सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) 16 जुलाई 2025 को डिजिटल सशक्तिकरण के 16 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाएंगे
सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) 16 जुलाई 2025 को डिजिटल सशक्तिकरण के 16 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाएंगे
केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत एक अग्रणी पहल, कॉमन सर्विसेज सेंटर (सीएससी), 16 जुलाई 2025 को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, द्वारका, नई दिल्ली में अपना 16वां स्थापना दिवस मनाएगा। सीएससी विगत 16 वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल सेवा वितरण नेटवर्क में से एक बन गया है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में 6.5 लाख से अधिक केंद्रों के माध्यम से संचालित हो रहा है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में सीएससी के भविष्य की कार्ययोजना को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो विस्तृत पहुँच, सेवा विस्तार और प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार पर केंद्रित है। इस नए चरण में एआई-आधारित सेवाओं, क्लाउड समाधानों और डिजिटल रूप से सक्षम आजीविकाओं का एकीकरण शामिल होगा, जिसका उद्देश्य सीएससी को ग्रामीण नवाचार और आत्मनिर्भर भारत के केंद्र के रूप में विकसित करना है।
सीएससी स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर कई समारोहों का आयोजन करेगा। वरिष्ठ सरकारी गणमान्य व्यक्तियों, उद्योग भागीदारों, नीति निर्माताओं और हजारों वीएलई के सीएससी आंदोलन की उपलब्धियों को सम्मान देने में सम्मिलित होने की उम्मीद है। इस समारोह में उन उत्कृष्ट ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) और सामुदायिक नेताओं को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने सीएससी मंच के माध्यम से जीवन बदलने के लिए असाधारण प्रतिबद्धता दिखाई है। यह उनकी सामाजिक उद्यमिता और सेवा भावना के प्रति सम्मान के रूप में कार्य करेगा।
सीएससी का 16वाँ स्थापना दिवस डिजिटल माध्यमों से समावेशी विकास सुनिश्चित करने के सरकार के मिशन की पुनः पुष्टि है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के एक आदर्श के रूप में, सीएससी डिजिटल शासन, नागरिक-केंद्रित वितरण और सामुदायिक परिवर्तन की आधारशिला बन गया है। सभी हितधारकों, नागरिकों और मीडिया के सदस्यों को डिजिटल सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर प्रगति के इस राष्ट्रव्यापी उत्सव में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
सीएससी और सहकारी क्षेत्र
वर्ष 2022 में, सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में, सीएससी ने नाबार्ड और सहकारिता मंत्रालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, देश भर की सहकारी ऋण समितियाँ अब सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के रूप में कार्य करने लगी हैं।
इस भागीदारी के बाद, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) और लैम्प्स (वृहद क्षेत्र बहुउद्देश्यीय समितियों) को सीएससी आईडी प्रदान की गईं और उन्हें व्यापक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, इन समितियों ने अपने-अपने राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में सीएससी सेवाएँ प्रदान करना शुरू कर दिया।
इस सहयोग का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों के एक बड़े वर्ग को सशक्त बनाना और पैक्स (पीएसीएस) को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है। औसतन, प्रत्येक समिति में लगभग 500 सदस्य होते हैं। यदि कोई समुदाय अच्छी प्रगति करता है, तो लाभ सबसे पहले इन 500 व्यक्तियों या परिवारों तक पहुँचता है। इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है, नेटवर्क का विस्तार होता है और सीएससी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए पंजीकरणों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
सामान्य सेवा केंद्र: अंतिम छोर तक पहुंच से लेकर भविष्य के लिए तैयार सेवाओं तक
सीएससी एसपीवी की स्थापना वर्ष 2006 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य अंतिम छोर तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाना और पूरे देश में एक सशक्त आईसीटी-आधारित नेटवर्क बनाना था।
प्रत्येक सीएससी का प्रबंधन एक ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) द्वारा किया जाता है, जो एक स्थानीय निवासी होता है और सरकार और नागरिकों के मध्य डिजिटल और सेवा सेतु का काम करता है। ये केंद्र आधार नामांकन और अद्यतन, पैन कार्ड प्रक्रिया, पासपोर्ट आवेदन, डिजी-पे और बीसी मॉडल के माध्यम से बैंकिंग और बीमा सेवाएँ, ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसिन, टेली-लॉ पहल के तहत कानूनी सेवाएँ, पीएमजीदिशा डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण, और बिजली-पानी के बिल भुगतान जैसी विभिन्न उपयोगिता सेवाओं सहित कई आवश्यक सेवाएँ प्रदान करते हैं। छात्रों को परीक्षा पंजीकरण, छात्रवृत्ति आवेदन और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भी सीएससी सहायता प्रदान करते हैं।
समावेशी डिजिटल भारत के लिए दृष्टिकोण
सीएससी ने ग्रामीण भारत में नागरिकों, विशेषकर महिलाओं, किसानों और वंचित समुदायों को उनके घर-द्वार पर डिजिटल पहुँच, वित्तीय समावेशन, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका सहायता प्रदान करके, उन्हें सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीएससी पारिस्थितिकी प्रणाली में डिजिटल शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए सीएससी अकादमी; ग्रामीण ई-कॉमर्स को प्रोत्साहन देने के लिए सीएससी ग्रामीण ई-स्टोर; और विशेष रूप से कृषि एवं शिल्प में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सहायता प्रदान करने वाले कार्यक्रम जैसी पहल शामिल हैं।
देश में सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं की एक व्यापक सूची निम्नलिखित है:
सरकार से नागरिक (जी2सी) सेवाएँ
वित्तीय समावेशन सेवाएँ
शिक्षा और कौशल विकास
स्वास्थ्य सेवाएँ
कृषि और संबद्ध सेवाएँ
डिजिटल सेवाएँ और उपयोगिताएँ
विधि और शासन सेवाएँ
अन्य उल्लेखनीय सेवाएँ
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