों की डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केंद्रीय मंत्री ने आईएमसी 2025 के छह प्रमुख घटकों के बारे में भी बात की, जिनमें अंतरराष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी, अंतरराष्ट्रीय एआई शिखर सम्मेलन, साइबर सुरक्षा शिखर सम्मेलन और सैटकॉम शिखर सम्मेलन शामिल हैं। आईएमसी एस्पायर प्रतियोगिता – वैश्विक स्टार्टअप चुनौती है। इसमें 550 कंपनियां और 300 निवेशक शामिल हैं, जिसमें शीर्ष 15 स्टार्टअप सैन फ्रांसिस्को में 10 मिलियन डॉलर के पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। ओपनएआई एपीआई हैकथॉन में देश भर के डेवलपर्स शामिल होंगे ये दोनों सम्मेलनों के पूरक हैं।
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग, नवप्रवर्तकों, स्टार्टअप्स और प्रतिभागियों की उत्साही भागीदारी के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आईएमसी 2025 वैश्विक डिजिटल नवाचार केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका का उदाहरण है।
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