सहकारी समितियों द्वारा पोषणयुक्त खाद्यान्नों की खरीद
सहकारी समितियों द्वारा पोषणयुक्त खाद्यान्नों की खरीद
फोर्टिफाइड चावल , दलहनों, मसूर और मटर का प्रापण सहकारी समितियों/परिसंघों जैसे भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (NCCF) के माध्यम से नहीं किया जाता है। हालांकि, धान और कच्ची दालों का प्रापण (NAFED और NCCF) माध्यम से किया जाता है।
सरकार ने आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 के साथ चावल के फोर्टिफिकेशन के लिए एक केंद्रीय प्रायोजित योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (ICDS), प्रधानमंत्री-पोषण (PM-POSHAN), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) आदि के अंतर्गत फोर्टिफाइड चावल का वितरण करके समाज के दुर्बल वर्गों में माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी की व्यापकता को दूर करना है। भारत सरकार ने जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याण योजनाओं सहित सरकार की सभी योजनाओं के अंतर्गत फोर्टिफाइड चावल की सार्वभौमिक आपूर्ति जारी रखने का अनुमोदन दे दिया है।
तमिलनाडु सरकार से प्राथमिक सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों और पैक्स से संबंधित अनुरोधों के साथ एक ज्ञापन प्राप्त हुआ था। एक अनुरोध जो बहु-राज्य सहकारी समितियों और परिसंघों सहित सभी सहकारी समितियों में समान है, वह सहकारी उत्पादों और सेवाओं के लिए जीएसटी छूट है। इस पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई निम्नलिखित है :-
हाल ही में जीएसटी सुधारों के तहत, दूध और पनीर पर दर शून्य कर दी गई है, जबकि मक्खन, घी , पनीर, दूध के डिब्बे आदि पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। जैम, जेली, फ्रूट पल्प, फ्रूट जूस-आधारित पेय पदार्थ, चॉकलेट, कॉर्नफ्लेक्स, आइसक्रीम, पेस्ट्री, केक और बिस्कुट सहित खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत श्रेणी पर जीएसटी की दर 12%/18% से घटाकर 5% कर दी गई है। कृषि क्षेत्र में, अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जैसी प्रमुख उर्वरक निविष्टियों, साथ ही विभिन्न जैव-कीटनाशकों और माइक्रोन्यूट्रिएंट पर जीएसटी की दर घटाकर 5% कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, 1800 सीसी से कम के ट्रैक्टरों और आवश्यक ट्रैक्टर के घटकों जिनमें टायर, ट्यूब और हाइड्रोलिक पंप शामिल हैं, पर जीएसटी की दर घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे किसानों और सहकारी समितियों के लिए कुल इनपुट लागत कम हो गई है।
उपरोक्त घटाई गए जीएसटी दरों से सहकारी समितियों के उत्पाद प्रतिस्पर्धी बनने और उनके राजस्व में वृद्धि होने की संभावना है।
यह जानकारी केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।