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सेमीकंडक्टर के डिजाइन, निर्माण, संयोजन, परीक्षण और पैकेजिंग के लिए सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम एक संपूर्ण व्यवस्था विकसित कर रहा है

सेमीकंडक्टर के डिजाइन, निर्माण, संयोजन, परीक्षण और पैकेजिंग के लिए सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम एक संपूर्ण व्यवस्था विकसित कर रहा है

सेमीकंडक्टर विकास रणनीति, माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के विज़न से प्रेरित है।

अर्थव्यवस्था के लिए सेमीकंडक्टर उद्योग की मूलभूत प्रकृति को देखते हुए, सरकार ने डिजाइन, निर्माण, संयोजन, परीक्षण और पैकेजिंग सहित एक संपूर्ण व्यस्था तैयार करने के लिए सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रमशुरू किया।

सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए पीएलआई योजनाओं के तहत निम्नलिखित निवेश प्राप्त हुए हैं:

मंजूर प्रस्तावों में से कुछ सेमीकंडक्टर चिप्स की असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग के लिए स्वदेशी तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।

आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई के तहत अक्टूबर 2025 तक 846 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है।

इन नीतिगत प्रयासों के नतीजतन, पिछले 11 सालों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण करीब 6 गुना बढ़ गया है। यह 2014-15 में 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.32 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात आठ गुना बढ़कर 2014-15 में 38 हजार करोड़ रुपये से 2024-25 में 3.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स अब निर्यात की तीसरी सबसे बड़ी श्रेणी है।

डिजाइन इकोसिस्टम को बढ़ावा देना

चिप डिजाइन में भारत की क्षमता का लाभ उठाने के लिए, सरकार ने डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना की शुरूआत की।

उपग्रह संचार, ड्रोन, निगरानी कैमरा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरण, एलईडी ड्राइवर, एआई उपकरण, दूरसंचार उपकरण, स्मार्ट मीटर आदि उत्पादों के लिए चिप्स और एसओसी डिजाइन करने के लिए 23 कंपनियों (24 डिजाइनों) को सहायता प्रदान की गई है।

इसके अलावा, ढ़ांचागत सहायता के रूप में, 94 स्टार्टअप्स को निशुल्क डिज़ाइन टूल (ईडीए) की सुविधा प्रदान की गई है, जिससे 47 लाख घंटे का डिज़ाइन टूल उपयोग संभव हुआ है।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रतिभाओं का विकास

सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रतिभाओं का विकास करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है:

फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम भारत को अत्याधुनिक डिजिटल प्रतिभाओं का देश बनाने के मकसद से एमईआईटीवाई और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) की एक संयुक्त पहल है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

 

यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने 12.12.2025 को राज्यसभा में दी।

  1. चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम: भारत के युवा इंजीनियरों को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार 397 विश्वविद्यालयों और स्टार्टअप्स को नवीनतम डिज़ाइन टूल (ईडीए) उपलब्ध करा रही है।

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