डीआरडीओ ने तीन उन्नत उपकरण प्रौद्योगिकियां उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित कीं
डीआरडीओ ने तीन उन्नत उपकरण प्रौद्योगिकियां उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित कीं
रक्षा अनुसंधान एवं विकास सगंठन (डीआरडीओ) की हैदराबाद स्थित रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएमआरएल) ने उद्योग क्षेत्र को तीन उन्नत उपकरण प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित की हैं। 30 अगस्त, 2025 को डीएमआरएल, हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने उद्योग क्षेत्र के भागीदारों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु लाइसेंसिंग समझौते (एलएटीओटी) के दस्तावेज सौंपे। हस्तांतरित प्रौद्योगिकियां निम्नलिखित हैं:
डीआरडीओ अध्यक्ष ने अपने संबोधन में अनुसंधान एवं विकास प्रक्रियाओं और सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को गति देने वाले प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उद्योग-अनुसंधान भागीदारी को प्रोत्साहन देने और तकनीकी नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए डीएमआरएल की प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसका भविष्य में अहम प्रभाव पड़ेगा।
यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी सामग्री प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। ये प्रौद्योगिकियां विविध अनुप्रयोगों में फैली हुई हैं, जो डीएमआरएल की बहु-विषयक विशेषज्ञता और महत्वपूर्ण उद्योग आवश्यकताओं को पूरा करने की उसकी क्षमता को प्रदर्शित करती हैं। स्थापित औद्योगिक कंपनियों के साथ भागीदारी इन नवाचारों को तेजी से बढ़ाने और वाणिज्यिक एवं रणनीतिक उपयोग के लिए तैनात करने को सुनिश्चित करेगी।
डीआरडीओ के सहयोगात्मक पारिस्थितिकी प्रणाली को और मजबूत करते हुए, डीएमआरएल और नागर विमानन मंत्रालय के वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसके अंतर्गत प्रयोगशाला के अनुभव, सुविधाओं और क्षमताओं का उपयोग ब्यूरो की गतिविधियों में सहयोग के लिए किया जाएगा। इस कार्यक्रम में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली एवं सामग्री) डॉ. आर.वी. हारा प्रसाद, महानिदेशक (संसाधन एवं प्रबंधन) डॉ. मनु कोरुल्ला और डीएमआरएल के निदेशक डॉ. आर. बालामुरलीकृष्णन भी उपस्थित थे।