स्मार्ट मीटरिंग अंगीकरण : 4.76 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए गए
स्मार्ट मीटरिंग अंगीकरण : 4.76 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए गए
पुनर्गठित वितरण क्षेत्र स्कीम (आरडीएसएस) के तहत राज्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आधार पर 20.33 करोड़ स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, कई राज्यों ने राज्य योजनाओं या बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के अंतर्गत स्मार्ट मीटर लगाए हैं। अब तक देश में विभिन्न योजनाओं के तहत 4.76 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। राज्यवार विवरण अनुलग्नक में संलग्न हैं।
आरडीएसएस के तहत स्मार्ट मीटरिंग का कार्य सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से टोटेक्स (अर्थात् कुल व्यय, जो पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय का योग है) मोड में किया जा रहा है। उन्नत मीटरिंग अवसंरचना सेवा प्रदाता (एएमआईएसपी) मीटरिंग अवसंरचना की आपूर्ति, रखरखाव और स्थापना के बाद उसके संचालन के लिए उत्तरदायी है।
स्मार्ट मीटरों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद विभिन्न कदम उठाए हैं:
सभी स्तरों पर बिजली खपत की स्मार्ट निगरानी के लिए कई प्रमुख पहल की गई हैं। इनमें शामिल हैं:
अनुलग्नक
क्रम सं.
राज्य
15.11.2025 तक कुल संस्थापित मीटर
1
अंडमान और निकोबार
75,200
2
आंध्र प्रदेश
20,17,269
3
अरुणाचल प्रदेश
42,267
4
असम
49,60,048
5
बिहार
82,37,246
6
चंडीगढ़
24,214
7
छत्तीसगढ
30,53,925
8
दिल्ली
2,60,000
9
गोवा
–
10
गुजरात
31,28,262
11
हरियाणा
8,47,467
12
हिमाचल प्रदेश
7,65,932
13
जम्मू एवं कश्मीर
10,15,139
14
झारखंड
9,71,708
15
केरल
75,303
16
लद्दाख
57,509
17
मध्य प्रदेश
31,65,608
18
महाराष्ट्र
73,98,415
19
मणिपुर
21,866
20
मेघालय
–
21
मिजोरम
18,983
22
नागालैंड
27,262
23
ओडिशा
4,500
24
पुदुचेरी
227
25
पंजाब
18,06,108
26
राजस्थान
18,28,078
27
सिक्किम
79,635
28
तमिलनाडु
1,35,201
29
तेलंगाना
8,882
30
त्रिपुरा
1,17,565
31
उत्तर प्रदेश
65,06,420
32
उत्तराखंड
3,73,530
33
पश्चिम बंगाल
5,79,668
कुल
4,76,03,437
यह जानकारी विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
- जुलाई 2023 में स्मार्ट मीटरों को सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश के अनुलग्नक-I में शामिल किया गया।
- वर्तमान में, स्मार्ट मीटरों में न्यूनतम स्थानीय कंटेंट 60 प्रतिशत होनी चाहिए।
- इसके अतिरिक्त, चूंकि हेड एंड सिस्टम (एचईएस) और मीटर डेटा मैनेजमेंट (एमडीएम) सिस्टम उन्नत मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्वपूर्ण घटक हैं, इसलिए एमडीएम और एचईएस में शत-प्रतिशत एमएलसी को 01.01.2025 से अनिवार्य कर दिया गया।