26 अग्रणी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने ‘डार्क पैटर्न’ को खत्म करने के लिए सेल्फ-ऑडिट के साथ अनुपालन की घोषणा की
26 अग्रणी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने ‘डार्क पैटर्न’ को खत्म करने के लिए सेल्फ-ऑडिट के साथ अनुपालन की घोषणा की
26 प्रमुख ई–कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म ने डिजिटल मार्केटप्लेस में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, स्वेच्छा से स्व–घोषणा पत्र प्रस्तुत किए हैं, जो डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023 के अनुपालन की पुष्टि करते हैं। यह पहल उपभोक्ताओं को गुमराह करने या हेराफेरी करने वाली भ्रामक ऑनलाइन डिजाइन पर अंकुश लगाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इन प्लेटफार्मों ने डार्क पैटर्न की पहचान करने, इसका आकलन करने और उसे खत्म करने के लिए आंतरिक स्व–लेखा परीक्षा या तृतीय–पक्ष ऑडिट किया है। इन सभी 26 कंपनियों ने घोषणा की है कि उनके प्लेटफॉर्म डार्क पैटर्न से मुक्त हैं और किसी भी तरह के छेड़छाड़ वाले यूज़र इंटरफ़ेस डिज़ाइन का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
उद्योग–व्यापी यह सक्रिय अनुपालन उपभोक्ता पारदर्शिता के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता, निष्पक्ष व्यापार नियम और नैतिक डिजिटल इकोसिस्टम को दर्शाता है। यह स्वैच्छिक अनुपाल इस तथ्य को रेखांकित करता है कि उपभोक्ता संरक्षण और व्यावसायिक विकास साथ–साथ चल सकते हैं जिससे ब्रांड विश्वास और दीर्घकालिक विश्वसनीयता मजबूत होती है।
सीसीपीए ने अनुपालन को स्वीकृति देते हुए इसे उद्योग में सर्वोत्तम अभ्यास कहा है
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने इन घोषणाओं की सराहना की है। साथ ही अनुकरणीय करार देते हुए अन्य कंपनियों को इसी तरह के स्व–विनियमन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। सीसीपीए ने पहले कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे अपनी वेबसाइटों पर स्व-लेखा घोषणाओं को आसानी से सार्वजनिक पहुंच के लिए प्रमुखता से अपलोड करें।
इन घोषणाओं को सीसीपीए की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता हैः https://www.doca.gov.in/ccpa/slef-audit-companies-dark-pattern.php
सीसीपीए अन्य सभी ई–कॉमर्स प्लेटफार्मों, बाज़ार इकाइयों, सेवा प्रदाताओं और ऐप डेवलपर्स से आग्रह करता है कि वे इन कंपनियों द्वारा निर्धारित उदाहरण का पालन करें। भारत के डिजिटल क्षेत्र में काम करने वाले प्रत्येक व्यवसाय को यह समझना होगा कि भ्रामक जानकारियां देना अदूरदर्शी रणनीतियां हैं जो भविष्य में उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
सोशल मीडिया अभियानों, सूचनात्मक वीडियो और आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से नेशनल कंज्यूमर हेल्प लाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं को डार्क पैटर्न की पहचान और उनकी जानकारी देने के लिए लोगों को शिक्षित किया है। इस तरह की शिकायतों का व्यवस्थित रूप से समाधान किया जा रहा है और जहां भी आवश्यक हो प्रवर्तन कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है। सीसीपीए ने कहा है कि वह संभावित उल्लंघनों पर कड़ी नजर रख रहा है और गलत प्लेटफार्मों के खिलाफ कार्रवाई करने में वह संकोच नहीं करेगा।
पृष्ठभूमि
30 नवंबर 2023 को अधिसूचित डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023 13 डार्क पैटर्न की पहचान और प्रतिबंधित करता है जो इस प्रकार है:
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत जारी ये दिशानिर्देश, पारदर्शी, भरोसेमंद और उपभोक्ता–केंद्रित डिजिटल बाज़ार बनाने के लिए सरकार की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ।
अनुपालन को मजबूत करने के लिए, सीसीपीए ने 5 जून 2025 को सलाह जारी करते हुए सभी ई–कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया था कि वे तीन महीने के भीतर अनिवार्य स्व–ऑडिट करें ताकि डार्क पैटर्न का पता लगाया जा सके और उन्हें खत्म किया जा सके। एडवाइजरी में पारदर्शिता, स्पष्ट सहमति, स्पष्ट खुलासे और बिना हेराफेरी वाले डिजाइन पर बल दिया गया है।
उद्योग, शिक्षाविदों और उपभोक्ता निकायों के साथ परामर्श के बाद, सीसीपीए ने एक मजबूत नियामक ढांचा तैयार किया है जो भ्रामक डिजिटल डिजाइन को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य रखता है।
सेल्फ–ऑडिट प्रस्तुत करने वाले प्लेटफार्मों की सूची इस प्रकार है:
- फॉल्स इमरजेंसी
- बास्केट स्नीकिंग
- कन्फर्म शेमिंग
- जबरन कार्रवाई
- सब्सक्रिप्शन ट्रैप
- इंटरफेस इंटरफेरेंस
- बेट एंड स्विच
- ड्रिप प्राइसिंग
- छद्म विज्ञापन
- नैगिंग
- ट्रिक वर्डिंग
- एसएएएस बिलिंग
- रॉग मालवेयर