प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद एवं टोबैगो गणराज्य की आधिकारिक यात्रा पर संयुक्त वक्तव्य
प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद एवं टोबैगो गणराज्य की आधिकारिक यात्रा पर संयुक्त वक्तव्य
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो गणराज्य की माननीय प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के निमंत्रण पर 3 से 4 जुलाई 2025 तक त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की आधिकारिक यात्रा की।
26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होने के कारण यह ऐतिहासिक यात्रा रही। इसके व्यापक महत्व थे, क्योंकि यह 1845 में त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई थी। इसने गहरी जड़ें जमाए हुए सभ्यतागत संबंधों, लोगों के बीच जीवंत संबंधों और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि की, जो दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता का आधार हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को उनकी हालिया चुनावी जीत पर बधाई दी और भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके उत्कृष्ट योगदान की सराहना की।
भारत और वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के असाधारण नेतृत्व को मान्यता देते हुए उन्हें ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो से सम्मानित किया गया, जो देश का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने संबंधों की गहराई और व्यापकता पर संतोष व्यक्त किया और स्वास्थ्य, आईसीटी, संस्कृति, खेल, व्यापार, आर्थिक विकास, कृषि, न्याय, कानूनी मामलों, शिक्षा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में व्यापकता आधारित, समावेशी और दूरदर्शी साझेदारी बनाने के अपने संकल्प की पुष्टि की।
दोनों नेताओं ने शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद से पैदा हुए आम खतरे को स्वीकार किया। उन्होंने आतंकवाद की कड़ी निंदा और उसके प्रति दृढ़ विरोध को दोहराया। उन्होंने घोषणा की कि सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स, विकास सहयोग, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, राजनयिक प्रशिक्षण और खेल सहित प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। नेताओं ने नवंबर 2024 में आयोजित दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के परिणामों को याद किया और उसमें घोषित पहलों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
दोनों देशों ने डिजिटल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में गहरी दिलचस्पी दिखाई। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो को भारत के प्रमुख डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को अपनाने वाला पहला कैरेबियाई देश बनने पर बधाई दी। वे डिजिलॉकर, ई-साइन और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) सहित इंडिया स्टैक समाधानों के कार्यान्वयन में आगे सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमत हुए। त्रिनिदाद एवं टोबैगो ने राज्य भूमि पंजीकरण के लिए प्रणाली के डिजिटलीकरण और उन्नयन (अपग्रेडेशन) में भारत से समर्थन का अनुरोध किया। नेताओं ने कहा कि डिजिटल शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण समावेशी विकास, नवाचार और राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने वाले कारक के रूप में कार्य कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा को डिजिटल बनाने के प्रधानमंत्री प्रसाद-बिसेसर के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण की सराहना की और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के प्रमुख शैक्षिक कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए 2000 लैपटॉप उपहार में देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो के छात्रों को भारत सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के तहत भारत में उच्च शिक्षा के अवसरों का पता लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
नेताओं ने कृषि और खाद्य सुरक्षा को एक अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना। त्रिनिदाद एवं टोबैगो के नेशनल एग्रीकल्चरल मार्केटिंग एंड डेवलपमेंट कृर्पोरेशन (एनएएमडीईवीसीओ) को खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की कृषि मशीनरी के भारत के उपहार की सराहना की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने एक प्रतीकात्मक समारोह के दौरान एनएएमडीईवीसीओ के लिए मशीनरी का पहला बैच सौंपा। प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक खेती, समुद्री शैवाल आधारित उर्वरकों और बाजरा की खेती के क्षेत्रों में भारत की सहायता की भी पेशकश की।
स्वास्थ्य सेवा के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने के लिए त्रिनिदाद एवं टोबैगो सरकार की सराहना की, जिससे फार्मास्युटिकल क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग सुनिश्चित होगा और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के लोगों के लिए भारत से गुणवत्तापूर्ण और सस्ती जेनेरिक दवाओं के साथ-साथ भारत में चिकित्सा उपचार के प्रावधान तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले महीनों में त्रिनिदाद एवं टोबैगो में 800 व्यक्तियों के लिए कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने स्वास्थ्य सेवा सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया, जो स्वास्थ्य सेवा सहयोग को दवाओं और उपकरणों से आगे ले जाएगा। उन्होंने बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा के प्रावधान में सहायता के लिए भारत सरकार से बीस (20) हेमोडायलिसिस इकाइयों और दो (2) समुद्री एम्बुलेंस के दान के लिए त्रिनिदाद एवं टोबैगो की ओर से आभार व्यक्त किया।
त्रिनिदाद एवं टोबैगो ने त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट्स) पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हुए विकास सहयोग के महत्व के बारे में बताया, जो भारत की सहायता से त्रिनिदाद एवं टोबैगो में सामुदायिक विकास परियोजनाओं को समय पर और प्रभावी तरीके से लागू करने में सक्षम बनाएगा।
प्रधानमंत्री प्रसाद-बिसेसर ने कोविड-19 महामारी के कठिन समय में बहुमूल्य मानव जीवन को बचाने में भारत की अग्रणी भूमिका की सराहना की। उन्होंने भारत की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की और त्रिनिदाद एवं टोबैगो को कोविड के टीके और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति को मूल्यवान बताया। उन्होंने विशेष रूप से कोविड-19 परियोजना में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ‘एचएएलटी (हाई एंड लो टेक्नोलॉजी)’ के तहत भारत के समर्थन की सराहना की, जिसमें मोबाइल हेल्थकेयर रोबोट, टेलीमेडिसिन किट और हैंड हाइजीन स्टेशनों की आपूर्ति शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के त्रिनिदाद और टोबैगो के फैसले का स्वागत किया, जो जलवायु कार्रवाई, लचीलेपन के विकास और सतत विकास के लिए उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नेताओं ने आपदा जोखिम में कमी के लिए भारत द्वारा विकसित प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में आगे सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमति व्यक्त की। त्रिनिदाद एवं टोबैगो सरकार ने विदेश मंत्रालय और कैरीकॉम मामलों के मुख्यालय के लिए छत पर फोटोवोल्टिक (पीवी) प्रणाली प्रदान करने के लिए भारत के अनुदान की पेशकश की भी सराहना की। प्रधानमंत्री प्रसाद-बिसेसर ने प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी ‘मिशन लाइफ’ पहल की सराहना की, जो विचारशील उपभोग और टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देती है। उन्होंने जलवायु के प्रति जागरूकतापूर्ण व्यवहार के लिए वैश्विक नागरिकों को प्रेरित करने में इसकी प्रासंगिकता को स्वीकार किया।
क्षमता निर्माण को त्रिनिदाद एवं टोबैगो के साथ भारत की साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना गया। त्रिनिदाद एवं टोबैगो पक्ष ने अपने युवाओं में क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में भारत द्वारा प्रतिवर्ष 85 आईटीईसी स्लॉट की पेशकश की सराहना की। भारतीय पक्ष ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो के अधिकारियों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण देने के लिए वहां विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों को भेजने की इच्छा व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने फोरेंसिक विज्ञान और न्याय प्रणाली के क्षेत्र में त्रिनिदाद एवं टोबैगो के अधिकारियों और कर्मियों में क्षमता के विकास में त्रिनिदाद एवं टोबैगो को समर्थन देने की इच्छा व्यक्त की, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण के लिए भारत भेजना और भारत से प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों को त्रिनिदाद एवं टोबैगो भेजना भी शामिल है।
दोनों नेताओं ने दोनों देशों के व्यापार सहायता संगठनों के बीच प्रत्यक्ष चैनलों को प्रोत्साहित करके द्विपक्षीय व्यापार और निवेश आदान-प्रदान को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष रूप से क्रिकेट सहित मजबूत खेल संबंधों के लिए साझा जुनून का जश्न मनाया। उन्होंने प्रशिक्षण, प्रतिभा विनिमय, बुनियादी ढांचे के विकास और संयुक्त क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए खेल सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो की महत्वाकांक्षी युवा महिला क्रिकेटरों को भारत में प्रशिक्षित करने की अपनी पेशकश को भी दोहराया।
सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम के तौर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो के पंडितों के एक समूह को भारत में प्रशिक्षण देने की घोषणा की। ये पंडित भारत में ‘गीता महोत्सव’ में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने इस कदम की सराहना की और भारत में समारोहों के साथ त्रिनिदाद और टोबैगो में संयुक्त रूप से गीता महोत्सव मनाने के भारतीय प्रस्ताव का उत्साहपूर्वक समर्थन किया।
सांस्कृतिक सहयोग पर, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय ‘सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम’ की प्रगतिशील भूमिका का उल्लेख किया, जिसके माध्यम से 1997 में महात्मा गांधी सांस्कृतिक सहयोग संस्थान की स्थापना की गई थी। इस कार्यक्रम को 2025-28 की अवधि के लिए नवीनीकृत करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। नवीनीकृत एमओयू के तहत, त्रिनिदाद एवं टोबैगो दोनों देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने के लिए पर्क्यूशन (स्टील पैन) और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के अन्य रूपों पर कलाकारों को भारत भेजेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में योग और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए त्रिनिदाद एवं टोबैगो सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत से योग प्रशिक्षकों को भेजने और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के राष्ट्रीय स्कूली पाठ्यक्रम में योग को शामिल करने का समर्थन करने की पेशकश की।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने याद किया कि 30 मई 2025 को त्रिनिदाद एवं टोबैगो में 1845 में पहले भारतीय प्रवासियों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ है। उन्होंने सांस्कृतिक पर्यटन के लिए एक स्थान के रूप में नेल्सन द्वीप के महत्व और राष्ट्रीय अभिलेखागार में भारतीय आगमन और अन्य अभिलेखों के डिजिटलीकरण की आवश्यकता को मान्यता दी। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो के भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी तक भारत की विदेशी नागरिकता/ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड जारी करने के भारत सरकार के निर्णय की भी घोषणा की।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय में हिंदी और भारतीय अध्ययन में अकादमिक चेयर्स के पुनरुद्धार का स्वागत किया, जिससे भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच अकादमिक और सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने और आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान और विरासत के प्रसार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
दोनों नेताओं ने भारत-त्रिनिदाद एवं टोबैगो संसदीय मैत्री समूह को पुनर्जीवित करने, भारत में त्रिनिदाद एवं टोबैगो के सांसदों को प्रशिक्षण देने और संसदीय प्रतिनिधिमंडलों द्वारा एक-दूसरे देशों की नियमित यात्राओं की आवश्यकता पर बल दिया।
दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और शांति, जलवायु न्याय, समावेशी विकास और वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) की आवाज को आगे बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बहुपक्षीय मंचों पर दिए गए बहुमूल्य पारस्परिक समर्थन की सराहना की।
नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों की आवश्यकता की पुष्टि की, जिसमें वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार भी शामिल है। बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और वैश्विक संघर्षों को पहचानते हुए, दोनों नेताओं ने बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ने का रास्ता बताया। त्रिनिदाद एवं टोबैगो ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत को अपना पूर्ण समर्थन देने की पुष्टि की। इस बात पर भी सहमति हुई कि भारत 2027-28 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक अस्थायी सीट के लिए त्रिनिदाद एवं टोबैगो की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा; जबकि त्रिनिदाद एवं टोबैगो 2028-29 की अवधि के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो की सरकार और लोगों के प्रति उनके असाधारण आतिथ्य के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर भारत आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर त्रिनिदाद एवं टोबैगो की फिर से यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया। नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगो की अत्यधिक सफल आधिकारिक यात्रा के परिणाम दोनों देशों के बीच उन्नत द्विपक्षीय संबंधों के एक नए युग का मार्ग प्रशस्त करते हैं और एक मजबूत, समावेशी और दूरदर्शी भारत-त्रिनिदाद एवं टोबैगो साझेदारी के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।